कवर्धा: 25 अप्रैल को तालपुर गांव की कृषि उपज मंडी में सुबह 6 बजे से पीठासीन अधिकारी और मतदानकर्मियों को मतदान सामग्री वितरण कर मतदान केंद्र के लिए भेजा गया. इस दौरान कलेक्टर जनमेजय मोहबे ने मतदान दल वाहन को हरी झंडी दिखाकर कर रवाना किया.आपको बता दें कि राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के कबीरधाम जिले में दो विधानसभा हैं. कवर्धा विधानसभा और पंडरिया विधानसभा आते हैं. दोनों विधानसभाओं में कुल 804 मतदान केंद्र हैं. जिसमें 6 लाख 53 हजार 438 वोटर्स अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. जिले में महिला वोटर्स की संख्या पुरुष वोटर्स से ज्यादा है.
महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा : कवर्धा जिले में महिला मतदाताओं की संख्या 03 लाख 28 हजार 83 है. वहीं पुरुष मतदाता 03 लाख 25 हजार 353 हैं. जिले में 2 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. वहीं दिव्यांग मतदाता 6 हजार 520 है. इस बार 23 हजार 730 युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे. वहीं 88 मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है.कलेक्टर जनमेजय मोहबे ने बताया कि 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 25 अप्रैल सुबह 6 बजे से मतदान दल को सामग्री वितरण करने की शुरुआत की गई.
'' कवर्धा जिले के 804 मतदान केंद्र में सुरक्षाकर्मी की ड्यूटी लगाई गई है. जिले के 56 एलडब्ल्यू मतदान केंद्र और 14 क्रिटिकल मतदान केंद्र में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की गई है.गर्मी और धूप को देखते हुए मतदान दलों के लिए पेयजल और कूलर की भी व्यवस्था कराई गई है.ताकि किसी को कोई समस्या ना हो साथ ही मेडिकल की टीम और एम्बुलेंस भी मौजूद है.'' जनमेजय मोहबे, जिला निर्वाचन अधिकारी
स्ट्रांग रूम में दिखी अव्यवस्था : लेकिन कलेक्टर के इन दावों और हकीकत के बीच लंबी खाई देखने को मिली. कवर्धा में मतदान दलों को रवाना करने से पहले स्ट्रांग रूम में अव्यवस्था देखने को मिली. तालपुर गांव के कृषि उपज मंडी के स्ट्रांग रूम में भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए थे. 40 डिग्री से ऊपर तापमान में मतदान कर्मियों के लिए पतला टेंट लगाया गया था.जिसके नीचे मतदान कर्मियों को बैठाया गया.हजारों मतदान कर्मियों के लिए गिनती के कूलर की व्यवस्था की गई थी.जिनमें से कई सारे कूलर बंद थे. महिला कर्मी अपने पास रखे कागज और दुपट्टे के सहारे गर्मी से राहत पाने की कोशिश कर रहे थे.
भोजन व्यवस्था नहीं होने से दल होगा परेशान : इस बार जिला निर्वाचन आयोग ने मतदान दलों के लिए होने वाले भोजन व्यवस्था को खत्म कर दिया है, ट्रेनिंग के दौरान ही मतदानकर्मियों को स्पष्ट कर दिया है कि मतदान दलों को मिलने वाले पंचायत स्तर से भोजन की व्यवस्था नहीं होगी. मतदान दल को स्वयं ही राशन सामग्री अपने साथ लेकर जाना होगा.इसके बाद स्कूल के रसोईयों से भोजन बनवाना होगा.