बलरामपुर: बीते दिनों बजरंग दल के सह संयोजक रहे सुजीत स्वर्णकार की हत्या बड़ी ही बेरहमी से कर दी गई. हत्याकांड के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की है. पुलिस के हाथ अबतक हुए जांच में कोई भी सुराग नहीं लगा है. सुजीत हत्याकांड से नाराज विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अब जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वीएचपी और बजरंग दल ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. दोनों हिंदू संगठनों का कहना है कि मृतक परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि दी जानी चाहिए. जांच में जो भी दोषी अधिकारी है उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग: सुजीत स्वर्णकार हत्याकांड में वीएचपी और बजरंग दल का आरोप है कि पुलिस प्रशासन मामले में लीपापोती करने की कोशिश कर रही है. घटना के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है.
सुजीत स्वर्णकार बजरंग दल में सह संयोजक के पद पर थे. वो लगातार गो सुरक्षा को लेकर सक्रिय रहे. गो तस्करों के खिलाफ वो हमेशा काम करते रहे. पंचमाने में इस बात का साफ उल्लेख है कि उनके हाथों की उंगलियां टूटी हुई मिली हैं. उनको तड़पा तड़पाकर मारा गया है. गर्दन तोड़ी गई है. जीवत स्थिति में शरीर को करंट लगाया गया. हत्या के बाद मृत शरीर को जंगल में फेंक दिया गया. ये हिंदू गो रक्षकों का मनोबल तोड़ने की कोशिश है. ये एक साजिश की तहत किया गया है. - मनीष बुचासिया, जिला अध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, जिला दुर्ग
''हत्या के पीछे बड़ी साजिश'': प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वीएचपी और बजरंग दल के नेताओं ने कहा कि जिस लड़की की हत्या की गई उसकी बड़ी बहन को फोन आया था. फोन करने वाला गो तस्कर था. इसी तरह से जिहादियों ने कवर्धा में साधराम यादव की हत्या कर दी थी. प्रदेश में लव जिहाद और गो तस्करी सहित धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं.