रुद्रपुर: मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी पांच हजार के चेक की एवज में तीन हजार का कमीशन मांगने के ऑडियो के बाद पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक मैदान में कूद चुके हैं. इस मामले ने जिले की राजनीति को गर्मा दिया है तो पूरे मामले में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरू हो गई है. एक ओर जहां पूर्व विधायक गंभीर आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं वर्तमान विधायक बचाव की मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं. हालाकि तहसील के राजस्व उप निरीक्षक द्वारा पूरे मामले की तहरीर पुलिस को सौंप कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक पर कमीशन मांगने का आरोप: मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक के एवज में कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक आमने सामने आ गए हैं. जहां एक ओर पूर्व विधायक ने सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए, तो वहीं वर्तमान विधायक लीपापोती करते नजर आ रहे हैं. दरअसल सोशल मीडिया में एक ऑडियो खूब वायरल हो रहा है. इस ऑडियो में जावेद नाम का शख्स कथित रूप से लाभार्थी से मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी पांच हजार के चेक के एवज में तीन हजार का कमीशन मांग रहा है. साथ ही बाद में 20 हजार रुपए के राहत चेक पर कोई भी कमीशन न लेने की बात कर रहा है.
कथित ऑडियो वायरल होने पर गरमाई राजनीति: इस मामले में रविवार को पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने प्रेस वार्ता कर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि कैसे मुख्यमंत्री राहत कोष का चेक कथित जावेद तक पहुंच गया. उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले रुद्रपुर निवासी भगवान दास सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. परिवार वालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. जिसके बाद सरकार ने मदद के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच हजार का चेक भगवान दास के नाम जारी किया था. ये चेक तहसील से वितरित होना चाहिए था, लेकिन नियम विरुद्ध चेक नेताओं के कार्यालय से बांटा जा रहा है. ठुकराल ने आरोप लगाया कि जावेद नाम का व्यक्ति उस चेक को ले गया. अब वह लाभार्थी से पांच हजार के चेक के एवज में तीन हजार की डिमांड कर रहा है. राजकुमार ठुकराल ने इस कथित जावेद पर आरोप लगाया कि क्या यह वही जावेद है, जो ई रिक्शा और टेंपो चालकों से अवैध वसूली करता है.
पूर्व और वर्तमान विधायक आमने-सामने: राजकुमार ठुकराल के आरोपों के जवाब में रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा भी मैदान में कूद पड़े. उन्होंने कहा कि लाभार्थी जांच के दायरे में है. उन्होंने कहा कि उसका चेक प्रशासन द्वारा दिया जायेगा. अगर ऐसी कोई बात थी तो उसे तहसीलदार या जनप्रतिनिधि के पास जाना चाहिए था. प्रशासन की देख रेख में चेक वितरित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम द्वारा चेक देने से पहले सभी जांच की जाती हैं. उसे भी चेक प्राप्त हो जाता, लेकिन लाभार्थी विपक्ष के नेताओं से मिला हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग लाभार्थी को मोहरा बना कर राजनीतिक लाभ ले रहे हैं.
वायरल ऑडियो पर तहरीर: वहीं अब सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक पर कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद राजस्व उप निरीक्षक द्वारा ट्रांजिट कैंप थाना पुलिस को तहरीर दी गई है. तहरीर में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. ईटीवी भारत इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.
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