रांचीः राजधानी के मेन रोड में हुए कुख्यात अपराधी छोटू रंगसाज मर्डर केस में पुलिस हत्यारों का सुराग पाने की कोशिश में लगी हुई है. छोटू रंगसाज की हत्या में शामिल शूटरों के गिरफ्तारी को लेकर झारखंड से लेकर यूपी तक पुलिस रेड कर रही है. छोटू झारखंड के गढ़वा का शातिर अपराधी था उस पर हत्या के कई मामले भी दर्ज थे.
गढ़वा से लेकर यूपी तक रेड
छोटू रंगसाज के हत्याकांड में शामिल अपराधियों गिरफ्तार करने के लिए रांची एसएसपी के द्वारा एक एसआईटी बनाया गया है. एसआईटी के द्वारा झारखंड के गढ़वा सहित कई शहरों में छापेमारी गई है. वहीं उत्तर प्रदेश में भी टीम ने अपनी दबिश दी है. इस मामले में आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. बीते शनिवार रांची के मेन रोड में दिनदहाड़े छोटू की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
गढ़वा के अपराधियों ने की हत्या
पुलिस की जांच में एक बात तो साफ हो चुकी है कि छोटू रंगसाज की हत्या में उसके वे पुराने दोस्त शामिल हैं, जिनसे रंगसाज की फिलहाल कारोबार को लेकर अदावत चल रही थी. रंगसाज हत्याकांड में मिठू नाम का अपराधी नामजद है. मिठू फरार चल रहा है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. जिस समय छोटू रंगसाज की हत्या की गई उस वक्त उसकी पत्नी सलमा भी मौजूद थी. सलमा का दावा है कि उसने हत्यारों की पहचान कर ली है.
सलमा के अनुसार मिंटू ने ही उसके पति छोटू की गोली मारकर हत्या की है. उसके साथ एक अन्य इरशाद नाम का युवक भी शामिल है. सलमा ने पुलिस को बताया कि उनके पति छोटू के साथ मिंटू काम करता था. कुछ दिन पहले झारखंड के गढ़वा में बस स्टैंड के ठेका को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था. इसके बाद मिंटू उसके पति से अलग हो गया था. हालांकि दोनों के बीच विवाद फिर भी कायम था. सलमा का आरोप है कि मिंटू ने ही उसके पति को मारा है.
संदेह के घेरे में गढ़वा का सुहैल खान भी
पुलिस को जांच में यह भी जानकारी मिली है कि गढ़वा बस स्टैंड में छोटू का ठेका चल रहा था. इसको लेकर छोटू का गुट दो भाग में बंट चुका था. छोटू से अलग होकर सुहैल खान ने अपना नया गुट तैयार कर लिया था. वह भी बस स्टैंड में अपना कब्जा जमाना चाहता था. इसको लेकर भी छोटू और सुहैल के बीच विवाद चल रहा था. रांची पुलिस सुहैल की भी तलाश में जुटी हुई है. छोटू की हत्या के बाद सुहैल भी फरार चल रहा है.
कुख्यात अपराधी रहा है छोटू उर्फ रंगसाज
रांची के मेन रोड में मारा गया छोटू रंगसाज गढ़वा जिले में वर्ष 2000 से ही आपराधिक गतिविधि में संलिप्त था. 2009 में वह भी जेल भी गया था. पिछले सात वर्षों से कई मामलों में फरार चल रहा था. छोटू रंगसाज पर गढ़वा जिले के अलावा पलामू, रांची, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के बलरामपुर, रायपुर में भी मामले दर्ज हैं. छोटू रंगसाज पर एकरार खां, इलाही खां, जटू खां सहित सात लोगों की हत्या के मामले सहित लूट और डकैती के दो दर्जन से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. कई मामलों में वह बरी भी हो चुका था.
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