रांची: पहले चरण का चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न करने के बाद चुनाव आयोग की नजर एक तरफ जहां दूसरे एवं अंतिम चरण के मतदान पर है. वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों ने 20 नवंबर को होने वाले अंतिम चरण के चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. दूसरे एवं अंतिम चरण में कुल 38 सीटों पर मतदान होने हैं जिसमें अधिकांश सीटें संथाल की हैं.
राजनीतिक दृष्टि से अहम माने जानेवाले इस चुनाव में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित कई राजनीतिक हस्तियों का भी भविष्य तय होने वाला है. इधर संथाल को लेकर राजनीतिक भविष्यवाणी अभी से शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सोनल शांति कहते हैं कि 2019 की तरह इस बार भी इंडिया गठबंधन यहां जीत दर्ज करेगी.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जिस तरह से संताल को बांटने की कोशिश की है वह कामयाब नहीं होंगे. इधर बीजेपी ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदों पर पानी फेरने का दावा किया है. बीजेपी प्रवक्ता अशोक बड़ाईक ने दावा करते हुए कहा है कि इस बार रोटी, बेटी माटी और बंगलादेशी घुसपैठ का ही मुद्दा छाया रहेगा. लोग जान गए हैं कि यह सरकार हमारे लिए वर्तमान के साथ साथ भविष्य को भी खराब कर रही है.
संथाल परगना झारखंड की राजनीति का रहा है केन्द्र
संथाल परगना को झारखंड की राजनीति का केन्द्र बिन्दु माना जाता है. यह वही संथाल है जिसने प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री दिये हैं. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक मंत्री बने हैं. यहां की कुल 18 सीटों मे से सात सीटें अनुसूचित जनजाति और एक सीट एससी के लिए आरक्षित है. 10 सीटें सामान्य हैं- बरहेट, दुमका, शिकारीपाड़ा, महेशपुर, लिट्टीपाड़ा, बोरियो और जामा विधानसभा सीट. देवघर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. सामान्य सीटों में जामताड़ा, गोड्डा, मधुपुर, सारठ, जरमुंडी, पोड़ैयाहाट, महागामा, पाकुड़, राजमहल और नाला शामिल हैं.
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2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने संताल परगना के बरहेट, बोरियो, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, दुमका, जामा, मधुपुर और नाला समेत 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस ने पाकुड़, महगामा, जामताड़ा और जरमुंडी समेत चार सीटों पर जीत दर्ज की थी. बाद में पोड़ैयाहाट से जेवीएम के टिकट पर जीते प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
बात यदि बीजेपी की करें तो 2019 के चुनाव में उसे संताल में महज चार सीटें हासिल हुई थीं. भाजपा को राजमहल, गोड्डा, देवघर और सारठ में सफलता मिली थी. इस बार बंगलादेशी घुसपैठ और बेटी, माटी और रोटी का मुद्दा संताल में सफल करने में भाजपा जुटी है. इन सबके बीच बरहेट सीट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. वहीं दुमका से उनके भाई बसंत सोरेन जेएमएम से चुनाव लड़ रहे हैं.
12 जिलों में स्थित 38 सीटों पर 528 प्रत्याशी
दूसरे एवं अंतिम चरण के चुनाव में 12 जिलों में स्थित 38 सीटों पर 528 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं. इन 528 प्रत्याशियों में 472 पुरुष 55 महिला और एक अन्य शामिल है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वोटर के लिए सबसे बड़ा बोकारो तथा सबसे छोटा लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र है. जिन 38 सीटों पर चुनाव होने हैं उसमें 27 सामान्य केटेगरी के लिए, तीन अनुसूचित जाति के लिए और आठ अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं.
![Political parties preparing to woo Santhal in second phase of Jharkhand assembly elections 2024](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-11-2024/22898529_santhal--info-_2.png)
आयोग के द्वारा दूसरे एवं अंतिम चरण के चुनाव के लिए 14218 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें 2414 शहरी क्षेत्र में और 11804 ग्रामीण क्षेत्र में हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के अनुसार दूसरे एवं अंतिम चरण के मतदान के लिए तैयारी अंतिम चरण में है आगामी 20 नवंबर को पूर्व से निर्धारित समय के अनुसार 38 विधानसभा क्षेत्रों की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी.
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