शिमला: देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. हवा प्रदूषण के कारण काफी जहरीली हो गई है. लोगों को सांस लेने में भी मुश्किल हो रही है. वहीं, धुंध के कारण प्रदूषण का लेवल और भी बढ़ा हुआ है. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 624 पर पहुंच गया है ये एकदम खराब श्रेणी में आता है. स्वास्थ्य के लिहाज से ये चिंता का कारण.
दिवाली के बाद हिमाचल में भी कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब हुई है. दिवाली के बाद किसी भी शहर का AQI 50 से नीचे नहीं हैं. आठ शहरों का AQI 100 से ऊपर चला गया. इसमें धर्मशाला, नालागढ़, बरोटीवाला, सुंदरनगर, पांवटा साहिब, परवाणू, ऊना और बद्दी शामिल हैं. 30 और 31 अक्टूबर को हुई आतिशबाजी के बाद ये हालात बने हैं. लगभग सभी शहरों का AQI 50 से ऊपर बना हुआ है.
दिवाली के बाद बढ़ा प्रदूषण का स्तर
पर्यटन नगरी मनाली में भी हवा की गुणवत्ता में खराबी आई है. पहाड़ों में अभी भी वायुगुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में है, लेकिन दिवाली के बाद शिमला,मनाली, धर्मशाला जैसे शहरों में भी हवा खराब हुई है. शिमला के मुकाबले मनाली, धर्मशाला में ज्यादा प्रदूषण देखने को मिला है. पर्यटन नगरी मनाली में भी हवा की गुणवत्ता में खराबी आई है. पहाड़ों में अभी भी वायुगुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में है, लेकिन दिवाली के बाद शिमला,मनाली, धर्मशाला जैसे शहरों में भी हवा खराब हुई है. शिमला के मुकाबले मनाली, धर्मशाला में ज्यादा प्रदूषण देखने को मिला है. 31 अक्टूबर को शिमला का AQI 66 माइक्रोग्राम पर रहा, जो 30 अक्टूबर को 42 माइक्रोग्राम के साथ अच्छे स्तर पर था. वहीं, मनाली में AQI 80 और धर्मशाला में 109 पहुंच गया. 30 अक्टूबर को यहां का AQI 49 और 68 पर पहुंच गया.
2022-2023 में ये थे आंकड़े
2022 में 24 अक्टूबर को धर्मशाला का AQI दिवाली पर 127, शिमला का 47 मापा और डमटाल का 120 दर्ज किया गया था. पांवटा साहिब का 123 और नालागढ़ का 111 दर्ज हुआ था. 2023 में 12 नवंबर को दिवाली के दिन शिमला का AQI 78 माइक्रोग्राम पहुंच गया था. धर्मशाला 140, पांवटा साहिब 111, बरोटीवाला का 96 AQI 96 पहुंच गया था. पिछले दो सालों में दिवाली के बाद धर्मशाला मनाली में हवा की गुणवत्ता खराब हुई है. बीते साल भी ऊना में AQI 153 पहुंच गया था. पांवटा साहिब में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 को पार कर गया था.
2022-2023 में दिवाली से पहले और बाद का AQI | ||||
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शहर | AQI 23 अक्टूबर 2022 | AQI 24 अक्टूबर 2022 | AQI 11 नवंबर 2023 | AQI 12 नवंबर 2023 |
शिमला | 23 | 47 | 38 | 78 |
धर्मशाला | 52 | 127 | 47 | 140 |
मनाली | 41 | 63 | 33 | 55 |
सुंदरनगर | 45 | 57 | 51 | 64 |
ऊना | 68 | 77 | 69 | 153 |
डमटाल | 56 | 57 | 38 | 60 |
परवाणु | 50 | 45 | 23 | 87 |
पांवटा साहिब | 77 | 123 | 118 | 113 |
काला अंब | 65 | 88 | 64 | 83 |
बद्दी | - | - | - | |
बरोटीवाला | - | - | 76 | 96 |
नालागढ़ | 110 | 11 | 64 | 85 |
बारिश न होने से भी बढ़ रहा है प्रदूषण
हिमाचल में मानसून के बाद बहुत कम बारिश हुई है. अक्टूबर महीने में मौसम पूरी तरह से शुष्क रहा है. इसके कारण वायुमंडल में धूलकणों की मात्रा बढ़ गई है. इसके अलावा हिमाचल समेत पंजाब, हरियाणा में जलाई जा रही पराली का असर भी हिमाचल की हवा पर देखने को मिल रहा है.
क्या है AQI
AQI से वायुमंडल में मौजूद खतरनाक गैसों, धूलकणों को मापा जाता है. इसमें PM-10, PM 2.5 समेत SO2, CO, O3, NH3, NOx जैसी जहरीली गैसों को मापा जाता है. इसे पांच भागों में रखा जाता है. 50 और इससे कम सूचकांक अच्छा माना जाता है.51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101-200 थोड़ा प्रदूषण दिखाता है. 201-300 हवा की खराब गुणवत्ता को बताता है. 301-400 बेहद खराब स्थिति होती है. 401- 500 सूचकांक बेहद गंभीर स्थिति को बताता है.
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