रांची: डुमरी से विधायक बने जयराम महतो लगातार सुर्खियों में हैं. उनके बयान और एग्रेसिव व्यवहार विवाद का कारण भी बनती हैं. कुछ लोग उनके व्यवहार को अच्छा मानते हैं, जबकि कई लोग ऐसे भी हैं जो उनके व्यवहार को लोकतंत्र के लिए सही नहीं मानते. झारखंड के राजनीतिक दलों के नेता भी उनके व्यवहार को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं.
सत्तारूढ़ इंडिया ब्लॉक में शामिल दो दलों में से एक दल जयराम महतो के बयान को लोकतंत्र के लिए सही नहीं मानता, जबकि दूसरे दल के नेता जयराम के प्रति नरम रुख अपनाते हुए नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि वे अभी विधायक बने हैं, उनके बयान और हरकतें सिर्फ अति उत्साह में हैं. वहीं, भाजपा नेता का कहना है कि विधायक जयराम महतो का व्यवहार वैसा ही है जैसा लोग उनसे चाहते हैं.
जयराम के व्यवहार पर भाजपा विधायक सीपी सिंह का कहना है कि लोग चाहते हैं कि उनका प्रतिनिधि दबंग हो. जयराम महतो कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं, जिससे वे खबरों में बने रहें. सीपी सिंह ने कहा कि जनता ने जयराम महतो और उनकी पार्टी को वोट दिया है. इसलिए वे वही चरित्र दिखा रहे हैं, जो जनता चाहती है. ऐसे में लोकतंत्र में जनता को देखना होगा कि उन्हें कैसा विधायक-सांसद चाहिए.
जयराम महतो के विधायक पद को जेब में रखने के बयान पर सीपी सिंह ने कहा कि बोलने में क्या जाता है. अगर उनके खिलाफ मकदमा है तो वे उसे झेलेंगे, लेकिन यह समझना होगा कि खेल क्या है. सरकार के साथ उनकी ट्यूनिंग पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा.
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा के नेता जयराम महतो के विधायक बनने के बाद भी उनके आक्रामक तेवर को कांग्रेस लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं मानती. कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि विधायक या जनप्रतिनिधि का आचरण और व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि लोग उसका अनुसरण करें.
भाजपा और कांग्रेस से उलट झामुमो नेताओं का तेवर जयराम के प्रति नरम नजर आ रहा है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य जयराम महतो के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहते हैं और उन्हें राजनीति में नया नेता बताते हैं, लेकिन केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय कहते हैं कि जयराम महतो या उनकी पार्टी के साथ कोई राजनीतिक केमिस्ट्री नहीं है.
मनोज पांडेय ने कहा कि झामुमो समझता है कि जयराम महतो के कृत्य और दिए गए बयान एक युवा विधायक का अतिउत्साह में की गई गलतियां भर है. जयराम महतो को झारखंडी मुद्दों और केंद्र सरकार पर राज्य के बकाए 136000 करोड़ की वापसी पर भी कुछ बोलना चाहिए और हमारी सरकार का सहयोग करना चाहिए.
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