ग्वालियर/देवास: पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक(PKC) के लिये त्रि-स्तरीय अनुबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जयपुर में हुआ. इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने हस्ताक्षर किए. इस परियोजना से मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसानों की तकदीर बदलने की संभावना है. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के बाद इस दूसरी परियोजना को आगे बढ़ाया है. पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच समझौता कराते हुए पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को मूर्तरूप दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा "ये 20 साल पुराना झगड़ा था. दोनों प्रदेश में ये जल की सौगात पीएम मोदी की वजह से ही पूरी हो पाई है."
जयपुर में एमओयू के बाद क्या बोले मुख्यमंत्री मोहन यादव
अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद जयपुर से ग्वालियर पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा "नदियों को जोड़ने की योजना भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी. इससे मध्य प्रदेश और राजस्थान की लाखों हेक्टेयर की भूमि न सिर्फ सिंचित होगी, बल्कि अंचल में पानी की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिलेगी. पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक जोड़ने की परियोजना के एमओयू साइन होने पर उन्हें खुशी है. नदी जोड़ो अभियान का विश्व में यह पहला दिन है. मध्य प्रदेश के 11 जिलों की 6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की भूमि इस नई परियोजना से सिंचित हो सकेगी. नदी से नदी को जोड़कर राज्यों के बीच एक नया इतिहास बना है. प्रधानमंत्री ने राज्यों के बीच एक नया इतिहास बनाया है. इससे बाकी लोगों को सबक लेना चाहिए. पवन, प्रकृति संपदा इन सब का परस्पर संयोजन जनहित के लिए उपयोग होना चाहिए."
मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आज का दिन ऐतिहासिक है, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश और राजस्थान ने नया इतिहास रचा है...
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पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से दोनों राज्यों के विकास के नए द्वार खुलेंगे...
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आज जयपुर, राजस्थान की पावन धरा पर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 'पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के अनुबंध संपादन कार्यक्रम' में सहभागिता की। यह परियोजना मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के लिए ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सौगात है।
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₹72 हजार करोड़ की इस परियोजना से… pic.twitter.com/QdFXZyEnf0
नदियों का मायका है मध्यप्रदेश...
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पीकेसी परियोजना से मध्यप्रदेश के इन जिलों को मिलेगा लाभ
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश के देवास, गुना, शिवपुरी, सीहोर, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिये भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी. माना जा रहा है कि इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी. अब रणजीत सागर कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना से किसानों के खेत में पानी पहुंचेगा तो किसान 4-4 फसल ले पाएंगे.
देवास के टोंकखुर्द में किसान सम्मेलन, क्या बोले कैलाश विजयवर्गीय
वहीं, देवास जिले में जिला स्तरीय किसान सम्मेलन टोंकखुर्द में मण्डी मंडी प्रांगण में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इतनी बड़ी योजना की सौगात दी गई है. सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र का एक खेत भी ऐसा नहीं रहेगा, जहां पर पानी नहीं पहुंचेगा. पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना अंतर्गत रणजीत सागर कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना अनुमानित लागत 02 हजार 182 करोड़ है."
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देवास जिले के 74 गांवों को होगा फायदा
रणजीत सागर कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना से 36 हजार 500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी. इससे 74 ग्राम लाभान्वित होंगे, जिसमें देवास जिले के 68 गांव और उज्जैन जिले के 06 गांव शामिल हैं. इस परियेाजना से मुख्य रूप से देवास जिले में सिंचाई, पेयजल, मत्स्य पालन एवं औद्योगिक प्रयोजन के लिए पानी की आपूर्ति की जाएगी. रणजीत सागर कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना अंतर्गत कालीसिंध नदी ग्राम रोशनाबाद के समीप रोशनाबाद बैराज योजना प्रस्तावित है, जो जिला मुख्यालय से 37 किमी दूरी पर स्थित है. कालीसिंध नदी पर ग्राम कराड़ियामोहर के समीप कराड़ियामोहर बैराज योजना प्रस्तावित है. इन दोनों बैराजों के अतिरिक्त 02 संतुलन जलाशय बुदासा जलाशय (बैलेन्सिंग रिजवॉयर-1) एवं नया राजानल जलाशय (बैलेन्सिंग रिजवॉयर-2) भी प्रस्तावित हैं.