हजारीबागः भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने अपने मताधिकार का उपयोग नहीं किया. इसे लेकर हजारीबाग की राजनीति गर्म होती जा रही है. आरोप-प्रत्यारोप भी दौर देखने को मिल रहा है. हजारीबाग लोकसभा सीट का चुनाव भले ही समाप्त हो चुका हो और प्रत्याशी आकलन कर रहे हैं कि किस किस मतदान केन्द्र से कितना मत उन्हें मिला है. लेकिन इस चर्चा में यह बात भी शामिल है कि आखिर सांसद जयंत सिन्हा मतदान क्यों नहीं किया.
हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने 20 मई को मतदान नहीं किया. जनप्रतिनिधि होने के बावजूद वे इस महापर्व से क्यों दूर रहे. ये सवाल आम जनता से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में चर्चा का विषय बना हुए है. मतदान संपन्न होने बाद यह आकलन किया जा रहा है किस मतदान केंद्र से किस उम्मीदवार को कितने मत मिले हैं तो यह भी चर्चा है कि जयंत सिन्हा अचानक गायब क्यों हो गए.
इस मुद्दे को लेकर जिला कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह का कहना है कि यह उनका निजी मामला हो सकता है. लेकिन भाजपा द्वारा नोटिस देने पर उन्होंने कहा कि हजारीबाग में कांग्रेस अच्छी स्थिति में है और हताशा के कारण भाजपा ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है.
दूसरी ओर हजारीबाग के भाजपा जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम सिमरिया में था. इसकी सूचना सांसद जयंत सिन्हा को फोन से दी गई थी लेकिन वे आए नहीं. इस चुनावी कार्यक्रम में भी उनकी उपस्थिति नहीं रही. इसे लेकर पार्टी ने नोटिस जारी किया है. जनप्रतिनिधि को मतदान तो अवश्य करना चाहिए. उनका ये भी कहना है वर्तमान समय में हजारीबाग के वे सांसद हैं इसे नकारा भी नहीं जा सकता और वो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं.
सांसद जयंत सिन्हा के कार्यकलापों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे पार्टी से नाराज चल रहे हैं क्योंकि भाजपा ने उनकी टिकट काट दी. लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा नहीं लेना ये अच्छे संकेत भी नहीं माने जाएंगे. इसे लेकर हजारीबाग समेत पूरे राज्य भर में चर्चा का बाजार गर्म है.
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