कुचामनसिटी: हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के मकसद को पूरा करने के लिए सरकार किसानों को इस मुहिम का भागीदार बना रही है. इस पहल के तहत खेतों में सोलर प्लांट लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना यानी पीएम कुसुम योजना सी के तहत किसानों को खेतों में सोलर प्लांट लगाकर सोलर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है.
डीडवाना कुचामन के कृषि विभाग उपनिदेशक, उद्यान, कल्प वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी (पीएम कुसुम ए) के तहत बंजर भूमि पर मिनी ग्रिड लगाना. दूसरी श्रेणी (पीएम कुसुम बी) के तहत डीजल सिंचाई पंपों को आफग्रिड सौर पंपों में बदलना और तीसरी श्रेणी (पीएम कुसुम सी) के तहत एग्रीकल्चर सोलर के लिए मिनीग्रिड लगाए जा सकते हैं. किसान अपने खेत में सोलर प्लांट लगाकर उस ऊर्जा से सिंचाई कर सकते हैं. यही नहीं जो अतिरिक्त बिजली पैदा होगी, उसे ग्रिड में बेच सकते हैं.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा पंप पर 60 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त होगा. यह योजना किसानों को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लागू की गई है. उपनिदेशक, उद्यान कल्प वर्मा ने बताया कि किसान राज-किसान साथी पोर्टल पर ई-मित्र के माध्यम से या स्वंय आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के लिए किसान के पास कम से कम 0.40 हेक्टेयर जमीन होना अनिवार्य है.
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उन्होंने बताया कि साथ ही आवेदन करते समय जगाबंदी, बिजली कनेक्शन न होने का शपथ पत्र और सिंचाई जल स्रोत का स्वघोषित शपथ-पत्र जरूरी है. सामान्य श्रेणी के किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों को 45 हजार रुपए अतिरिक्त अनुदान मिलेगा. पूर्व में केंद्र सरकार की इस योजना से जुड़कर लाभान्वित होने वाले किसानों ने बताया कि कुसुम योजना से जुड़ने के बाद वे अपने खेत में सोलर ऊर्जा के जरिए सिंचाई कर रहे हैं और उन्हें सिंचाई में इससे बहुत फायदा हो रहा है.