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अफीम की खेती के खिलाफ बड़ा अभियान, जनता से जानकारी देने की अपील - OPIUM CULTIVATION IN HAZARIBAG

हजारीबाग में भी अफीम की खेती के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है. जहां इसकी खेती की सूचना मिलती है वहां इसको नष्ट किया है.

OPIUM CULTIVATION IN HAZARIBAG
हजारीबाग में अफीम की खेती के विरुद्ध पुलिस का अभियान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 24, 2025, 12:35 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 12:49 PM IST

हजारीबाग: झारखंड पुलिस अफीम की खेती को लेकर पूरे राज्य भर में बड़ा अभियान चला रही है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सख्त निर्देश दिये हैं कि अफीम की खेती पर विराम लगाया जाए. जहां भी इस खेती की सूचना मिलती है वहां अभियान चलाकर नष्ट करें. जो भी व्यक्ति इसमें संलिप्त है उसे जेल भेजें.

हजारीबाग में अफीम की खेती के विरुद्ध पुलिस का अभियान (Etv Bharat)

वन विभाग भी अफीम की खेती को लेकर बड़ा अभियान चला रहा है. हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल के चतरा जिले के बन्हें में पहले 25 एकड़ में पोस्ता की खेती नष्ट की गई थी. इसके बाद 45 एकड़ खेती नष्ट की गयी. तत्पश्चात 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगायी गई पोस्ता की खेती को नष्ट किया गया है. 19 जनवरी को चौपारण के जगोहीह में 5 एकड़ और 20 जनवरी को पतलगढवा और बुकाद में 20 एकड़ वन भूमि में लगे अफीम की खेती नष्ट की गयी.

पुलिस और वन विभाग को जहां भी इसकी सूचना मिल रही है वहां ट्रैक्टर चलाकर अफीम की खेती नष्ट कर रहे हैं. जो तस्वीर सामने आ रही है वह इस ओर इशारा कर रही है कि अफीम की खेती बहुत ही संगठित रूप से अपराधी कर रहे हैं.

पहले नक्सली अफीम की खेती किया करते थे और खुद को आर्थिक रूप से सबल बनाते थे. अब अपराधी अफीम की खेती कर रहे हैं. यही कारण है कि बहुत ही सुनियोजित तरीके से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में घेरा बनाकर पोस्ता की खेती की जा रही है.

पोस्ता के अवैध व्यापारी वहां पटवन के लिए पानी भी पंप से ला रहे हैं, जो यह दिखाता है कि काफी दिनों से इसकी खेती करने की तैयारी अवैध व्यापारियों ने कर रखी थी.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह भी कहते हैं कि अवैध अफीम की खेती को लेकर पुलिस बेहद गंभीर है और जहां-जहां अफीम की खेती की सूचना मिल रही है, वहां- वहां अभियान चलाकर खेती नष्ट की गयी है.

पुलिस भी अब राहत की सांस ले रही है कि ग्रामीणों के जरिए भी अफीम की खेती के बारे में सूचना मिल रही है. ग्रामीण मिलकर अफीम के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. अब आम जनता भी यह समझ रही है कि नशा परिवार को नहीं बल्कि पूरे समाज को खोखला कर देती है. इसे देखते हुए ग्रामीण भी जागरूक हो रहे हैं. वन विभाग के पदाधिकारी भी लोगों से अपील कर रहे हैं कि जब भी सूचना मिले तो विभाग को इसकी जानकारी दें.

पूरे राज्य भर से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अफीम की खेती का नेटवर्क दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, तो दूसरी ओर पुलिस इसके खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है.

जब आम जनता जागरूक होगी तभी इसकी खेती पर भी विराम लगेगा. ईटीवी भारत भी हर एक व्यक्ति से अपील करता है कि जहां भी अफीम की खेती की सूचना मिले तो जानकारी विभाग को अवश्य दें ताकि समाज सुरक्षित रह सके.


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हजारीबाग: झारखंड पुलिस अफीम की खेती को लेकर पूरे राज्य भर में बड़ा अभियान चला रही है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सख्त निर्देश दिये हैं कि अफीम की खेती पर विराम लगाया जाए. जहां भी इस खेती की सूचना मिलती है वहां अभियान चलाकर नष्ट करें. जो भी व्यक्ति इसमें संलिप्त है उसे जेल भेजें.

हजारीबाग में अफीम की खेती के विरुद्ध पुलिस का अभियान (Etv Bharat)

वन विभाग भी अफीम की खेती को लेकर बड़ा अभियान चला रहा है. हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल के चतरा जिले के बन्हें में पहले 25 एकड़ में पोस्ता की खेती नष्ट की गई थी. इसके बाद 45 एकड़ खेती नष्ट की गयी. तत्पश्चात 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगायी गई पोस्ता की खेती को नष्ट किया गया है. 19 जनवरी को चौपारण के जगोहीह में 5 एकड़ और 20 जनवरी को पतलगढवा और बुकाद में 20 एकड़ वन भूमि में लगे अफीम की खेती नष्ट की गयी.

पुलिस और वन विभाग को जहां भी इसकी सूचना मिल रही है वहां ट्रैक्टर चलाकर अफीम की खेती नष्ट कर रहे हैं. जो तस्वीर सामने आ रही है वह इस ओर इशारा कर रही है कि अफीम की खेती बहुत ही संगठित रूप से अपराधी कर रहे हैं.

पहले नक्सली अफीम की खेती किया करते थे और खुद को आर्थिक रूप से सबल बनाते थे. अब अपराधी अफीम की खेती कर रहे हैं. यही कारण है कि बहुत ही सुनियोजित तरीके से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में घेरा बनाकर पोस्ता की खेती की जा रही है.

पोस्ता के अवैध व्यापारी वहां पटवन के लिए पानी भी पंप से ला रहे हैं, जो यह दिखाता है कि काफी दिनों से इसकी खेती करने की तैयारी अवैध व्यापारियों ने कर रखी थी.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह भी कहते हैं कि अवैध अफीम की खेती को लेकर पुलिस बेहद गंभीर है और जहां-जहां अफीम की खेती की सूचना मिल रही है, वहां- वहां अभियान चलाकर खेती नष्ट की गयी है.

पुलिस भी अब राहत की सांस ले रही है कि ग्रामीणों के जरिए भी अफीम की खेती के बारे में सूचना मिल रही है. ग्रामीण मिलकर अफीम के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. अब आम जनता भी यह समझ रही है कि नशा परिवार को नहीं बल्कि पूरे समाज को खोखला कर देती है. इसे देखते हुए ग्रामीण भी जागरूक हो रहे हैं. वन विभाग के पदाधिकारी भी लोगों से अपील कर रहे हैं कि जब भी सूचना मिले तो विभाग को इसकी जानकारी दें.

पूरे राज्य भर से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अफीम की खेती का नेटवर्क दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, तो दूसरी ओर पुलिस इसके खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है.

जब आम जनता जागरूक होगी तभी इसकी खेती पर भी विराम लगेगा. ईटीवी भारत भी हर एक व्यक्ति से अपील करता है कि जहां भी अफीम की खेती की सूचना मिले तो जानकारी विभाग को अवश्य दें ताकि समाज सुरक्षित रह सके.


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Last Updated : Jan 24, 2025, 12:49 PM IST
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