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Delhi: दिल्ली-एनसीआर के लिए भारी अगले 72 घंटे, दिवाली पर टूट सकता है प्रदूषण का रिकॉर्ड

-दिल्ली में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा -अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी -दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर लगा हुआ है प्रतिबंध

Pollution record may be broken on Diwali, next 72 hours will be tough for Delhi NCR
दिवाली पर टूट सकता है प्रदूषण का रिकॉर्ड, दिल्ली एनसीआर के लिए भारी अगले 72 घंटे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 29, 2024, 3:57 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में हवा में घुल रहा प्रदूषण का जहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 'खराब श्रेणी' में बरकरार है, इस तरह दिल्ली एनसीआर की हवा सांस लेने लायक नहीं है. करीब दो हफ्ते से प्रदूषण ने नई दिल्ली एनसीआर को जकड़ रखा है. अगले 72 घंटे दिल्ली एनसीआर के लिए भारी है. 30 अक्टूबर को छोटी दीवाली और 31 अक्टूबर को दिवाली का त्यौहार है. भले ही दिल्ली एनसीआर में पटाखों के जलाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन अभी से दिल्ली एनसीआर में पटाखे फूटने शुरू हो गए हैं. बताया जा रहा है कि अगले 72 घंटे में दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर (AQI) 400 पार पहुंच सकता है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेताया

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के हालात ठीक नहीं है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 272 दर्ज किया गया है. गाजियाबाद का 226, ग्रेटर नोएडा का 218, और नोएडा का 217 है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर के सभी इलाकों का प्रदूषण स्तर 'खराब श्रेणी' में बना हुआ है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के पीछे प्रमुख कारण हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेतों में जल रही पराली, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं, वाहनों से होने वाला प्रदूषण और हवा की सुस्त रफ्तार है.

दिल्ली एनसीआर के लिए भारी अगले 72 घंटे, दिवाली पर टूट सकता है प्रदूषण का रिकॉर्ड (ETV Bharat)

अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी

मंगलवार सुबह दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर दिखाई दी है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के लेवल में हुए इजाफे के बाद अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि नवंबर के पहले हफ्ते में हवा की रफ्तार और सुस्त होने की संभावना है. हवा की रफ्तार सुस्त होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हो सकता है.

दिल्ली और एनसीआर के कुछ इलाकों मे AQI लेवल

दिल्ली: 273
अलीपुर: 306
आनंद विहार: 318
अशोक विहार: 275
आया नगर: 313
बवाना: 326
चांदनी चौक: 190
आईटीओ: 260
जहांगीरपुरी: 305
लोधी रोड: 254
मंदिर मार्ग: 284
नजफगढ़: 279
नेहरू नगर: 286
नॉर्थ कैंपस: 254
पटपरगंज; 297
पंजाबी बाग: 285
रोहिणी: 288
शादीपुर: 287
सीरीफोर्ट: 277
सोनिया विहार: 310
विवेक विहार: 313
वजीरपुर: 308

गाजियाबाद: 227

इंदिरापुरम: 200
लोनी: 193
संजय नगर: 281
वसुंधरा: 235

नोएडा 222

सेक्टर 125: 248
सेक्टर 62: 218
सेक्टर 1: 201
सेक्टर 116: 228

ग्रेटर नोएडा: 221

नॉलेज पार्क 3: 202
नॉलेज पार्क 5: 240

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स कितना होना चाहिए?

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.

बच्चे-बुजुर्गों के लिए जरूरी TIPS

प्रदूषण के इस संकट में बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा के मरीज सुबह और शाम को न टहलें.
घर से मास्क लगाकर ही बाहर जाएं. अस्थमा रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
अस्थमा के रोगी दवा नियमित समय पर लें.

ये भी पढ़ें: Delhi: दिवाली के बाद सताएगी ठिठुरन वाली सर्दी, पहाड़ों से आ रही हैं सर्द हवाएं, AQI अब भी 300 के करीब-पढ़िए मौसम का हाल

ये भी पढ़ें: Delhi: अगले 15 दिन बहुत अहम… प्रदूषण पर क्या है एक्शन प्लान? गोपाल राय ने बताया

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में हवा में घुल रहा प्रदूषण का जहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 'खराब श्रेणी' में बरकरार है, इस तरह दिल्ली एनसीआर की हवा सांस लेने लायक नहीं है. करीब दो हफ्ते से प्रदूषण ने नई दिल्ली एनसीआर को जकड़ रखा है. अगले 72 घंटे दिल्ली एनसीआर के लिए भारी है. 30 अक्टूबर को छोटी दीवाली और 31 अक्टूबर को दिवाली का त्यौहार है. भले ही दिल्ली एनसीआर में पटाखों के जलाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन अभी से दिल्ली एनसीआर में पटाखे फूटने शुरू हो गए हैं. बताया जा रहा है कि अगले 72 घंटे में दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर (AQI) 400 पार पहुंच सकता है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेताया

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के हालात ठीक नहीं है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 272 दर्ज किया गया है. गाजियाबाद का 226, ग्रेटर नोएडा का 218, और नोएडा का 217 है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर के सभी इलाकों का प्रदूषण स्तर 'खराब श्रेणी' में बना हुआ है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के पीछे प्रमुख कारण हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेतों में जल रही पराली, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं, वाहनों से होने वाला प्रदूषण और हवा की सुस्त रफ्तार है.

दिल्ली एनसीआर के लिए भारी अगले 72 घंटे, दिवाली पर टूट सकता है प्रदूषण का रिकॉर्ड (ETV Bharat)

अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी

मंगलवार सुबह दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर दिखाई दी है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के लेवल में हुए इजाफे के बाद अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि नवंबर के पहले हफ्ते में हवा की रफ्तार और सुस्त होने की संभावना है. हवा की रफ्तार सुस्त होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हो सकता है.

दिल्ली और एनसीआर के कुछ इलाकों मे AQI लेवल

दिल्ली: 273
अलीपुर: 306
आनंद विहार: 318
अशोक विहार: 275
आया नगर: 313
बवाना: 326
चांदनी चौक: 190
आईटीओ: 260
जहांगीरपुरी: 305
लोधी रोड: 254
मंदिर मार्ग: 284
नजफगढ़: 279
नेहरू नगर: 286
नॉर्थ कैंपस: 254
पटपरगंज; 297
पंजाबी बाग: 285
रोहिणी: 288
शादीपुर: 287
सीरीफोर्ट: 277
सोनिया विहार: 310
विवेक विहार: 313
वजीरपुर: 308

गाजियाबाद: 227

इंदिरापुरम: 200
लोनी: 193
संजय नगर: 281
वसुंधरा: 235

नोएडा 222

सेक्टर 125: 248
सेक्टर 62: 218
सेक्टर 1: 201
सेक्टर 116: 228

ग्रेटर नोएडा: 221

नॉलेज पार्क 3: 202
नॉलेज पार्क 5: 240

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स कितना होना चाहिए?

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.

बच्चे-बुजुर्गों के लिए जरूरी TIPS

प्रदूषण के इस संकट में बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा के मरीज सुबह और शाम को न टहलें.
घर से मास्क लगाकर ही बाहर जाएं. अस्थमा रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
अस्थमा के रोगी दवा नियमित समय पर लें.

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