रायपुर: छत्तीसगढ़ में रेल पर राजनीति का दौर जारी है. राखी त्यौहार से पहले इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने बीजेपी की राज्य और केंद्र सरकार दोनों पर हमला बोला है. उनका कहना है कि प्रदेश में 10 बीजेपी सांसदों के होने के बाद छत्तीसगढ़ से सौतेला सलूक किया जारहा है. फेस्टिव सीजन में लोगों को परेशानी हो रही है लेकिन इसे देखने और सुनने की बजाय सांसद संसद में इस मुद्दे को नहीं उठा रहे हैं.
"छत्तीसगढ़ से हो रहा सौतेला सलूक": कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी के 10 सांसदों वाले छत्तीसगढ़ प्रदेश में 72 ट्रेनें रद्द हो गई. बीजेपी सांसद और नेताओं की तरफ से इस पर कोई सवाल नहीं खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से पीसीसी चीफ दीपक बैज और पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.
"कोरोना काल से छत्तीसगढ़ में यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. गुड्स ट्रांसपोर्टिंग और कोयला परिवहन को सरकार ज्यादा महत्व दे रही है. छत्तीसगढ़ के साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. गरीब और मिडिल क्लास के यात्रा के साधन रेल को बाधित किया जा रहा है. इस तरह से करना ठीक नहीं है. 72 ट्रेनें रद्द करना यह जनता के साथ अन्याय है. छत्तीसगढ़ ने बीजेपी को 10 सांसद दिए हैं उसके बावजूद सौतेला व्यवहार होना ठीक नहीं है. प्रदेश के बीजेपी सासंदों को सदन में बात उठानी चाहिए. जरूरत पड़ी तो हम दोबारा इस मुद्दे पर आंदोलन करेंगे": भूपेश बघेल, पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़
दीपक बैज ने इसे छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य बताया: दीपक बैज ने इसे छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य बताया है और बीजेपी सरकार पर हमला किया है.
"ये छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है. जहां डबल इंजन की सरकार है और छत्तीसगढ़ के 10 सांसद भाजपा के जीत कर जाते हैं, उसके बाद भी सिर्फ छत्तीसगढ़ के साथ धोखा. छत्तीसगढ़ के साथ विश्वासघात, छत्तीसगढ़ के हक को मारना, यह जिस तरह से मोदी सरकार कर रही है इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. 10 बीजेपी सांसद जो भाजपा के जीत कर आए हैं,उन्हें भी केंद्र सरकार से मांग करना चाहिए की वह यहां यात्री ट्रेनों को रद्द न करें. अगर सरकार ने इस पर विचार नहीं किया तो हम दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे": दीपक बैज, पीसीसी चीफ
बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस ने बीजेपी के इन आरोपों पर पलटवार किया. छत्तीसगढ़ बीजेपी के मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस लगातार विकास के कामों पर चिल्लाने का काम करती है. कांग्रेस ने 60 सालों में रेलवे का कितना उद्धार किया, कितना बजट दिया. कांग्रेस यह बताने का दम रखे कि उन्होंने कोई काम नहीं किया. मनमोहन सिंह की सरकार में छत्तीसगढ़ को रेलवे बजट में क्या मिला और कितनी ट्रेनें चलाई इसके बारे में बताए. उन्होंने कितने नए रेलवे ट्रैक बिछाए और कितने रेल मार्गों पर विद्युतीकरण किया इसके बारे में बताए.
बीजेपी के कांग्रेस से सवाल: राज्य बीजेपी के मीडिया प्रमुख ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से सवाल किया है. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस सरकार में कितनी स्पीड ट्रेनें चलाई गई इसके बारे में बताएं. कितने रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया गया यह बताएं. कितने स्टेशनों को अपडेट किया गया इसके बारे में जानकारी दें. कांग्रेस एक भी काम को नहीं गिना पाएगी. उनका काम सिर्फ आरोप लगाना है. विपक्ष का काम रचनात्मक सुझाव देना होता है. कांग्रेस आरोप लगाकर भाग जाती है"
"कांग्रेस रेलवे से जुड़ी बातें उठा रही है. प्रदेश में रेलवे के विकास का काम हो रहा है यह भी जनहित का काम है. इसलिए कांग्रेस जनहित के काम को गंभीरता से नहीं ले रही है. अचानक से ट्रेनें रद्द करने से लोगों को निश्चित तौर पर तकलीफ होती है. हर कोई इससे अवगत है. विकास के काम के साथ जनता को परेशानी न हो इस विषय पर भी हम प्रयास करते हैं. अभी समस्या हो रही है लेकिन आने वाले समय में इससे सुविधा बढ़ेगी": अमित चिमनानी, मीडिया प्रमुख, छत्तीसगढ़ बीजेपीॉ
छत्तीसगढ़ में रेल पर सियासी खेल राखी से पहले शुरू हो चुका है. अब देखना होगा कि इस पॉलिटिक्स से जनता को कितना फायदा होता है.