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दिग्विजय के राजगढ़ लोकसभा सीट जीतने से बीजेपी को कोई नुकसान नहीं, जानिए सियासी समीकरण - Political Equation Rajgarh Seat

राजगढ़ लोकसभा सीट यदि दिग्विजय सिंह जीत भी जाते हैं तो बीजेपी को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा मतलब दोनों ही स्थितियों में बीजेपी को ही फायदा है. आखिर कैसा है इस सीट पर बीजेपी की हार-जीत का सियासी समीकरण.जानिए कैसे फायदे में है बीजेपी इस सीट को लेकर.पढ़िए पूरी खबर.

POLITICAL EQUATION RAJGARH SEAT
राजगढ़ लोकसभा सीट का सियासी समीकरण
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 8:56 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की चर्चा की जाए तो सबसे ज्यादा निगाहें छिंदवाड़ा के बाद राजगढ़ लोकसभा सीट पर टिकी हैं. यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह चुनावी मैदान में हैं. राजगढ़ का सियासी समीकरण समझने से पहले जान लें कि बीजेपी के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने सबसे बड़े सियासी दुश्मन की जीत भी फायदेमंद रहने वाली है. एमपी में 2003 के बाद से अब तक पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर सारे निशाने साधकर बीजेपी सत्ता में बनी हुई है.

29 में से 2 सीट हाई प्रोफाइल

एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से 2 सीटें हाई प्रोफाइल मानी जा रही हैं. जिसमें एक है छिंदवाड़ा और दूसरी राजगढ़. एक पर कमलनाथ की साख दांव पर है दूसरी सीट दिग्विजय सिंह के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. दिग्विजय सिंह 70 पार की उम्र में भी राजगढ़ सीट पर जीत की इबारत लिखने पदयात्रा कर रहे हैं. वोटर से जनसंपर्क साध रहे हैं. दिग्विजय सिंह के लिए राजगढ़ सीट पर मिलने वाली जीत-हार कोई खास मायने नहीं रखती.

दिग्विजय जीते तो भी बीजेपी को फायदा

दिग्विजय जीते तो भी बीजेपी को फायदा कैसे होगा. इसकी वजह ये है कि जीते तब तो वे संसद के उच्च सदन में जाएंगे और यदि हारे तो राज्यसभा का ढाई साल का कार्यकाल उनका बचा हुआ है. तो सवाल ये कि फिर दिग्विजय की जीत बीजेपी को कैसे लाभ पहुंचाएगी. असल में अगर दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें राज्यसभा की सीट खाली करनी होगी और ऐसे में विधानसभा की संख्या बल के हिसाब से ये सीट बीजेपी के खाते में जाएगी.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि "दिग्विजय सिंह अगर ये चुनाव हारते हैं तो बीजेपी की लोकसभा में सीट मजबूत होगी और जीत भी जाते हैं तो बीजेपी का इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं है. वजह ये कि उनकी खाली हुई राज्यसभा सीट से एक और सदस्य को बीजेपी राज्य सभा में भेज सकती है".

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सिंधिया की जीत के बाद भी खाली होगी सीट

एमपी में इस समय दो राज्यसभा सदस्य चुनाव मैदान में हैं. दिग्विजय सिंह के अलावा दूसरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है. दिग्विजय और सिंधिया दोनों ही 2020 में चुने गए थे. दोनों के ही चुनाव जीतने पर राज्यसभा की ये दोनों सीटें बीजेपी के खाते में जाएंगी. सिंधिया की जीत के साथ तो पार्टी को राज्यसभा की एक सीट मिलनी ही है. दिग्विजय की जीत भी बीजेपी को एक सीट का फायदा दे सकती है. असल में विधानसभा में आंकड़े के हिसाब से देखें तो बीजेपी की सदन में 166 सीटों के साथ बेहद मजबूत स्थिति है, जबकि कांग्रेस केवल 66 सीटों पर ही है. इस लिहाज से राज्यसभा सीटें बीजेपी के खाते में जाना तय है. बशर्ते ये उम्मीदवार चुनाव जीत जीत जाएं.

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की चर्चा की जाए तो सबसे ज्यादा निगाहें छिंदवाड़ा के बाद राजगढ़ लोकसभा सीट पर टिकी हैं. यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह चुनावी मैदान में हैं. राजगढ़ का सियासी समीकरण समझने से पहले जान लें कि बीजेपी के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने सबसे बड़े सियासी दुश्मन की जीत भी फायदेमंद रहने वाली है. एमपी में 2003 के बाद से अब तक पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर सारे निशाने साधकर बीजेपी सत्ता में बनी हुई है.

29 में से 2 सीट हाई प्रोफाइल

एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से 2 सीटें हाई प्रोफाइल मानी जा रही हैं. जिसमें एक है छिंदवाड़ा और दूसरी राजगढ़. एक पर कमलनाथ की साख दांव पर है दूसरी सीट दिग्विजय सिंह के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. दिग्विजय सिंह 70 पार की उम्र में भी राजगढ़ सीट पर जीत की इबारत लिखने पदयात्रा कर रहे हैं. वोटर से जनसंपर्क साध रहे हैं. दिग्विजय सिंह के लिए राजगढ़ सीट पर मिलने वाली जीत-हार कोई खास मायने नहीं रखती.

दिग्विजय जीते तो भी बीजेपी को फायदा

दिग्विजय जीते तो भी बीजेपी को फायदा कैसे होगा. इसकी वजह ये है कि जीते तब तो वे संसद के उच्च सदन में जाएंगे और यदि हारे तो राज्यसभा का ढाई साल का कार्यकाल उनका बचा हुआ है. तो सवाल ये कि फिर दिग्विजय की जीत बीजेपी को कैसे लाभ पहुंचाएगी. असल में अगर दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें राज्यसभा की सीट खाली करनी होगी और ऐसे में विधानसभा की संख्या बल के हिसाब से ये सीट बीजेपी के खाते में जाएगी.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि "दिग्विजय सिंह अगर ये चुनाव हारते हैं तो बीजेपी की लोकसभा में सीट मजबूत होगी और जीत भी जाते हैं तो बीजेपी का इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं है. वजह ये कि उनकी खाली हुई राज्यसभा सीट से एक और सदस्य को बीजेपी राज्य सभा में भेज सकती है".

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एमपी में इस समय दो राज्यसभा सदस्य चुनाव मैदान में हैं. दिग्विजय सिंह के अलावा दूसरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है. दिग्विजय और सिंधिया दोनों ही 2020 में चुने गए थे. दोनों के ही चुनाव जीतने पर राज्यसभा की ये दोनों सीटें बीजेपी के खाते में जाएंगी. सिंधिया की जीत के साथ तो पार्टी को राज्यसभा की एक सीट मिलनी ही है. दिग्विजय की जीत भी बीजेपी को एक सीट का फायदा दे सकती है. असल में विधानसभा में आंकड़े के हिसाब से देखें तो बीजेपी की सदन में 166 सीटों के साथ बेहद मजबूत स्थिति है, जबकि कांग्रेस केवल 66 सीटों पर ही है. इस लिहाज से राज्यसभा सीटें बीजेपी के खाते में जाना तय है. बशर्ते ये उम्मीदवार चुनाव जीत जीत जाएं.

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