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धान पर सियासी धमक, एमएसपी पर गरमायी राजनीति! - MSP POLITICS

झारखंड विधानसभा सत्र के अंतिम दिन धान पर सदन के अंदर और बाहर हंगामा हुआ. भाजपा ने इंडिया ब्लॉक को अपना वादा याद दिलाया.

Politics on MSP of paddy in Jharkhand
भाजपा और कांग्रेस के विधायक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 12, 2024, 3:24 PM IST

रांची: झारखंड में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल करने को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी में विधानसभा चुनाव के दौरान इंडिया ब्लॉक की घोषणा पत्र के अनुसार धान का एमएसपी 3200 रु. प्रति क्विंटल करने की मांग की, साथ ही 2400 रु. की वृद्धि को जनता के साथ धोखा करार दिया है. वहीं पांकी से भाजपा के विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने अपनी स्थिति का हवाला देते हुए वादा निभाने की गुहार सरकार से लगाई है.

हमें धान का 1900 रुपये क्विंटल भी नहीं मिल रहा रेट, पूंजी निकलना मुश्किल- भाजपा विधायक

भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने घोषणा पत्र के अनुसार इंडिया ब्लॉक की सरकार द्वारा धान की क्रय शुरू नहीं करने को किसानों के साथ धोखा बताते हुए कहा कि खुद उनको धान की लागत का भाव नहीं मिल रहा है. उनका सात-आठ सौ बोरा धान पड़ा हुआ है जिसे चूहे बर्बाद कर रहे हैं. भाजपा विधायक ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द अपने वादे के अनुसार MSP बढ़ाकर ₹3200 प्रति क्विंटल कर देना चाहिए ताकि किसानों को थोड़ा राहत मिले.

धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भाजपा और कांग्रेस विधायक के बयान (ETV Bharat)

एक बार में सभी खाना नहीं परोसा जाता है- कांग्रेस

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य को 3200 रु. प्रति क्विंटल करने और तत्काल इसी दर पर धान खरीद करने की मांग पर कांग्रेस के विधायक ने प्रतिक्रिया दी. विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि थोड़ा धैर्य रखिये, एक ही बार पूरा खाना नहीं परोसा जाता है.

अन्नदाताओं की मानसिकता, बिचौलिए को धान बेचना चाहते हैं- राजेश कच्छप

झारखंड में किसानों को घोषणा पत्र के अनुसार धान की कीमत नहीं मिलने पर कांग्रेस विधायक ने अजीब दलील दी है. विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि दरअसल यहां के किसानों की मानसिकता ही ऐसी है कि वह बिचौलियों से ही धान बेचना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अभी सरकार पिछले घोषणा पत्र के अनुसार धान का क्रय कर रही है.

सरकार बनने पर 3200 रुपये क्विंटल धान क्रय का था वादा

भारतीय जनता पार्टी धान क्रय के मुद्दे को इसलिए जोरशोर से उठा रही है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के दलों ने धान का 3200 रु. एमएसपी का वादा किया था. लेकिन अभी धान क्रय 2400 रुपये प्रति क्विंटल का दर रखा है.

इसे भी पढ़ें- देवघर में 15 दिसंबर से शुरू होगी धान खरीद, किसानों को जागरूक करने के लिए उपायुक्त ने दिए आवश्यक निर्देश

इसे भी पढे़ं- लातेहार में धान की बंपर खेती, किसानों में उत्साह, सरकार से अच्छे दाम की उम्मीद

इसे भी पढ़ें- झारखंड में अरहर और नाशपाती की खेती पर शोध करवाएगा कृषि मंत्रालय, दलहन पर तय होगा एमएसपी: शिवराज सिंह चौहान - Agriculture Ministr Shivraj

रांची: झारखंड में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल करने को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी में विधानसभा चुनाव के दौरान इंडिया ब्लॉक की घोषणा पत्र के अनुसार धान का एमएसपी 3200 रु. प्रति क्विंटल करने की मांग की, साथ ही 2400 रु. की वृद्धि को जनता के साथ धोखा करार दिया है. वहीं पांकी से भाजपा के विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने अपनी स्थिति का हवाला देते हुए वादा निभाने की गुहार सरकार से लगाई है.

हमें धान का 1900 रुपये क्विंटल भी नहीं मिल रहा रेट, पूंजी निकलना मुश्किल- भाजपा विधायक

भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने घोषणा पत्र के अनुसार इंडिया ब्लॉक की सरकार द्वारा धान की क्रय शुरू नहीं करने को किसानों के साथ धोखा बताते हुए कहा कि खुद उनको धान की लागत का भाव नहीं मिल रहा है. उनका सात-आठ सौ बोरा धान पड़ा हुआ है जिसे चूहे बर्बाद कर रहे हैं. भाजपा विधायक ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द अपने वादे के अनुसार MSP बढ़ाकर ₹3200 प्रति क्विंटल कर देना चाहिए ताकि किसानों को थोड़ा राहत मिले.

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एक बार में सभी खाना नहीं परोसा जाता है- कांग्रेस

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य को 3200 रु. प्रति क्विंटल करने और तत्काल इसी दर पर धान खरीद करने की मांग पर कांग्रेस के विधायक ने प्रतिक्रिया दी. विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि थोड़ा धैर्य रखिये, एक ही बार पूरा खाना नहीं परोसा जाता है.

अन्नदाताओं की मानसिकता, बिचौलिए को धान बेचना चाहते हैं- राजेश कच्छप

झारखंड में किसानों को घोषणा पत्र के अनुसार धान की कीमत नहीं मिलने पर कांग्रेस विधायक ने अजीब दलील दी है. विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि दरअसल यहां के किसानों की मानसिकता ही ऐसी है कि वह बिचौलियों से ही धान बेचना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अभी सरकार पिछले घोषणा पत्र के अनुसार धान का क्रय कर रही है.

सरकार बनने पर 3200 रुपये क्विंटल धान क्रय का था वादा

भारतीय जनता पार्टी धान क्रय के मुद्दे को इसलिए जोरशोर से उठा रही है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के दलों ने धान का 3200 रु. एमएसपी का वादा किया था. लेकिन अभी धान क्रय 2400 रुपये प्रति क्विंटल का दर रखा है.

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