देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी कभी भी बज सकती है. ऐसे में अभी से ही राजनीतिक पार्टियां दमखम से तैयारियों में जुट गई हैं. वर्तमान स्थिति ये है कि राजनीतिक पार्टियां रणनीतियों के तहत ग्राउंड जीरो पर जाकर अपने वोट बैंक को मजबूत कर रही हैं. इतना ही नहीं सभी पार्टियों ने चुनाव के लिए अपने-अपने मुद्दे भी तैयार कर लिए हैं, जिनको जनता के बीच ले जाने की रणनीति बना रहे हैं. इसी बीच मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने भी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाताओं की सूची जारी कर दी है. निर्वाचक नामावली पर गौर करें तो उत्तराखंड में युवा मतदाताओं की भागीदारी करीब 49 फीसदी है.
राजनीतिक दलों का युवाओं पर फोकस: राजनीतिक पार्टियां खासकर युवा मतदाताओं पर ज्यादा फोकस कर रही हैं. मुख्य निर्वाचन कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में 8,243,423 मतदाता हैं. जिसमें पुरुष मतदाता 4,270,597, महिला मतदाता 3,972,540 और ट्रांसजेंडर मतदाता 286 शामिल हैं. इसके साथ ही 18 साल से 39 साल उम्र के 4,033,278 मतदाता हैं, जो कि कुल मतदाताओं का करीब 49 फीसदी हैं. राजनीतिक पार्टियां युवाओं को सीधे टारगेट करते हुए उनसे जुड़े मुद्दे को उठाने जा रही हैं, ताकि आगामी चुनाव में प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर अपना परचम लहरा सकें.
मुख्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, 18 से 39 साल उम्र के युवा मतदाताओं की संख्या 4,033,278 हैं. जिसमें 2,163,360 पुरुष मतदाता, 1,869,749 महिला मतदाता और 169 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं. 18 से 19 साल उम्र के 129,062 मतदाता, 20 से 29 साल उम्र के 1,659,290 मतदाता और 30 से 39 साल उम्र के 2,244,926 मतदाता शामिल हैं.
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5 सीटों पर हैट्रिक लगाने की तैयारी में बीजेपी, कांग्रेस कर रही जद्दोजहद: उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं, जिन पर पिछले दो बार से बीजेपी काबिज है. साल 2014 में बीजेपी ने लोकसभा की पांचों सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने पांचों सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखा. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए पांचों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने और हैट्रिक लगाना बड़ी चुनौती बनी हुई है.
वहीं, पिछले दो बार से लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वो पांच लोकसभा सीटों में से कुछ सीटों पर काबिज हो सके, ताकि बीजेपी के हैट्रिक लगाने का सपना, सपना ही रह जाए. उत्तराखंड में किसी भी चुनाव के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, लचर कानून व्यवस्था समेत युवाओं से जुड़े अन्य मुद्दे विपक्ष के लिए बेहतर साबित होते हैं. यही वजह है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां, मुख्य रूप से युवाओं पर फोकस करते हुए रणनीतियां और मुद्दे तैयार कर रही हैं.
प्रेमचंद अग्रवाल बोले- बीजेपी को मिलेगा युवाओं का समर्थन: कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर युवा मोर्चा के जरिए युवाओं के साथ बीजेपी सम्मेलन करेगी. ताकि, उनको वोट डालने के प्रति प्रेरित किया जा सके. साथ ही कहा कि युवाओं का रुझान बीजेपी की तरफ है. ऐसे में युवाओं का समर्थन विकास और बीजेपी को जरूर मिलेगा. वर्तमान समय में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की छवि विश्व में बढ़ी है और युवा हर चीज देखता है. लिहाजा, आने वाले समय में युवाओं का समर्थन बीजेपी को मिलेगा.
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करन महरा बोले- बीजेपी ने युवाओं पर बरसाई लाठियां, वोट कांग्रेस को ही मिलेगा: वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस में बड़ा फर्क है. यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाला में जो युवा परेशान थे, कांग्रेस उनके साथ खड़ी रही. उनके आंदोलनों में साथ रही. अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के नाम के खुलासे के लिए लगातार प्रदर्शन किए. ये युवाओं के मुद्दे हैं. इसके उलट बीजेपी युवाओं पर लाठी चलाती रही, ये बीजेपी के मुद्दे हैं. बीजेपी की सरकार में लगातार बेरोजगारी बढ़ी और व्यवसाय अस्त व्यस्त हो गए हैं. ऐसे में कांग्रेस को भरोसा है कि युवा कांग्रेस के साथ रहेगा, जिससे एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा.
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने निर्वाचक नामावली जारी कर दी है. मतदाता सूची जारी होने के बाद ही प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां, युवाओं पर फोकस करने की कवायद में जुट गई हैं. जिसकी मुख्य वजह यही है कि कुल मतदाताओं में युवाओं की भागीदारी करीब 49 फीसदी है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान युवाओं का मत सबसे ज्यादा किस राजनीतिक दल को मिलेगा ये तो अभी भविष्य के गर्त में है, लेकिन प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां, खुद से युवाओं के कनेक्ट होने की बात कर रही हैं.