जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जयपुर स्थित ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के अटल एकेडमी एंड इंनोवेशन सेंटर का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया. इस दौरान मौके पर मौजूद रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने इस केंद्र को स्किल एजुकेशन की ओर बढ़ता कदम बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि टीचर्स को ट्रेनिंग मिलने से स्किल्ड छात्र तैयार होंगे. हालांकि, इस बीच जब पीएम मोदी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, तभी अल्पाहार शुरू होने की वजह से पूरा ऑडिटोरियम खाली हो गया.
दरअसल, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की ओर से उच्च शिक्षा प्रणाली में पॉजिटिव चेंजेस लाने के लिए अटल एकेडमी फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया है. ये पहल नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अनुरूप है और इसका उद्देश्य शिक्षकों को अपने संबंधित क्षेत्रों में इफेक्टिव रिसर्चर, इनोवेटर और लीडर्स बनने के लिए मजबूत बनाना है. अटल एकेडमी के तहत फैकल्टी सदस्यों की टेक्निकल और नॉन टेक्निकल डोमेन को कवर करने वाले उच्च गुणवत्ता वाले फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम तक पहुंच होगी. जयपुर के झालाना क्षेत्र में विकसित किए गए इस अटल एकेडमी एंड इनोवेशन सेंटर का निर्माण 3 हजार 795 वर्ग मीटर में किया गया है. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 27.4 करोड़ रुपए है.
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इस लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि आज का दिन उच्च शिक्षा के लिए ऐतिहासिक है. पीएम मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है. अटल अकादमी भी इनमें से एक है, जहां टीचर्स ट्रेनिंग लेंगे. उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और स्किल्स का फायदा मिलेगा और इससे पीएम नरेंद्र मोदी का विकसित भारत और विकसित राजस्थान का सपना भी पूरा होगा. आगे उन्होंने स्पष्ट किया कि नई एजुकेशन पॉलिसी यहां लागू होने जा रही हैं. इससे छात्रों को संबल मिलेगा. साथ ही स्किल एजुकेशन पर विशेष फोकस किया जाएगा.
वहीं, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी सीताराम ने कहा कि उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अटल एकेडमी स्थापित किया गया हैं. आने वाले समय में यह एक आदर्श केंद्र के रूप में विकसित होगा. उन्होंने बताया कि अटल एकेडमी में रिसर्च, इनोवेशन, एंटरप्रिन्योरशिप और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा. इस केंद्र को स्टेट ऑफ द आर्ट सुविधाओं से लैस किया गया है. इस केंद्र में तकनीक विकसित करने से लेकर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के कंजर्वेशन और स्टार्टअप शुरू करने में भी मदद की जाएगी.
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आपको बता दें कि एआईसीटीई की ओर से अनुमोदित ये संस्थान इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कंप्यूटर एप्लीकेशन, भारतीय ज्ञान प्रणाली सहित दूसरे विभिन्न क्षेत्रों में ऑफलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित कर सकते हैं. इससे डोमेन नॉलेज, उद्योग से जुड़ाव, टीचिंग स्किल, रिसर्च कैपेसिटी, लाइफ स्किल और करियर डेवलपमेंट प्रोग्राम शामिल होंगे. अटल एकेडमी इन्वेंटर्स चैलेंज जैसी पहल छात्रों के बीच नवाचार को बढ़ावा देगी.
केंद्र में मिलेंगी ये सुविधाएं
- 250 सीटर ऑडिटोरियम
- 2 विस्तार योग्य सेमिनार कक्ष
- 69 सीटर बोर्ड रूम
- 15 सीटर मीटिंग रूम
- 15 सीटर ई-लर्निंग सेंटर
- इन्क्यूबेशन सेंटर
- 40 सीटों वाला कैफेटेरिया
- पार्किंग बेसमेंट
- दिव्यांग छात्रों के अनुकूल डिजाइन
- छत पर 33 किलोवाट का सौर पैनल
- वर्षा जल संचयन प्रणाली
- जीरो डिस्चार्ज बिल्डिंग