देहरादून: अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर से अजय टम्टा पर भरोसा जताया है. अजय टम्टा बीजेपी के बड़े दलित नेता है. अजय टम्टा दो बार लगातार अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. एक बार फिर से अजय टम्टा चुनावी मैदान में हैं. ईटीवी भारत की पॉलिटिकल KYC सीरीज के पहले अंक में पाठकों को बीजेपी नेता अजय टम्टा से राजनैतिक, सामाजिक जीवन के अलावा उनकी आर्थिकी से जुड़ी जानकारियां देंगे. इसके साथ ही पॉलिटिकल KYC सीरीज में हम अजय टम्टा के अब तक कार्यकाल के हासिल का लेखा लेखा भी पाठकों तक पहुंचाएंगे. बीजेपी नेता अजय टम्टा के पॉलिटिकल खाते में क्या कुछ हैं आइये एक नजर डालते हैं.
सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में जन्में अजय टम्टा: अजय टम्टा का जन्म जुलाई 1972 में अल्मोड़ा में हुआ. अजय टम्टा के पिता का नाम मनोहर लाल टम्टा है. अजय के पिता पोस्टल विभाग में अधिकारी थे. उनकी माता का नाम निर्मला टम्टा है. अजय टम्टा 6 भाई बहन हैं. जिनमें से उनका तीसरा नंबर है.
छात्र जीवन से ही ABVP से जुड़े: अजय टम्टा छात्र जीवन से ही एबीवीपी से जुड़ गये थे. जिसके बाद वे पॉलिटिक्स में भी सक्रिय हो गये थे. पॉलिटिक्स में सक्रियता का असर अजय टम्टा की पढ़ाई लिखाई पर भी पड़ा. वे ग्रेजुएशन भी पूरी नहीं कर सके. साल 1996 में अजय टम्टा को बड़ी कामयाबी मिली. इस साल वे पहली बार ज़िला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुये. इसके बाद 1997 में अजय टम्टा अल्मोड़ा के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बने. ये पल अजय टम्टा के लिए ऐतिहासक था. अजय टम्टा देश में सबसे कम उम्र के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बने थे.
2007 में पहले बार विधायिकी लड़े: 2007 में अजय टम्टा ने पहली बार सोमेश्वर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. यहां से जीतकर अजय टम्टा विधायक बने. जिसके बाद अजय टम्टा को खंडूड़ी सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया. 2008 में ही अजय टम्टा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. 2010 में बीजेपी ने अजय टम्टा को पार्टी के अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2011 में अजय टम्टा को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया.
2009 लोकसभा चुनाव में मिली पहली हार: इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा. इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्हें कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ने हराया. इसके बाद टम्टा ने 2012 में सोमेश्वर से फिर से विधानसभा चुनाव लड़ा. जिसके बाद वे विधायक बने.
मोदी सरकार में कपड़ा राज्यमंत्री बने: इसके दो साल बाद ही 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से अजय टम्टा को चुनावी मैदान में उतारा. जिसमें अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को बड़े वोटों से हराया. मोदी लहर में अजय टम्टा दिल्ली पहुंचे. जिसके बाज अजय टम्टा को केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद साल 2019 में पार्टी ने फिर उन्हें अल्मोड़ा सीट पर प्रत्याशी बनाया और उन्होंने चुनाव जीतकर 17वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में जिम्मेदारी संभाली. जबकि अब एक बार फिर तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अल्मोड़ा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
अजय टम्टा साफ छवि के कैंडिडेट: अजय टम्टा की साफ छवि: अजय टम्टा तीन दशक के सक्रिय राजनीति में हैं. इन तीन दशकों में अजय टम्टा पर कोई भी आरोप नहीं लगे. उनकी साफ छवि उन्हें हाईकमान का फेवरेट बनाती हैं. अजय टम्टा क्षेत्र में रहते हैं. लोगों से मिलते रहते हैं. केंद्रीय मंत्री होने के बाद भी टम्टा बड़ी ही सहजता से लोगों से मिलते हैं. जिसके कारण वे लगतार अल्मोड़ा लोकसभा सीट से संसद पहुंच रहे हैं.अजय टम्टा क संपत्ति: तीन दशक से सक्रिय राजनीति में अजय टम्टा की कुल संपत्ति ₹ 99 लाख से अधिक है.
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