ऋषिकेश: गढ़वाल लोकसभा संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले यमकेश्वर विधानसभा के गंगा भोगपुर मल्ला के ग्रामीणों को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करना भारी पड़ गया. मामले में लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने 30 से ज्यादा लोगों का शांतिभंग के तहत चालान कर दिया. जिसके चलते गंगा भोगपुर में चुनावी माहौल गरमा गया है. वहीं, राजनीतिक पार्टियां इसे द्वेष भावना के रूप में देख रही है तो विपक्षी पार्टी इसे चुनावी मुद्दा बनाकर भुनाने में जुट गई है. उधर, डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश भी की जा रही है.
ऋषिकेश से करीब 10 किमी की दूरी है गांव, सुविधाओं से कोसों दूर: बता दें कि गढ़वाल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में गंगा भोगपुर मल्ला गांव है. कहने को तो यह गांव ऋषिकेश से करीब 10 किमी की दूरी पर है‚ लेकिन विकास की दृष्टि से गांव मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है. गंगा भोगपुर जाने के लिए ऋषिकेश से एकमात्र रास्ता है, जो बीन नदी से होकर जाता है. कई सालों से गंगा भोगपुर के ग्रामीण बीन नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, बरसात के मौसम में बीन नदी में बाढ़ आ जाती है, जिसके चलते गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से कट जाता है. लोग जान जोखिम में डालकर बरसात में नदी को पार कर ऋषिकेश आते हैं. बीन नदी में पुल बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार धरना प्रदर्शन भी किया‚ लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनकी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया. इतना ही नहीं गंगा भोगपुर के ग्रामीण कौड़िया–किमसार मोटर मार्ग के निर्माण की मांग भी लंबे समय से करते आ रहे हैं‚ लेकिन राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क होने के कारण कौड़िया–किमसार जाने वाली सड़क का निर्माण भी नहीं हो रहा है.
33 ग्रामीणों का कटा चालान: इन तमाम मांगों को लेकर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया. जिसके बाद शासन–प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन ने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश भी की‚ लेकिन ग्रामीण मांगों को लेकर अड़े रहे. जिसके बाद थाना लक्ष्मणझूला पुलिस ने 33 ग्रामीणों का शांतिभंग में चालान कर दिया. पुलिस का मानना है कि उक्त ग्रामीण लोकसभा चुनाव के दौरान अन्य ग्रामीणों को मतदान करने से रोक सकते हैं, जिससे शांति व्यवस्था खराब हो सकती है. गंगा भोगपुर मल्ला के ग्रामीण काफी समय से अपनी मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
ग्रामीणों की ये है मांग: ग्रामीणों की प्रमुख मांगे हैं कि पार्क बनने से पहले गांव की जो सड़कें थीं, पार्क प्रशासन उसमें हस्तक्षेप न करें. पार्क को गांव की दो किमी की सीमा से दूर रखा जाए. कौड़िया–किमसार मार्ग का निर्माण किया जाए. बीन नदी पर पुल का निर्माण किया जाए. गांव में मोक्ष धाम का निर्माण किया जाए. इन तमाम मांगों को लेकर ग्रामीणों ने इस साल लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया था.
क्या बोले लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी? लक्ष्मणझूला थाना प्रभारी रवि सैनी ने कहा कि ग्रामीणों की ओर से चुनाव बहिष्कार करने की बात कही थी. ऐसे में ग्रामीणों को इसके लिए समझाने की कोशिश भी की गई है. जहां तक ग्रामीणों का चालान करने का मामला है, वो थाना लक्ष्मणझूला पुलिस ने किया है. ग्रामीणों को उनकी बात रखने के लिए तहसील में बुलाया गया था.
"तकरीबन 3 हफ्ते पहले गंगा भोगपुर के ग्रामीणों से मतदान बहिष्कार के संबंध में वार्ता की गई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला था. हालांकि, लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ शांतिभंग का चालान किया है. जिसको लेकर नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है." -चतर सिंह, एसडीएम यमकेश्वर
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