नई दिल्लीः लोकसभा चुनावों का बिगुल बज गया है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी साथ-साथ तो बीजेपी अकेले ही चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. वेस्ट(पश्चिमी) दिल्ली की बात करें तो यहां का सियासी गणित बाकी सीटों की तुलना में एक दम अलग है. पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर बीजेपी ने महिला मतदाताओं को साधने के लिए जाट महिला उम्मीदवार कमलजीत सहरावत को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, गठबंधन के उम्मीदवार महाबल मिश्रा चुनावी बैटल की तैयारी कर रहे हैं. वेस्ट दिल्ली सीट के सियासी समीकरणों को समझने के लिए इस सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि को समझना जरूरी है.
2008 में अस्तित्व में आई वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट
साल 2008 में परिसीमन के बाद पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. इस लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें जनकपुरी, तिलक नगर, सुभाष नगर, राजौरी गार्डन, मदीपुर, हरिनगर, उत्तम नगर, द्वारका, नजफगढ़ और विकास पुरी शामिल हैं. साल 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ. कांग्रेस से महाबल मिश्रा यहां पर उम्मीवार थे. लोगों ने उन्हें सांसद चुना था. उन्हें 4,79,899 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के उम्मीदवार प्रोफेसर जगदीश मुखी को 3,50,889 वोट मिले थे. कुल 52 प्रतिशत वोट मिले थे. वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार प्रवेश वर्मा को लोगों ने सांसद चुना. 2014 में प्रवेश वर्मा ने 2,68,586 अधिक मत हासिल कर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जरनैल सिंह को हराया था. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने 5,78,486 वोट अधिक हासिल कर अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार महाबल मिश्रा को हराया था. साल 2009 के लोकसभा के चुनाव में महाबल मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा था. लोगों ने उन्हें अपना सांसद चुना था. महाबल मिश्रा बिहार के हैं. बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाता भी इस लोकसभा क्षेत्र में रहते हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के एक साथ आने से इस बार कांटे की टक्कर होगी.
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इन समीकरणों पर होगी कांटे की टक्कर
बीजेपी पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर पिछले दो बार से चुनाव जीतती आ रही है. हालांकि इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी 10 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी महाबल मिश्रा 2009 में यहां से सांसद चुने गए थे. फिलहाल वह कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही है. महाबल मिश्रा की इस सीट पर पहले से पकड़ है. वह मूलतः बिहार के रहने वाले हैं. पश्चिमी दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहार के लोग भी रहते हैं. ऐसे में वह क्षेत्रीय वोटरों को भी साधने में कामयाब होंगे. इस सीट पर सभी पार्टियों ने वोटरों को साधने के लिए अलग अलग दांव चले हैं. इस बार मुकाबला कांटे का होगा.
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