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12 साल की प्लानिंग थी ज्वेलरी शॉप लूट कांड! जानिए, किसने और कैसे ली थी ट्रेनिंग - Jewellery shop robbery

Police arrested main accused in jewellery shop robbery. रांची के डीपी ज्वेलर्स लूटकांड में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं. भले ही इस वारदात को 2024 में अंजाम दिया गया लेकिन इसकी प्लानिंग और ट्रेनिंग साल 2012 से ही शुरू कर दी गयी थी.

Police arrested main accused in jewellery shop robbery case in Ranchi
ज्लेलरी शॉप लूटकांड के आरोपी और लूट का सामान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 9, 2024, 10:43 PM IST

रांचीः राजधानी रांची के डीपी ज्वेलर्स लूट कांड में रांची पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. डीपी ज्वेलर्स लूट कांड की प्लानिंग कुख्यात अपराधी सुबोध सिंह की देखरेख में तैयार की गयी थी. लूट की ट्रेनिंग राउरकेला जेल में हुई थी जबकि प्लानिंग बिहार के बेउर जेल से की गई थी.

लूटकांड में मिली सफलता को लेकर जानकारी देते रांची एसएसपी (ETV Bharat)

ओडिशा से लूटकांड का लिंक

रांची के डीपी ज्वेलर्स में साल 2024 में भले ही लूट की वारदात को अंजाम दिया गया लेकिन इसकी ट्रेनिंग साल 2012 में ही शुरू हो गई थी. दरअसल, रांची पुलिस के द्वारा गिरफ्तार शशि भूषण प्रसाद उर्फ पिंटू ही गैंग का सरगना है. रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने प्रेस वार्ता की और पूरे मामले का खुलासा किया. साल 2012 में राउरकेला में शशि भूषण ने अपने ससुर जयप्रकाश गुप्ता के साथ मिलकर दिलीप आडवाणी नाम के एक व्यक्ति की हत्या की थी. इस मामले में जयप्रकाश गुप्ता और शशि भूषण को राउरकेला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें उम्र कैद की सजा हुई थी.

जेल में रहने के दौरान ही राउरकेला में हुए एक जेवर दुकान की लूटकांड के सिलसिले में कुख्यात सुबोध सिंह को गिरफ्तार कर राउरकेला जेल में रखा गया था. उसी दौरान सुबोध सिंह और शशि भूषण में अच्छी मित्रता हो गई. जेल में रहते हुए सुबोध ने ही शशि भूषण को बताया था कि जेवर दुकान लूटने का धंधा सबसे बेहतर है. इसके लिए बाकायदा जेल में ही शशि भूषण को सुबोध सिंह के द्वारा ट्रेनिंग भी दी गई थी. इसके बाद शशि भूषण राउरकेला पुलिस की स्टडी से फरार हो गया और पलामू आ गया. यहां रहकर वो छोटे-मोटे अपराध करने लगा.

जमानत पर छूटने के बाद सुबोध सिंह बिहार में आकर कई जेवर लूट की वारदातों को अंजाम दिया. इसके बाद उसे फिर से एक बार गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह बेउर जेल में बंद है. इसी साल सुबोध सिंह ने शशि भूषण से संपर्क किया और कहा कि वह शातिर तरीके से जेवर दुकानों में लूट की वारदात को अंजाम दे, लूट का जो भी सोना और चांदी आएगी वह बिहार में खपा दिया जाएगा. इसी के बाद शशि भूषण ने अपने गैंग को तैयार किया और रांची के डीपी ज्वेलर्स में लूट की घटना को अंजाम दिया.

शातिर गिरोह ने कोई सबूत नहीं छोड़ा

रांची में डीपी ज्वेलर्स लूट कांड के निर्देश पटना के बेउर जेल से मिले थे. जेवर दुकानों में लूटपाट के लिए कुख्यात सुबोध सिंह गिरोह ने एक साथ कई दुकानों को लूटने की प्लानिंग की थी. लूट की योजना को अंजाम देने के लिए एक महीने से डीपी ज्वेलर्स की रेकी की जा रही थी. अपराधी इतने शातिर थे कि उन्होंने लूट के बाद ऐसा कोई सबूत नहीं छोड़ा था जिसकी सहायता से पुलिस उन तक पहुंच सके. रांची पुलिस ने भी डीपी ज्वेलर्स लूट कांड को एक ब्लाइंड केस माना था क्योंकि सभी लुटेरे हेलमेट पहनकर जेवर दुकान को लूटने आए थे, लूट के लिए चोरी का बाइक इस्तेमाल किया गया. मोबाइल फोन का प्रयोग अपराधियों ने बिल्कुल नहीं किया.

चार ने लूटा, दो की पुलिस पर थी नजर

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि डीपी ज्वेलर्स में लूट कांड को अंजाम देने के लिए चार अपराधी हेलमेट पहनकर जेवर दुकान में घुसे थे. जिनमें विकास कुमार उर्फ विक्की, शशि भूषण प्रसाद उर्फ पिंटू, विवेक कुमार और पंकज कुमार शर्मा शामिल थे. लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद सभी भाग कर रांची एयरपोर्ट पहुंचे. रांची एयरपोर्ट पर पहले से ही गैंग का एक सदस्य मुकेश कुमार मौजूद था. चारों अपराधियों ने लूट का सारा माल मुकेश को सौंप दिया और फिर चोरी की बाइक और मोबाइल वहीं पर फेंक कर अलग-अलग वाहन का प्रयोग कर सभी रातू रोड स्थित एक होटल में पहुंच गए. इस बीच गैंग के दो सदस्य सूरज विश्वकर्मा और रितेश वर्मा पुलिस की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे. गैंग के सदस्य मुकेश कुमार के द्वारा लुटे हुए सोने और चांदी के जेवर को छुपाने का काम किया गया.

18 से अधिक स्थानों पर रेड

रांची पुलिस के द्वारा डीपी ज्वेलर्स लूट कांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए झारखंड, ओडिशा और बिहार सहित कुल 18 शहरों में छापेमारी की गई. सीसीटीवी फुटेज को पूरी तरह से उल्टा खंगाला गया ताकि यह पता चल सके कि अपराधी किस रास्ते से आए थे. उसी के बाद यह सुराग हासिल हुआ कि सभी अपराधी पलामू और गढ़वा के रहने वाले हैं. सीसीटीवी फुटेज में अपराधियों के हल्के चेहरे सामने आए थे. जिसके बाद जब उनका मिलान किया गया तब पुलिस को जानकारी मिली कि अपराधी कौन-कौन हैं और फिर पुलिस की पूरी टीम ने मिलकर एक-एक कर सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया.

कहां से क्या मिला

रांची के रातू रोड स्थित होटल ऑक्सी से पुलिस ने अपराधियों के द्वारा इस्तेमाल किया गया हेलमेट कपड़े जूते बरामद किए. लूट के बाद इसी होटल में अपराधियों ने पनाह ली था. वहीं रांची के बाजरा के सुभाष नगर स्थित एक घर से अपराधियों के कपड़े, 66 हजार रुपये, 420 ग्राम सोना, एक देसी कट्टा, 66 ग्राम चांदी, फर्जी आधार कार्ड और मोबाइल बरामद किए गए. रांची के पुंदाग स्थित डायमंड अपार्टमेंट से दो पिस्टल, 10 गोली, दो देसी कट्टा और 10 गोली, 850 ग्राम चांदी के जेवर, 09 मोबाइल, 02 चाकू और फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए.

अगला टारगेट था बालासोर

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि अपराधी डीपी ज्वेलर्स में लूटकांड को अंजाम देने के बाद दूसरी लूट की योजना बना चुके थे. सभी अपराधियों को ओडिशा के बालासोर पहुंचना था और वहां के एक बड़े जेवर की दुकान को लूटने की योजना थी. अपराधियों के पास जो मोबाइल बरामद हुआ है उसमें बालासोर स्थित जेवर दुकान की तस्वीर भी बरामद की गई है. अगर सभी अपराधी पकड़े नहीं जाते तो कई जेवर दुकानों में लूट कांड की घटनाओं को अंजाम देते.

इसे भी पढ़ें- जेवर दुकान से 1 करोड़ 40 लाख की लूट, सीसीटीवी फुटेज में देखिए अपराधियों का दुस्साहस - Loot in Ranchi

इसे भी पढ़ें- डीपी ज्वेलर्स लूटकांडः बिहार और ओडिशा में तबाड़तोड़ रेड, हिरासत में आधा दर्जन लोग - robbery of DP Jewelers

इसे भी पढ़ें- डीपी ज्वेलर्स लूट कांड: आठ लुटेरे गिरफ्तार, सोना-चांदी समेत कई हथियार बरामद - DP Jewelers robbery case

रांचीः राजधानी रांची के डीपी ज्वेलर्स लूट कांड में रांची पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. डीपी ज्वेलर्स लूट कांड की प्लानिंग कुख्यात अपराधी सुबोध सिंह की देखरेख में तैयार की गयी थी. लूट की ट्रेनिंग राउरकेला जेल में हुई थी जबकि प्लानिंग बिहार के बेउर जेल से की गई थी.

लूटकांड में मिली सफलता को लेकर जानकारी देते रांची एसएसपी (ETV Bharat)

ओडिशा से लूटकांड का लिंक

रांची के डीपी ज्वेलर्स में साल 2024 में भले ही लूट की वारदात को अंजाम दिया गया लेकिन इसकी ट्रेनिंग साल 2012 में ही शुरू हो गई थी. दरअसल, रांची पुलिस के द्वारा गिरफ्तार शशि भूषण प्रसाद उर्फ पिंटू ही गैंग का सरगना है. रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने प्रेस वार्ता की और पूरे मामले का खुलासा किया. साल 2012 में राउरकेला में शशि भूषण ने अपने ससुर जयप्रकाश गुप्ता के साथ मिलकर दिलीप आडवाणी नाम के एक व्यक्ति की हत्या की थी. इस मामले में जयप्रकाश गुप्ता और शशि भूषण को राउरकेला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें उम्र कैद की सजा हुई थी.

जेल में रहने के दौरान ही राउरकेला में हुए एक जेवर दुकान की लूटकांड के सिलसिले में कुख्यात सुबोध सिंह को गिरफ्तार कर राउरकेला जेल में रखा गया था. उसी दौरान सुबोध सिंह और शशि भूषण में अच्छी मित्रता हो गई. जेल में रहते हुए सुबोध ने ही शशि भूषण को बताया था कि जेवर दुकान लूटने का धंधा सबसे बेहतर है. इसके लिए बाकायदा जेल में ही शशि भूषण को सुबोध सिंह के द्वारा ट्रेनिंग भी दी गई थी. इसके बाद शशि भूषण राउरकेला पुलिस की स्टडी से फरार हो गया और पलामू आ गया. यहां रहकर वो छोटे-मोटे अपराध करने लगा.

जमानत पर छूटने के बाद सुबोध सिंह बिहार में आकर कई जेवर लूट की वारदातों को अंजाम दिया. इसके बाद उसे फिर से एक बार गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह बेउर जेल में बंद है. इसी साल सुबोध सिंह ने शशि भूषण से संपर्क किया और कहा कि वह शातिर तरीके से जेवर दुकानों में लूट की वारदात को अंजाम दे, लूट का जो भी सोना और चांदी आएगी वह बिहार में खपा दिया जाएगा. इसी के बाद शशि भूषण ने अपने गैंग को तैयार किया और रांची के डीपी ज्वेलर्स में लूट की घटना को अंजाम दिया.

शातिर गिरोह ने कोई सबूत नहीं छोड़ा

रांची में डीपी ज्वेलर्स लूट कांड के निर्देश पटना के बेउर जेल से मिले थे. जेवर दुकानों में लूटपाट के लिए कुख्यात सुबोध सिंह गिरोह ने एक साथ कई दुकानों को लूटने की प्लानिंग की थी. लूट की योजना को अंजाम देने के लिए एक महीने से डीपी ज्वेलर्स की रेकी की जा रही थी. अपराधी इतने शातिर थे कि उन्होंने लूट के बाद ऐसा कोई सबूत नहीं छोड़ा था जिसकी सहायता से पुलिस उन तक पहुंच सके. रांची पुलिस ने भी डीपी ज्वेलर्स लूट कांड को एक ब्लाइंड केस माना था क्योंकि सभी लुटेरे हेलमेट पहनकर जेवर दुकान को लूटने आए थे, लूट के लिए चोरी का बाइक इस्तेमाल किया गया. मोबाइल फोन का प्रयोग अपराधियों ने बिल्कुल नहीं किया.

चार ने लूटा, दो की पुलिस पर थी नजर

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि डीपी ज्वेलर्स में लूट कांड को अंजाम देने के लिए चार अपराधी हेलमेट पहनकर जेवर दुकान में घुसे थे. जिनमें विकास कुमार उर्फ विक्की, शशि भूषण प्रसाद उर्फ पिंटू, विवेक कुमार और पंकज कुमार शर्मा शामिल थे. लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद सभी भाग कर रांची एयरपोर्ट पहुंचे. रांची एयरपोर्ट पर पहले से ही गैंग का एक सदस्य मुकेश कुमार मौजूद था. चारों अपराधियों ने लूट का सारा माल मुकेश को सौंप दिया और फिर चोरी की बाइक और मोबाइल वहीं पर फेंक कर अलग-अलग वाहन का प्रयोग कर सभी रातू रोड स्थित एक होटल में पहुंच गए. इस बीच गैंग के दो सदस्य सूरज विश्वकर्मा और रितेश वर्मा पुलिस की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे. गैंग के सदस्य मुकेश कुमार के द्वारा लुटे हुए सोने और चांदी के जेवर को छुपाने का काम किया गया.

18 से अधिक स्थानों पर रेड

रांची पुलिस के द्वारा डीपी ज्वेलर्स लूट कांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए झारखंड, ओडिशा और बिहार सहित कुल 18 शहरों में छापेमारी की गई. सीसीटीवी फुटेज को पूरी तरह से उल्टा खंगाला गया ताकि यह पता चल सके कि अपराधी किस रास्ते से आए थे. उसी के बाद यह सुराग हासिल हुआ कि सभी अपराधी पलामू और गढ़वा के रहने वाले हैं. सीसीटीवी फुटेज में अपराधियों के हल्के चेहरे सामने आए थे. जिसके बाद जब उनका मिलान किया गया तब पुलिस को जानकारी मिली कि अपराधी कौन-कौन हैं और फिर पुलिस की पूरी टीम ने मिलकर एक-एक कर सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया.

कहां से क्या मिला

रांची के रातू रोड स्थित होटल ऑक्सी से पुलिस ने अपराधियों के द्वारा इस्तेमाल किया गया हेलमेट कपड़े जूते बरामद किए. लूट के बाद इसी होटल में अपराधियों ने पनाह ली था. वहीं रांची के बाजरा के सुभाष नगर स्थित एक घर से अपराधियों के कपड़े, 66 हजार रुपये, 420 ग्राम सोना, एक देसी कट्टा, 66 ग्राम चांदी, फर्जी आधार कार्ड और मोबाइल बरामद किए गए. रांची के पुंदाग स्थित डायमंड अपार्टमेंट से दो पिस्टल, 10 गोली, दो देसी कट्टा और 10 गोली, 850 ग्राम चांदी के जेवर, 09 मोबाइल, 02 चाकू और फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए.

अगला टारगेट था बालासोर

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि अपराधी डीपी ज्वेलर्स में लूटकांड को अंजाम देने के बाद दूसरी लूट की योजना बना चुके थे. सभी अपराधियों को ओडिशा के बालासोर पहुंचना था और वहां के एक बड़े जेवर की दुकान को लूटने की योजना थी. अपराधियों के पास जो मोबाइल बरामद हुआ है उसमें बालासोर स्थित जेवर दुकान की तस्वीर भी बरामद की गई है. अगर सभी अपराधी पकड़े नहीं जाते तो कई जेवर दुकानों में लूट कांड की घटनाओं को अंजाम देते.

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