कानपुर : साउथ के बर्रा थाने में रविवार रात राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला पहुंच गईं. बताते हैं कि जमीनी विवाद में हुई मारपीट में भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गया था. जिसकी शिकायत करने वह बर्रा थाने पहुंचा था, लेकिन आरोप है कि थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद पीड़ित निजी अस्पताल पहुंचा और वहां इलाज करवाया. वह दोबारा बर्रा थाने पहुंचा, लेकिन इस बार भी उसकी नहीं सुनी गई. इसके बाद पीड़ित कार्यकर्ता ने मंत्री को फोन कर इसकी जानकारी दी. पुलिस की कार्यशैली से नाराज मंत्री रविवार रात में ही बर्रा थाने पहुंच गईं. मंत्री के पीआरओ ने बर्रा इंस्पेक्टर को 6 बार फोन किया, मगर रिस्पांश नहीं मिला. अब इस मामले में कार्रवाई की जा रही है.
पीड़ित महेश तिवारी के मुताबिक उनके रिश्तेदार प्रॉपर्टी का काम करते हैं. उन्होंने एक प्लॉट खरीदा था. जब पता चला कि प्लॉट अनुसूचित जाति का है तो उसे बेच दिया. इसके बाद उनको न्यायालय से सम्मन प्राप्त हुआ. उन्होंने प्लॉट बेचने वाले व्यक्ति को फोन किया. जिसके बाद उसने उनको अपने गेस्टहाउस मिलने के लिए बुलाया. रविवार शाम महेश गेस्ट हाउस पहुंचे तो दूसरे पक्ष के लोगों ने साथियों संग पीटकर उन्हें मरणासन्न कर दिया और वहीं छोड़ दिया. लहूलुहान हालत में महेश का बेटा उनको थाने ले गया. यहां उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. महेश ने राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला को सूचना दी. राज्य मंत्री के मुताबिक उनके पीआरओ ने बर्रा इंस्पेक्टर के सीयूजी नंबर पर छह फोन किए, लेकिन फोन नहीं उठा.
इसके बाद राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला वारसी अपने पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ला के साथ बर्रा थाने पहुंचीं. राज्यमंत्री के पति अनिल शुक्ला वारसी ने कहा कि थाने और चौकी लोगों की मदद के लिए हैं. ऐसा नहीं होगा तो जंगलराज कायम हो जाएगा. पहले ऐसा होता था, मगर अब भी कुछ ऐसे लोग बचे हैं, जिन्हें सुधारना है. मैं अधिकारियों से यहीं कहूंगा कि थानों और चौकियों की जिम्मेदारी उन्हीं को दें, जो इसके लायक हों. जो लोग थाने-चौकी नहीं संभाल सकते, उनसे कुछ और काम लिया जाए.
इधर, राज्यमंत्री के थाने पहुंचने पर तत्काल एसीपी नौबस्ता मंजय सिंह, एडीसीपी साउथ महेश कुमार बर्रा थाने पहुंचे. दोनों ने पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही राज्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में जांच कराकर कार्रवाई कराएंगे और तत्काल पीड़ित महेश को मेडिकल परीक्षण के लिए भिजवाया. तब राज्य मंत्री वहा से निकलीं.
इस पूरे मामले पर एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने कहा कि पीड़ित की सुनवाई क्यों नहीं हुई, उस समय थाने में कौन था? यह जानने के लिए थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए जाएंगे. जांच एसीपी नौबस्ता को दी गई है. कार्रवाई की जाएगी. साथ ही तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा गया है.