नई दिल्ली/नोएडा: परामर्श और निर्देशन कई बार रिश्तों में आई खटास को दूर कर देता है. कुछ ऐसा ही किया है कमिश्नरेट पुलिस की महिला विंग ने. यहां मामूली विवाद से उपजे तनाव के बाद पति सहित ससुराल पक्ष के अन्य लोगों पर मारपीट करने, गाली गलौज करने और अतिरिक्त दहेज की मांग करने का आरोप लगाने वाली महिला काउंसलिंग के बाद पति के साथ ससुराल में रहने के लिए राजी हो गई. महिला करीब 13 माह से पति से अलग रह रही थी.
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर एडिशनल डीसीपी महिला सुरक्षा प्रीति यादव और एसीपी महिला सुरक्षा सौम्या सिंह की मौजूदगी में टीम ने महिला की चार बार काउंसलिंग की. सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलिस के इस पहल की सराहना की है. एडिशनल डीसीपी महिला सुरक्षा प्रीति यादव ने बताया कि एक महिला ने अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ दहेज की मांग को लेकर मारपीट, गाली-गलौज करने व उत्पीड़न करने के संबंध में शिकायती पत्र दिया था.
इस पर एफडीआरसी सेक्टर 108 के निर्देशन में एमिटी यूनिवर्सिटी की प्रोफेशनल काउंसलर्स की टीम द्वारा दोनों पक्षों को अलग-अलग तारीखों पर बुलाकर चार बार काउंसलिंग कराई गई और सुलह समझौते के प्रयास किए गए. काउंसलिंग के दौरान पता चला कि दोनों की शादी जून 2021 में हुई थी. दोनों पक्षों के बीच विवाद होने पर शिकायतकर्ता महिला लगभग 13 माह से अपने मायके में रह रही थी.
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काउंसलिंग के दौरान दोनों पक्षों के बीच छोटी-मोटी घरेलू बातों को लेकर विवाद पाया गया, जिस पर दोनों पक्षों व उनके परिजनों को बुलाकर बातचीत कराई गई. समझाने-बुझाने के बाद दोनों पक्षों में आपस में समझौता हो गया और दोनों एक साथ रहकर दांपत्य जीवन व्यतीत करने पर सहमत हो गए. इस प्रकार मध्यस्थता के जरिए उनकी टूटती हुई गृहस्थी को बिखरने से बचाया जा सका. बता दें, वर्ष 2023 में लगभग 3,000 मामलों का मध्यस्तता कराकर निस्तारण कराया गया.
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