जयपुर. जयपुर. वैभव गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. पद से इस्तीफा देने के बाद वैभव गहलोत ने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में सत्ता बदल चुकी है. ऐसे में सरकार का रवैया देख कर लग रहा था कि वो उन्हें काम नहीं करने देगी. इसी के चलते उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, उन्होंने इस संबंध किसी भी जिला संघ के पदाधिकारी से कोई चर्चा नहीं की, लेकिन जिस तरह के हालात आरसीए में बने हैं, उसमें पद से इस्तीफा देना ही उचित समझा. वहीं, जिला संघों के पदाधिकारियों ने गहलोत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का कारण उनके तानाशाही रवैए को बताया. साथ ही कहा कि कांग्रेस शासनकाल में आरसीए पर कब्जा कर लिया गया था.
आरएस नांदू का वैभव गहलोत पर प्रहार : दो दिन पहले क्रीड़ा परिषद की ओर से आरसीए को दी हुई संपत्तियों पर ताला जड़ने के बाद से जहां प्रदेश में राजनीति गरमाई हुई है. वहीं, अब आरसीए के अध्यक्ष पद से वैभव गहलोत के इस्तीफा देने के बाद तमाम क्रिकेट जिला संघ भी खुलकर मुखर हुए हैं. नागौर जिला क्रिकेट संघ के सचिव व आरसीए के पूर्व सेक्रेटरी आरएस नांदू ने कहा कि राजस्थान क्रिकेट संघ पर कांग्रेस सरकार आने पर कब्जा कर लिया गया था. साथ ही गलत तरीके से जिला संघ में एडहॉक कमेटी बनाई गई और उसके बाद प्रेशर पॉलिटिक्स की गई. यहां तक कि जिला क्रिकेट संघ को डराया धमकाया गया. इसका दुष्परिणाम तो आना ही था.
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सबसे बड़ी बात यह है कि कुछ कांग्रेसी ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आतुर थे और आखिर में उन्हें इस्तीफा देकर जाना पड़ा. जिन लोगों के भरोसे वैभव गहलोत ने राजनीति की, वो ही समय आने पर उनका साथ छोड़कर चले गए. नांदू ने कहा कि हमने 5 साल संघर्ष किया, वो 5 मिनट भी संघर्ष नहीं कर पाए. अगर उन्होंने क्रिकेट के विकास के लिए काम किया होता तो उनके साथ लोग खड़े होते, लेकिन शायद उन्होंने लोगों का सम्मान नहीं रखा. उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई. इसलिए अंत में उन्हें इस्तीफा देकर जाना पड़ा.
लोकतांत्रिक तरीके से होगा अध्यक्ष का चयन : वहीं, अध्यक्ष की कुर्सी पर नए चेहरे को लेकर उन्होंने कहा कि राजस्थान क्रिकेट संघ में एक लोकतांत्रिक तरीका है. क्रिकेट एक्ट है. लोढ़ा पैनल की एप्रोच है, जो भी संविधान के अनुसार होगा, उसके तहत कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, गहलोत ने गंगानगर, अलवर, बांसवाड़ा सहित कई जिलों को भंग कर दिया था. रामेश्वर डूडी के साथ जो किया वो किसी से छुपा नहीं है, लेकिन सरकार बदली तो उनके लोगों की निष्ठा भी बदल गई. उन्होंने जो बंधक बनाए थे, उन्हें लगा कि वो अब खुली हवा में सांस ले सकते हैं और बदलाव आ गया.
उन्होंने आईपीएल के मुकाबलों को लेकर कहा कि बीसीसीआई की ओर से जो भी मुकाबला जयपुर को मिले हैं, वो यही होंगे. सब मिलकर काम करेंगे. सरकार की भी मंशा यही है कि खेल आगे बढ़े और खेल को आगे बढ़ाने के लिए वो सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े हैं.
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वैभव गहलोत के आरोप को बताया गलत : भरतपुर जिला संघ के सचिव शत्रुघ्न तिवाड़ी ने कहा कि सरकार बदलने से द्वेषता पूर्ण कार्रवाई की बात कहां से आ रही है. क्रिकेट जगत में वैभव गहलोत का जन्म ही राजनीति से हुआ है. वो जोधपुर के रहने वाले थे. राजसमंद जाकर चुनाव लड़ा. खुद वहां के मेंबर भी नहीं थे. दादागिरी करके तीन जिला संघ को आउट कर दिया. आज उन्हें राजनीति याद आ रही है. असल बात यह है कि उनके तानाशाही रवैए के कारण ही जिला संघ उनसे नाराज हो गए. उन्होंने सभी जिलों में कांग्रेसी बैठा दिए. किसी में राष्ट्रीय प्रवक्ता किसी में जिला प्रवक्ता बैठा दिया, लेकिन अब भाजपा सरकार में लोगों को लग रहा है कि लोकतंत्र जिंदा है, इसलिए अब उन्होंने आजादी के साथ अपना फैसला ले लिया.
संगीता बेनीवाल ने लगाए ये आरोप : कांग्रेस नेता संगीता बेनीवाल ने राजस्थान क्रिकेट संघ के मौजूदा घटनाक्रम को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष वैभव गहलोत पर जिस तरह से राजनीतिक दबाव डालते हुए इस्तीफा लिया गया है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. बेनीवाल ने दावा किया कि वैभव गहलोत ने क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम किया और खेल प्रेमियों में ऊर्जा का संचार किया, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर आरसीए के घटनाक्रम को सियासत से प्रेरित करार दिया था.