अलवर. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर गुरुवार रात पुलिस व गोरक्षकों की तत्परता के चलते गौ तस्करों के मंसूबे पर पानी फिर गया. जानकारी के अनुसार एक ट्रक में करीब 28 गौवंश तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे. सूचना पर पुलिस व गौरक्षक की टीम मौके पर पहुंची और ट्रक से गौवंश को मुक्त कराकर राजगढ़ के भोरंगी धाम गोशाला पहुंचाया गया. हालांकि गौरक्षक टीम ने एनएचएआई पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने समय पर क्रेन नहीं उपलब्ध कराई गई.
लक्ष्मणगढ़ थाने के एसएचओ राम मीणा ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग टीम के प्रभारी विजय पचौरी को चैनल नंबर 115.4 पर एक लावारिस ट्रक में गौवंश होने की सूचना मिली थी. सूचना पर रात के समय पुलिस व गोरक्षक की टीम पहुंची. तब तक गौतस्कर ट्रक को छोड़कर फरार हो चुके थे. भोरंगी धाम गोशाला के गोरक्षक प्रशांत पंडित ने बताया कि गौ तस्करों ने ट्रक में ठूंस-ठूंस कर 28 से ज्यादा गोवंश को भर रखा था. इसकी सूचना एनएचएआई को दी गई, लेकिन एनएचएआई की ओर से समय पर क्रेन उपलब्ध नहीं हुई. जिसके चलते लक्ष्मणगढ़ से राजगढ़ भोरंगी धाम गोशाला का सफर करीब 15 घंटे में पूरा हुआ. इस दौरान करीब 4-5 गौवंश घायल हो गए, जिनका इलाज किया जा रहा है.
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एक्सप्रेसवे बन रहा गोतस्करों के लिए सुगम रास्ता : दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे जब से आम लोगों के लिए शुरू हुआ है, तभी से गौ तस्करों के लिए भी यह रास्ता सुगम बना हुआ है. पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई है, जहां गौ तस्कर एक्सप्रेस वे का रास्ता अपना कर गो तस्करी जैसे अपराध को अंजाम दे रहे हैं. कारण है कि दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे पर वाहनों की स्पीड लिमिट पर ध्यान दिया जाता है, न कि वाहनों के अंदर क्या सामान लाया ले जा रहा है. यह रास्ता सीधा दिल्ली से कनेक्ट होता है. इसके चलते गौ तस्कर यहां से आसानी से अपने काम को अंजाम देते है.