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झारखंड विधानसभा का चुनावी रणः 2019 से अलग होगा इस बार का नजारा, नहीं दोहराएंगे पिछली गलती

झारखंड विधानसभा चुनावी समर में इस बार नजारा अलग है. दोनों ही पक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

Political equation of parties regarding Jharkhand assembly election 2024
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

रांचीः झारखंड में इस बार का चुनावी समर 2019 के विधानसभा चुनाव से अलग है. एनडीए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है, जो सत्तारूढ़ जेएमएम, कांग्रेस और राजद के समक्ष मुश्किल खड़ी कर सकता है. वोटों के बिखराव को रोकने में यदि भाजपा, आजसू, जदयू और लोजपा सफल हो जाती है तो सत्तारूढ़ दल की चुनावी गणित बिगड़ सकती है.

दरअसल 2019 के विधानसभा चुनाव में की गई गलती से सीख लेते हुए भाजपा ने इस बार अपने गठबंधन के सहयोगी दल के साथ नरम रुख अपनाते हुए उनकी बातों को भी तरजीह दी है. हालांकि एनडीए के अंदर सीटों को लेकर अभी भी खींचतान जारी है. हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा जदयू को दो शीट दिए जाने संबंधी बयान पर जदयू ने नाराजगी जताई है.

बयान देते जेडीयू और बीजेपी नेता (ईटीवी भारत)

जदयू प्रदेश महासचिव संतोष सोनी ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि यह उनका निजी बयान हो सकता है मगर पार्टी ने 11 सीट की मांग की है. यदि सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती हैं तो पार्टी सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इधर जदयू की नाराजगी पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि हमारा मकसद साफ है कि जहां जो मजबूत है वहां उनको भागीदारी मिले. पार्टी जल्द ही एनडीए के अंदर सीटों को लेकर फार्मूला तय कर लेगी और इसकी औपचारिक घोषणा होगी.

2019 का विधानसभा चुनाव

  • महागठबंधन में जेएमएम 43, कांग्रेस 31 और राजद 07 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी थी.
  • भाजपा ने सभी 79 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें 25 पर सफलता मिली.

2019 के विधानसभा चुनाव में दलगत वोट प्रतिशत

  • भाजपा 33.37 प्रतिशत, कांग्रेस 13.8% और जेएमएम को मिला 18.72% वोट
  • जेवीएम 5.45 प्रतिशत, राजद 2.75% और जदयू को मिला 0.73% वोट
  • बसपा 1.53 प्रतिशत, सीपीआईएम 0.32% और आजसू को 8.10% वोट मिला
  • सीपीआई को 0.4% एआईएमआईएम 1.6% और जेडीएस को 0.01% वोट मिला

2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम

  • भाजपा-25
  • जेएमएम-30
  • कांग्रेस-16
  • राजद-01
  • जेवीएम-03
  • आजसू-02
  • अन्य-04

इस बार सरयू राय एनडीए के लिए करेंगे प्रचार, आजसू का भी मिलेगा भाजपा को साथ

2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू के साथ-साथ सरयू राय की नाराजगी भाजपा के लिए हार का बड़ा कारण बना. जिस वजह से बीजेपी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा. इस बार के चुनाव में बीजेपी को जहां आजसू का साथ मिल रहा है, वहीं सरयू राय के भी एनडीए फोल्डर में जदयू के साथ चुनाव मैदान में आने से बीजेपी को राहत देने का काम किया है.

सरयू राय इस बार 2024 के विधानसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे. इसके अलावे 2019 के चुनाव में जेवीएम ने सभी 81 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था जिसे 5.45%वोट आया था. भाजपा में जेवीएम के मर्जर से इस बार एनडीए को कुछ लाभ मिलने की संभावना है.

सरकार की उपलब्धि और ट्राइबल-मुस्लिम वोट बैंक के आधार पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में इंडिया गठबंधन

2019 में मिली सफलता के बाद राज्य की सत्ता पाने में सफल रहे जेएमएम-कांग्रेस-राजद इस बार सरकार की उपलब्धि और ट्राइबल-मुस्लिम वोट बैंक के आधार पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. इंडिया ब्लॉक हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है. हाल के वर्षों में ट्राइबल लीडर के रुप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हेमंत सोरेन से इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि इनके नेतृत्व में चुनावी नैया जरूर पार लगेगी और राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने में सफल होंगे. हालांकि इंडिया ब्लॉक सीट सेयरिंग के मुद्दे पर अभी भी उलझी हुई है. यदि समय रहते तालमेल नहीं हो पाता है तो इसका नुकसान स्वाभाविक रुप से उठाना पड़ेगा.

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रांचीः झारखंड में इस बार का चुनावी समर 2019 के विधानसभा चुनाव से अलग है. एनडीए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है, जो सत्तारूढ़ जेएमएम, कांग्रेस और राजद के समक्ष मुश्किल खड़ी कर सकता है. वोटों के बिखराव को रोकने में यदि भाजपा, आजसू, जदयू और लोजपा सफल हो जाती है तो सत्तारूढ़ दल की चुनावी गणित बिगड़ सकती है.

दरअसल 2019 के विधानसभा चुनाव में की गई गलती से सीख लेते हुए भाजपा ने इस बार अपने गठबंधन के सहयोगी दल के साथ नरम रुख अपनाते हुए उनकी बातों को भी तरजीह दी है. हालांकि एनडीए के अंदर सीटों को लेकर अभी भी खींचतान जारी है. हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा जदयू को दो शीट दिए जाने संबंधी बयान पर जदयू ने नाराजगी जताई है.

बयान देते जेडीयू और बीजेपी नेता (ईटीवी भारत)

जदयू प्रदेश महासचिव संतोष सोनी ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि यह उनका निजी बयान हो सकता है मगर पार्टी ने 11 सीट की मांग की है. यदि सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती हैं तो पार्टी सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इधर जदयू की नाराजगी पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि हमारा मकसद साफ है कि जहां जो मजबूत है वहां उनको भागीदारी मिले. पार्टी जल्द ही एनडीए के अंदर सीटों को लेकर फार्मूला तय कर लेगी और इसकी औपचारिक घोषणा होगी.

2019 का विधानसभा चुनाव

  • महागठबंधन में जेएमएम 43, कांग्रेस 31 और राजद 07 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी थी.
  • भाजपा ने सभी 79 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें 25 पर सफलता मिली.

2019 के विधानसभा चुनाव में दलगत वोट प्रतिशत

  • भाजपा 33.37 प्रतिशत, कांग्रेस 13.8% और जेएमएम को मिला 18.72% वोट
  • जेवीएम 5.45 प्रतिशत, राजद 2.75% और जदयू को मिला 0.73% वोट
  • बसपा 1.53 प्रतिशत, सीपीआईएम 0.32% और आजसू को 8.10% वोट मिला
  • सीपीआई को 0.4% एआईएमआईएम 1.6% और जेडीएस को 0.01% वोट मिला

2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम

  • भाजपा-25
  • जेएमएम-30
  • कांग्रेस-16
  • राजद-01
  • जेवीएम-03
  • आजसू-02
  • अन्य-04

इस बार सरयू राय एनडीए के लिए करेंगे प्रचार, आजसू का भी मिलेगा भाजपा को साथ

2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू के साथ-साथ सरयू राय की नाराजगी भाजपा के लिए हार का बड़ा कारण बना. जिस वजह से बीजेपी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा. इस बार के चुनाव में बीजेपी को जहां आजसू का साथ मिल रहा है, वहीं सरयू राय के भी एनडीए फोल्डर में जदयू के साथ चुनाव मैदान में आने से बीजेपी को राहत देने का काम किया है.

सरयू राय इस बार 2024 के विधानसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे. इसके अलावे 2019 के चुनाव में जेवीएम ने सभी 81 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था जिसे 5.45%वोट आया था. भाजपा में जेवीएम के मर्जर से इस बार एनडीए को कुछ लाभ मिलने की संभावना है.

सरकार की उपलब्धि और ट्राइबल-मुस्लिम वोट बैंक के आधार पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में इंडिया गठबंधन

2019 में मिली सफलता के बाद राज्य की सत्ता पाने में सफल रहे जेएमएम-कांग्रेस-राजद इस बार सरकार की उपलब्धि और ट्राइबल-मुस्लिम वोट बैंक के आधार पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. इंडिया ब्लॉक हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है. हाल के वर्षों में ट्राइबल लीडर के रुप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हेमंत सोरेन से इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि इनके नेतृत्व में चुनावी नैया जरूर पार लगेगी और राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने में सफल होंगे. हालांकि इंडिया ब्लॉक सीट सेयरिंग के मुद्दे पर अभी भी उलझी हुई है. यदि समय रहते तालमेल नहीं हो पाता है तो इसका नुकसान स्वाभाविक रुप से उठाना पड़ेगा.

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