कांकेर: बीजापुर के पीडिया में हुए नक्सल मुठभेड़ पर सियासी घमासान चरम पर पहुंच गया है. सर्व आदिवासी समाज और पीडिया के ग्रामीण इस एनकाउंटर पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. अब इस मुठभेड़ पर कांग्रेस और मौजूदा बीजेपी की सरकार में ठनी हुई है. कांकेर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीसीसी चीफ दीपक बैज ने गृह मंत्री विजय शर्मा को चुनौती दे डाली और कहा कि मैं पीड़िया जाने को तैयार हूं क्या मेरे साथ गृह मंत्री विजय शर्मा पीड़िया चलेंगे.
" पीड़िया मुठभेड़ में कांग्रेस पार्टी और आदिवासी समाज की जांच कमेटी को सरकार के लोग फर्जी बता रहे हैं. मैं गृह मंत्री जी को चैलेंज कर रहा हूं. वह मेरे साथ पीडिया चलें मैं उनके साथ पीड़िया जाने को तैयार हूं.": दीपक बैज, पीसीसी चीफ
दीपक बैज ने नक्सल पुनर्वास नीति पर किया कटाक्ष: दीपक बैज ने नक्सलियों के पुनर्वास को लेकर जो नीति बनाई जा रही है उस पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि" मैंने डिप्टी सीएम और गृह मंत्री को लिखित में सुझाव दिए हैं. जिसमें मैंने लिखा है कि पहले सरकार नक्सल नीति को स्पष्ट करे फिर पुनर्वास नीति पर बात करे"
"हमारी सरकार में नक्सल पुनर्वास नीति अच्छी थी तभी तो कई नक्सलियों ने सरेंडर किए. क्या आदिवासियों की मौत से सरकार शांति लाना चाह रही है. अगर गृहमंत्री जी पीडिया मुठभेड़ में कांग्रेस की जांच को फर्जी बता रहे हैं. आदिवासी समाज की जांच कमेटी को फर्जी बता रहे हैं.क्या वे पीडिया चलने को तैयार हैं, मेरे साथ वो पीडिया चलें. कांग्रेस पार्टी ने ग्रामीणों के बताए अनुसार इसे फर्जी बताया है": दीपक बैज, पीसीसी चीफ
"आदिवासियों ने भी इस मुठभेड़ को बताया फर्जी": दीपक बैज ने कहा कि "बस्तर के आदिवासी समाज ने भी टीम बनाकर जांच की है उन्होंने भी इस घटना को पूरे तरीके से फर्जी बताया है. यही वजह है कि इसी के तहत पूरे बस्तर बन्द का एलान आदिवासी समाज ने किया. दीपक बैज ने गृह मंत्री पर भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है. पीडिया मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी है आखिर सरकार इस मामले में सिटिंग हाईकोर्ट के जज से जांच कराने से क्यों डर रही है"
10 मई को हुआ था पीडिया एनकाउंटर: बीजापुर के पीडिया में दस मई को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें कुल 12 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. दूसरी तरफ आदिवासी समुदाय और ग्रामीणों का दावा है कि यह एनकाउंटर फर्जी है. तेंदुपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों को पुलिस ने नक्सली बताकर मार दिया है. सरकार और सुरक्षा बलों का कहना है कि इस एनकाउंटर में मारे गए सभी लोग नक्सली हैं क्योंकि उनके खिलाफ नक्सल हिंसा के तहत कई केस दर्ज हैं. यह केस कांग्रेस सरकार में दर्ज हुए थे. इस बात को खुद डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है.