वाराणसी : प्लास्टिक मुक्त प्रदेश और प्लास्टिक मुक्त देश यह प्लान कई साल से सरकारें चला रही हैं. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाली कई बड़ी एजेंसियां और निजी संस्थाएं भी अभियान चला रही हैं. इसके बावजूद धरातल पर प्लास्टिक मुक्त अभियान का कोई असर नहीं हो रहा है. प्लास्टिक मानव जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है. इसकी वजह से लोग इसे चाह कर भी नहीं छोड़ पा रहे हैं. बाजारों में प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से जारी है. बहरहाल इस अभियान का साकारात्मक पहलू यह है कि नगर निगमों की आय में जबरदस्त इजाफा हो रहा है. ऐसा ही हाल वाराणसी नगर निगम का भी है.
ईटीवी भारत ने वाराणसी में प्लास्टिक मुक्त अभियान की हकीकत खंगाली तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. वाराणसी नगर निगम के दावों पर गौर करें तो 2021-22 के वित्तीय वर्ष से लेकर 2024-25 के वित्तीय वर्ष में हर साल कई टन प्लास्टिक जब्त किया गया. 2021-22 में 20 टन से ज्यादा 2022-23 में 31 टन, 2023 24 में लगभग 6 टन और 2024-25 में अब तक लगभग 16 टन से ज्यादा प्लास्टिक जब्त किया गया. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि बनारस में प्लास्टिक का इस्तेमाल जबरदस्त तरीके से हो रहा है. हालांकि वसूली के जरिए नगर निगम ने इन चार साल में हर साल राजस्व बढ़ोतरी कर रहा है. नगर निगम ने अब तक अभियान चलाकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी की है.
दरअसल वाराणसी नगर निगम प्लास्टिक को बंद करने के बजाय वसूली पर ही जोर दे रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार सत्ता (2017) में आने के बाद प्लास्टिक के खिलाफ सख्त अभियान चला कर बिक्री और इस्तेमाल पर रोक के दिशा निर्देश दिए थे. शुरुआत में कुछ दिन सख्ती रही, लेकिन समय के साथ नगर निगम के मातहत केवल वूसली तक केंद्रित रह गए हैं.
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