वाराणसी: सावन के तीसरे सोमवार के दिन बाबा विश्वनाथ के दरबार में की भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान वहां गंगा स्नान करने आए भक्तों को नमामि गंगे ने तिरंगा थमाया. हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ने का आवाह्न किया और लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई.
काशी में सावन के तीसरे सोमवार को भारत भूमि अपनी पुण्य धारा से अभिसिंचित करने वाली मां गंगा किनारे तिरंगा ही तिरंगा नजर आया. मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद दशाश्वमेध घाट पर नमामि गंगे ने अपील करते हुए कहा, कि होंठो पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो, भारत माता की जय, वंदे मातरम्. नमामि गंगे ने इसको आगे बढ़ाते हुए जयहिंद के गगनभेदी उद्घोष के साथ, आओ घर घर अलख जगाएं - मां गंगा को स्वच्छ बनाये का नारा दिया. सबका साथ हो गंगा साफ हो.... इन नारों से पतित पावनी का तट गूंज उठा.
बता दें, कि पीएम मोदी द्वारा इस वर्ष भी राष्ट्र के अभिमान में तिरंगे को हर घर फहराने की अपील की गई है. नमामि गंगे ने इसको लेकर, पॉलिथीन मुक्त गंगा घाट बनाने का लोगों से आग्रह किया है. नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने गंगा स्वच्छता का आह्वान करते हुए सभी को जागरूक किया. राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता हेतु राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर सभी संकल्पबद्ध हुए.
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक शुक्ला ने कहा, कि सावन पर्यान्त हम मां गंगा का जल महादेव पर चढ़ाते हैं. गंगाजल अर्पण से महादेव प्रसन्न होते हैं. हमारा भी यह दायित्व है, कि महादेव की गंगा को स्वच्छ बनाए रखने में अपना योगदान दें. भारत के विभिन्न प्रदेशों से आए कांवरिया बंधुओं सहित स्थानीय नागरिको ने गंगा जी और संरक्षण की शपथ लिया.
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