नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली के पानी के मुद्दे पर भाजपा शासित हरियाणा सरकार का बचाव कर रहे एलजी वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखकर पलटवार किया है. उन्होंने लोगों के जीवन से जुड़े पानी के मसले पर राजनीति करने पर एलजी की कड़ी निंदा की है. सीएम ने मांग की है कि एलजी साहब अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाएं या फिर अपना पद छोड़ दें. सीएम आतिशी ने कहा कि एलजी साहब के पत्र में भी स्वीकार किया गया है कि पानी में अमोनिया का स्तर तय सीमा से 700 फीसद ज्यादा है, फिर भी उन्होंने जनहित की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
सीएम आतिशी ने लिखा है कि दिल्ली में पानी की गुणवत्ता का मुद्दा बार-बार आम आदमी पार्टी की सरकार और विधायकों ने उठाया है. अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में तब दखल दिया, जब दिल्ली के लोगों के लिए साफ पानी देने के हमारी मांग को नजरअंदाज किया गया. अगर एलजी को सच में दिल्ली की जनता की फिक्र होती, तो वह हरियाणा को जिम्मेदार ठहराते और इस संकट को रोकते, लेकिन उन्होंने सच बोलने के लिए हमें निशाना बनाया.
आतिशी का एलजी को जवाबी पत्र: मुख्यमंत्री ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को लिखे पत्र में कहा है कि यह पत्र 28 जनवरी को आपके कार्यालय से प्राप्त पत्र के जवाब में है. यह बहुत निराशाजनक है, लेकिन यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आपने दिल्ली के पानी में खतरनाक स्तर पर अमोनिया के मुद्दे को सुलझाने के बजाय बिना किसी आधार के आरोप लगाए हैं, और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रहने और ध्यान भटकाने के लिए झूठा प्रचार किया है.
आतिशी का एलजी पर आरोप: सीएम आतिशी ने कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी दिल्ली के लोगों के प्रति है, न कि आपके राजनीतिक आकाओं और भाजपा के प्रति है. 22 मई 2022 को आपने संविधान और कानून की रक्षा करने, उन्हें मजबूत बनाए रखने और दिल्ली के लोगों के हित के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ ली थी. हालांकि, आपके कार्य यह दिखाते हैं कि आपकी मुख्य प्राथमिकता भाजपा से मिले आदेशों का पालन करना है, न कि संविधान की रक्षा करना, या दिल्ली के लोगों के हितों को प्राथमिकता देना है.
'भाजपा की स्क्रिप्ट पढ़ने के बजाय अपनी जिम्मेदारी निभाएं': सीएम आतिशी ने कहा कि हम तथ्यों पर बात करते हैं. अरविंद केजरीवाल ने यह मुद्दा उठाया कि यमुना का पानी अत्यधिक जहरीले अमोनिया स्तर से भरा हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ का पत्र इस बात की पुष्टि भी करता है. जाहिर है कि आपके दबाव में एक अधिकारी को इस जहरीले पानी की आपूर्ति का बचाव करने की कोशिश करनी पड़ी है. आपकी चिट्ठी में यह भी स्वीकार किया गया है कि पानी में वर्तमान अमोनिया स्तर 7.2 पीपीएम है, जो कि निर्धारित सीमा से 700 फीसद अधिक है. आप और दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ दोनों ही अरविंद केजरीवाल द्वारा उठाए गए इस गंभीर मुद्दे की पुष्टि कर रहे हैं. अगर आपने अरविंद केजरीवाल पर हमले करने के बजाय पानी में अमोनिया के उच्च स्तर के खतरों की जांच करने में अपनी ऊर्जा लगाई होती, तो आपको पता होता कि इस तरह का प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा करता है. पानी में अमोनिया का उच्च स्तर शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाता है और विकास संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है. खासकर बच्चों और उन लोगों के लिए जिनकी पहले से स्वास्थ्य समस्याएं हैं.
आतिशी की एलजी से अपील: सीएम आतिशी ने कहा है कि आपने अरविंद केजरीवाल के बयान को आपत्तिजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य कहा है. लेकिन जो वास्तव में आपत्तिजनक और अस्वीकार्य है, वह है इस पानी संकट के प्रति आपकी उपेक्षा. दिल्ली जल बोर्ड का नियंत्रण आपके पास होते हुए भी आपने इस समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, और न ही जनता के स्वास्थ्य को बचाने के लिए कोई गंभीर प्रयास दिखाए. जो वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है, वह यह है कि आपने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को उन लोगों के हितों से अधिक प्राथमिकता दी, जिनकी सेवा का वादा आपने किया था.
सीएम ने कहा है कि मैं बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में कह रही हूँ कि हम हमेशा, और हमेशा, दिल्लीवासियों के साथ खड़े रहेंगे. हम उनके स्वच्छ और सुरक्षित पीने के पानी के अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे यह आपके राजनीतिक एजेंडे से मेल खाता हो या नहीं. दिल्ली के लोगों की आवाज़ को दबाने और जिम्मेदारी से भागने की आपकी बार-बार कोशिशें सफल नहीं होंगी. आप राजनीतिक खेल खेलते रह सकते हैं, और खाली बयान जारी कर सकते हैं, लेकिन दिल्ली के लोग सब देख रहे हैं. उन्हें ऐसे नेता चाहिए जो पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर उनके हितों को प्राथमिकता दें.
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