रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिजली के दामो में हुई बढ़ोत्तरी के विरोध में स्टील उद्योग संगठनों ने तालाबंदी का ऐलान कर दिया है. प्रदेश के डेढ़ सौ से अधिक स्टील उद्योगों में सोमवार की रात 12 बजे से उत्पादन बंद रहेगा. इस मुद्दे को लेकर भी अब प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर छोटे उद्योगों को अडानी के सामने मजबूर करने की साजिश है. जिसके जरिए वह अडानी को अपना उद्योग बेच दें. इस मुद्दे पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
भाजपा ने कहा है जब कांग्रेस सत्ता में थी तो वह अडानी का नाम जपती थी. राहुल का फोन आने के बाद अडानी को भूपेश सरकार ने ही कोयला खदान देने की परमिशन दी.
कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप: प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा, "राज्य की भाजपा सरकार की ओर से प्रदेश में घोषित तौर पर 8 फीसद बिजली के दामों में वृद्धि की गई है, लेकिन अघोषित तौर पर बात की जाए तो बिजली के दाम लगभग दोगुने कर दिए गए हैं. जिन उद्योगों को पिछले 5 साल में सब्सिडी देखकर राहत देने का काम हमारी सरकार ने किया. उन उद्योगों को बिजली के दाम बढ़ाकर यह सरकार पूरी तरीके से खस्ताहाल करने के कगार पर पहुंचा दिया है."
"हम सरकार से मांग करते हैं कि बिजली के दाम तत्काल घटाए जाएं. इसके अलावा बिजली बिल के दाम इसलिए बढ़ाया गए हैं, क्योंकि जो छोटे उद्योग है वह अडानी के पावर प्लांट से महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर हो जाए. इसलिए सरकार ने अदानी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया है. छत्तीसगढ़ के छोटे-छोटे उद्योगों को सड़क पर लाने की साजिश की गई है.": सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग
कांग्रेस ने किया पलटवार: कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा, "कांग्रेस विपक्ष में है, उसका काम है आरोप लगाना. वह अडानी-अडानी की माला जपते रहते हैं. अडानी की कोयला खदान को काटने का परमिशन भूपेश बघेल ने ही दिया था. आप वन की कटाई करो, खदान चालू करो. इन्होंने खुद अडानी से मालूम नहीं कौन सी सेटिंग की थी. क्या लेना-क्या देना था? ऐसा सुनने में आता है और यह स्पष्ट भी है, क्योंकि पूर्व में राजस्थान के मुख्यमंत्री यहां आए थे. तब राहुल ने फोन किया था, अडानी को सहयोग करो. भाजपा विकास की राह पर चलने वाली पार्टी है. उत्पादकता को बढ़ाने पर हमारा जोर रहता है. उद्योगपतियों की जो भी मांग है, उस पर सरकार विचार करेगी. कमियों को दूर किया जाएगा, जो मान्य मांगें होगी, वो पूरी होगी."
कुल मिलाकर दोनों सियासी दल एक दूसरे पर प्रहार कर रही है. कांग्रेस अडानी का नाम लेकर बीजेपी पर प्रहार कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी कांग्रेस पर अडानी से सेटिंग की बात कह रहे हैं.