नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू हो गया. नोएडा प्राधिकरण की 14 टीमों ने 40 स्थानों का निरीक्षण किया और लोगों को ग्रेप की गाइडलाइन और एनजीटी के नियमों के बारे में जागरूक किया. वहीं, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी एक्शन में दिखाई दिया. इस दौरान प्रदूषण फैलाने पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 10 संस्थानों पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
नोएडा क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए मुख्य मार्गों पर 20 टैंकरों से 63.58 किमी क्षेत्र में शोधित जल का छिड़काव किया जा रहा है. इससे सड़कों पर उड़ने वाली धूल पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके. जन स्वास्थ्य विभाग 12 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से 340 किमी मुख्य मार्गों पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए सफाई करा रहा है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रेप की गाइडलाइन का वॉयलेशन वाले नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 10 संस्थानों पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया गया. जुर्माने की वसूली के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी का कहना कि ये जुर्माना सूरजपुर कासना रोड पर जगत फार्म और कैलाश अस्पताल के पास बन रहे दो फुटओवर ब्रिज के निर्माण के दौरान काफी मात्रा में मिट्टी खोदकर सड़क पर डाली गई थी. जो वाहनों की आवाजाही से मिट्टी उड़ रही थी. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने यहां के ठेकेदारों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
नोएडा में सेक्टर-16 के सामने मिट्टी पड़ी मिलने पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है. फ्यूटेक गेटवे सेक्टर-75 के सामने डिवाइडर के निर्माण कार्य सेक्टर-10 में प्लॉट संख्या 396 व 460 में निर्माण, सेक्टर-117 में एसटीपी की पाइपलाइन के निर्माण कार्य, सेक्टर-122 डीपीएस स्कूल में निर्माण कार्य, सेक्टर-72 सर्फाबाद पुलिस चौकी और सेक्टर-44 स्थित प्लॉट संख्या जी 136 के खिलाफ नियमों का उल्लंघन करने पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया.
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