पटनाः 4 जून को नतीजों से पहले कई सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल में फिर एक बार NDA की सरकार बनती दिख रही है. हालांकि बिहार में NDA को नुकसान होता दिख रहा है. एग्जिट पोल में बिहार की 40 सीटों में से NDA को 33-35 सीटें मिल रही हैं जबकि इंडी गठबंधन को 5 से 7 सीट मिल रही हैं. इस एग्जिट पोल को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गयी है.
एग्जिट पोल पर आरजेडी के सवालः विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल पर आरजेडी ने सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि "मोदी घराने के पत्रकार सातवें चरण के बाद एग्जिट पोल लेकर आए हैं.49 डिग्री की भीषण गर्मी के बीच कोई भी पत्रकार गांव और कस्बों में नजर नहीं आया.ये लोग AC में बैठकर सर्वे कर रहे हैं."
"ये तो पर्चा लिख 5 दिन पहले ही कह दिया गया था.आरजेडी एग्जिट पोल नहीं एग्जैक्ट पर विश्वास करता है. 2024 चुनाव में भी इंडिया साइनिंग वाला हाल होगा. बिहार के लोगों ने तेजस्वी यादव के विजन के ऊपर मतदान किया है. इस बार निष्पक्ष काउंटिंग होगी, इसको लेकर विपक्ष के नेता कमर कस कर तैयार हैं." शक्ति सिंह यादव, मुख्य प्रवक्ता, आरजेडी
बीजेपी का पलटवारः एग्जिट पोल को लेकर आरजेडी ने सवाल खड़े किए तो बीजेपी ने पलटवार किया.बीजेपी के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि "4 जून में बहुत ज्यादा दिन नहीं बचे हैं.इन सभी बातों से पर्दा उठ जाएगा. आरजेडी के प्रवक्ता राजनीतिक नौकरी कर रहे हैं.सच्चाई जानते हुए भी लालू प्रसाद यादव और उनके लाल के खिलाफ ये लोग नहीं जा सकते हैं."
'क्या कहते हैं विश्लेषक ?': वहीं एग्जिट पोल को लेकर वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का कहना है कि "एग्जिट पोल हो या एग्जैक्ट पोल. परिणाम 4 जून को आ रहा है. 4 जून तक इस पर राजनीति होगी और राजनीतिक दलों को राजनीति करने का अधिकार भी है. 2004 से लेकर 2024 तक कई बार ऐसे हुए हैं कि एग्जिट पोल के विपरीत भी चुनाव परिणाम देखने को मिला है."
"सैंपल के आधार पर ही कोई संस्था सर्वेक्षण करवाती है. ये सर्वे मैथमेटिकल, स्टैटिसटिक्सकल और साइंटिफिक भी होता है. यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं. आरजेडी अपनी जीत का दावा कर रहा है और एनडीए के नेताओं को यह लग रहा है कि 18 लोकसभा क्षेत्र में जहां पर महिला मतदाताओं ने ज्यादा वोटिंग की है उनका मत एनडीए को मिलेगा" डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
केंद्र की सत्ता में यूपी-बिहार की अहम भूमिकाः कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता बिहार और उत्तर प्रदेश के रास्ते से होकर दिल्ली तक पहुंचती है. यही कारण है कि बिहार में सफलता के लिए NDA और इंडी गठबंधन के नेताओं ने जमकर मेहनत की. NDA की ओर से पीएम मोदी, अमित शाह , जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ, नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी और चिराग पासवान ने मोर्चा संभाल रखा था तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी की जोड़ी नजर आ रही थी.
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