लखनऊ/शाहजहांपुर: यूपी के संभल जनपद में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भड़की हिंसा में 4 मुस्लिम युवाओं की मौत के बाद देश में सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टी के नेता जहां सरकार पर अंगुली उठा रहे हैं, वहीं सत्ताधारी दल के नेता विरोधियों की बातों का करारा जवाब देने में लगे हुए हैं. संभल हिंसा पर सोशल मीडिया साइट पर वार शुरू हो गई है.
संभल से सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कहा कि सर्वे करने वाले लाठी डंडे लेकर आए थे, जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे. ये पूरी साजिश थी. मुस्लमान अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है. हमें अफसोस है कि संसद में भी इस मामले को नहीं उठाया गया है. जिन पुलिस वालों की गोली से मुस्लमान मारे गए हैं, उनके खिलाफ मुकदमा कराया जाना चाहिए और सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए.
संभल में अब तक पॉंच मौतें हो चुकी हैं, प्रशासनिक लापरवाही और षडयंत्र दोनों दिख रहा है, सरकार ने मृतक परिवारों के लिये संवेदना का एक शब्द नहीं बोला, उल्टे विपक्ष के नेताओं के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर दी गई।
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) November 25, 2024
संसद में संभल और अडानी पर सवाल ना उठ सके इसलिये संसद स्थगित कर दी गई। pic.twitter.com/VisaUYt11Z
रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि संभल में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया जो कई लोगों की मृत्यु का कारण बना, जिसकी सीधी जिम्मेदार भाजपा सरकार है.
भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना है, मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं. मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें. हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े.
संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2024
प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और…
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि UP के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए गई टीम पर कट्टरपंथी शांतिप्रिय जिहादियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. आश्चर्य की बात यह है कि अगर प्रतिकार में पुलिस वालों ने गोलियां चला दीं तो कई देश विरोधी ताकतों द्वारा छाती पीटने का कार्यक्रम जारी हो गया.
जब इन्हें पता है और लगता है कि वहां मस्जिद ही थी तो सर्वे होने पर आपत्ति क्यों? कभी हिंदुओं को देखा है, इतना समर्पित अपने धर्म के प्रति? जबकि सबको पता है, भारत में इन लोगों ने आधे से अधिक मंदिरों को तोड़कर मस्जिद और दरगाह बना डाली हैं.
UP के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए गई टीम पर कट्टरपंथी शांतिप्रिय जिहादियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.....
— Dr. Sudhanshu Trivedi Satire (@SudhanshuSatire) November 24, 2024
आश्चर्य की बात यह है, की अगर प्रतिकार में पुलिस वालो ने गोलियां चला दी तो कई देश विरोधी ताकतों द्वारा छाती पीटने का कार्यक्रम जारी हो जायेगा।
जब… pic.twitter.com/bxMgcwBwMa
कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी का कहना है कि संभल में अब तक 4 मौतें हो चुकी हैं, प्रशासनिक लापरवाही और षडयंत्र दोनों दिख रहा है, सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिये संवेदना का एक शब्द नहीं बोला, उल्टे विपक्ष के नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई. संसद में संभल और अडानी पर सवाल ना उठ सके, इसलिए संसद स्थगित कर दी गई.
संभल हिंसा पर भाजपा नेता नरेंद्र कश्यप ने कहा कि संभल में एक पार्टी विशेष और धर्म विशेष के लोग न्यायालय के आदेशों के खिलाफ जाकर हिंसा कर रहे हैं, जिसे प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी. अखिलेश यादव और राहुल गांधी पर निशान साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी जब-जब हारती है तब-तब वह पुलिस और प्रदेश सरकार पर आरोप लगाती है. उन्होंने कहा कि दंगाइयों और अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर तैयार है. कानून और न्यायालय अपना काम करेगा और हिंसा करने वाले को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। प्रशासन ने…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 25, 2024
कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा का कहना है कि संभल में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया.
प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा. सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए. प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि हर हाल में शांति बनाएं रखें.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. गिरीश ने संभल में हुई हिंसा के लिए सरकार और हिंदुत्ववादियों को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में विभाजनकारी हिन्दुत्व की राजनीति के माध्यम से अपने पक्ष में परिणाम आने से भाजपा है.
मुख्यमंत्री ने राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से सांप्रदायिक विभाजन को और गहरा करने को ही संभल में उकसावे की कार्रवाई कराई, जिसमें चार लोग मारे गए और अनेक घायल हुए हैं. इस घटना के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की इच्छानुकूल काम करने वाला प्रशासन भी पूरी तरह जिम्मेदार है. न्यायपालिका की तरफ से इस घटना की ज़िम्मेदारी निर्धारित की जानी चाहिए और जनता के सामने सच लाकर दोषियों को सजा दी जानी चाहिए.
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है. संभल में जिस तरह से खूनी होली खेली गई, 4 लोगों की मौत हो गई. मंदिर और मस्जिद में लोग शांति के लिए जाते हैं. अगर मंदिर और मस्जिद के नाम कर कत्ल होने लगे तो ये इंसानियत का कत्ल है. मैं इसकी निंदा करता हूं.
सोशल मीडिया साइट X के एक यूजर संदीप मिश्रा ने पोस्ट किया है, कोर्ट द्वारा जामा मस्जिद के सर्वे करने वाली टीम और पुलिसवालों के ऊपर जिन “धर्म विशेष” के लोगों ने पत्थरबाजी की है अब उनकी सात पुश्तें अफसोस करेंगी, क्योंकि जब योगी आदित्यनाथ जी का “हंटर” चलता है तो मुर्दे भी कब्र से उठ कर अपना गुनाह कबूल करते हैं.
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