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होमगार्ड पिता का बेटा बना डीएसपी, पीयूष ने तीसरे प्रयास में हासिल की सफलता - यूपीपीसीएस पीयूष पांडेय

लखीमपुर खीरी के पीयूष पांडेय ने यूपीपीसीएस में सफलता हासिल की है. पीयूष को 17वीं रैंक मिली है और वे डीएसपी बने हैं. इस कामयाबी के पीछे उन्होंने लंबा संघर्ष किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 9:28 PM IST

Updated : Jan 25, 2024, 12:21 PM IST

लखीमपुर खीरी : जिले के पीयूष पांडेय ने यूपीपीसीएस में सफलता हासिल की है. पीयूष का घर कभी घाघरा की कटान में बह गया था. होमगार्ड पिता परिवार को लेकर शेखपुर गांव आ गए. एक लंबे संघर्ष के बाद पीयूष को आखिर कामयाबी मिली. उन्होंने तीसरे प्रयास में सफलता पाई और अब वे डीएसपी बनेंगे. पीयूष की कामयाबी से पिता और उनके परिवार के लोग भावुक हैं.
खीरी जिले के धौरहरा तहसील के
ईसानगर थाना क्षेत्र के मोचनापुर गांव निवासी शिवकुमार पाण्डेय होमगार्ड हैं. उनकी तैनाती भी ईसानगर थाने में ही है. मंगलवार को यूपी परीक्षा का रिजल्ट आया तो तहसील और थाना ही नहीं, जिले का हर शख्स शिवकुमार पाण्डेय को जान गया. वजह, उनका बेटा पीयूष पाण्डेय उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा के अंतिम परिणाम में चयनित हो गया था. पीयूष को 17 वीं रैंक मिली है. पीयूष अब डिप्टी एसपी बनेंगे.

कटान में विस्थापित हो गया था परिवार

मूलरूप से मोचनापुर गांव के रहने वाले शिवकुमार का घर और जमीन घाघरा नदी की कटान के भेंट चढ़ गया था. परिवार विस्थापित होकर शेखपुर गांव में बस गया. घर का खर्च चलाने के लिए होमगार्ड का भत्ता ही था. इतनी विकट परस्थिति में भी पीयूष की पढ़ाई की ललक कम नहीं हुई. घर से करीब 15 किलोमीटर दूर खमरिया में किराए पर कमरा लेकर पीयूष ने 10वीं और यहीं के श्रीमती चन्द्रप्रभा विद्या मंदिर इंटर कालेज से 12 वीं की परीक्षा की.

इसके बाद पीयूष ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी की. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए. आगे की तैयारी के लिए पीयूष दिल्ली चले गए. इसी बीच पीयूष ने राजनीति शास्त्र से परास्नातक किया. यूपीपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें चयन होने के बाद पीयूष डिप्टी एसपी बने हैं. पीयूष ने बताया कि उन्हें तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है. इस बार पहली बार साक्षात्कार तक पहुंचे और सफलता हासिल की. पीयूष ने अपनी सफलता का श्रेय पिता शिवकुमार पांडेय, भाइयों निर्मल पांडेय, अनुज पांडेय सहित अपने शिक्षक अशोक श्रीवास्तव और कोचिंग इंस्ट्रक्टर विनीत अनुराग को दिया है.ट

थाने में होमगार्ड पिता का स्वागत

बुधवार को रोज की तरह शिवकुमार पांडेय ड्यूटी के लिए ईसानगर थाने पहुंचे. उनका बेटा पुलिस अफसर बन गया है, यह सूचना ईसानगर थाने में उनके पहुंचने से पहले ही हो गई थी. थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने शिवकुमार का स्वागत कर उनका मुंह मीठा कराया. शिवकुमार ने ईसानगर थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार के साथ परिसर में स्थित सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में प्रसाद चढ़ाया और बेटे की कामयाबी के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया.

लेखपाल से सब रजिस्ट्रार बनीं अवंतिका

निमचेनी गांव की रहने वालीं अवंतिका लेखपाल से सब रजिस्ट्रार बन गई हैं. प्राथमिक शिक्षक की बेटी ने सब रजिस्ट्रार बनकर जिले का नाम रोशन किया है. वर्तमान में उनका परिवार सदर तहसील के छाउछ की गांव में रहता है. ग्रामीण पृष्ठभूमि की अवंतिका ने यूपीपीएससी 2023 में सफलता हासिल की है. अवंतिका के पिता ओमप्रकाश भार्गव रिटायर्ड प्रधानाध्यापक हैं. अवंतिका ने अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है. इससे पहले अवंतिका का चयन लेखपाल पद के लिए हुआ था. अवंतिका ने अपनी सफलता श्रेय पिता व मौसा राममिलन भार्गव को दिया है. अवंतिका ने बताया कि उनका लक्ष्य आईएएस बनना है.

यह भी पढ़ें : UPPSC PCS Result: मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग में पढ़कर 19 अभ्यर्थियों ने पाई सफलता, जानिए इनके बारे में

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लखीमपुर खीरी : जिले के पीयूष पांडेय ने यूपीपीसीएस में सफलता हासिल की है. पीयूष का घर कभी घाघरा की कटान में बह गया था. होमगार्ड पिता परिवार को लेकर शेखपुर गांव आ गए. एक लंबे संघर्ष के बाद पीयूष को आखिर कामयाबी मिली. उन्होंने तीसरे प्रयास में सफलता पाई और अब वे डीएसपी बनेंगे. पीयूष की कामयाबी से पिता और उनके परिवार के लोग भावुक हैं.
खीरी जिले के धौरहरा तहसील के
ईसानगर थाना क्षेत्र के मोचनापुर गांव निवासी शिवकुमार पाण्डेय होमगार्ड हैं. उनकी तैनाती भी ईसानगर थाने में ही है. मंगलवार को यूपी परीक्षा का रिजल्ट आया तो तहसील और थाना ही नहीं, जिले का हर शख्स शिवकुमार पाण्डेय को जान गया. वजह, उनका बेटा पीयूष पाण्डेय उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा के अंतिम परिणाम में चयनित हो गया था. पीयूष को 17 वीं रैंक मिली है. पीयूष अब डिप्टी एसपी बनेंगे.

कटान में विस्थापित हो गया था परिवार

मूलरूप से मोचनापुर गांव के रहने वाले शिवकुमार का घर और जमीन घाघरा नदी की कटान के भेंट चढ़ गया था. परिवार विस्थापित होकर शेखपुर गांव में बस गया. घर का खर्च चलाने के लिए होमगार्ड का भत्ता ही था. इतनी विकट परस्थिति में भी पीयूष की पढ़ाई की ललक कम नहीं हुई. घर से करीब 15 किलोमीटर दूर खमरिया में किराए पर कमरा लेकर पीयूष ने 10वीं और यहीं के श्रीमती चन्द्रप्रभा विद्या मंदिर इंटर कालेज से 12 वीं की परीक्षा की.

इसके बाद पीयूष ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी की. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए. आगे की तैयारी के लिए पीयूष दिल्ली चले गए. इसी बीच पीयूष ने राजनीति शास्त्र से परास्नातक किया. यूपीपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें चयन होने के बाद पीयूष डिप्टी एसपी बने हैं. पीयूष ने बताया कि उन्हें तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है. इस बार पहली बार साक्षात्कार तक पहुंचे और सफलता हासिल की. पीयूष ने अपनी सफलता का श्रेय पिता शिवकुमार पांडेय, भाइयों निर्मल पांडेय, अनुज पांडेय सहित अपने शिक्षक अशोक श्रीवास्तव और कोचिंग इंस्ट्रक्टर विनीत अनुराग को दिया है.ट

थाने में होमगार्ड पिता का स्वागत

बुधवार को रोज की तरह शिवकुमार पांडेय ड्यूटी के लिए ईसानगर थाने पहुंचे. उनका बेटा पुलिस अफसर बन गया है, यह सूचना ईसानगर थाने में उनके पहुंचने से पहले ही हो गई थी. थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने शिवकुमार का स्वागत कर उनका मुंह मीठा कराया. शिवकुमार ने ईसानगर थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार के साथ परिसर में स्थित सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में प्रसाद चढ़ाया और बेटे की कामयाबी के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया.

लेखपाल से सब रजिस्ट्रार बनीं अवंतिका

निमचेनी गांव की रहने वालीं अवंतिका लेखपाल से सब रजिस्ट्रार बन गई हैं. प्राथमिक शिक्षक की बेटी ने सब रजिस्ट्रार बनकर जिले का नाम रोशन किया है. वर्तमान में उनका परिवार सदर तहसील के छाउछ की गांव में रहता है. ग्रामीण पृष्ठभूमि की अवंतिका ने यूपीपीएससी 2023 में सफलता हासिल की है. अवंतिका के पिता ओमप्रकाश भार्गव रिटायर्ड प्रधानाध्यापक हैं. अवंतिका ने अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है. इससे पहले अवंतिका का चयन लेखपाल पद के लिए हुआ था. अवंतिका ने अपनी सफलता श्रेय पिता व मौसा राममिलन भार्गव को दिया है. अवंतिका ने बताया कि उनका लक्ष्य आईएएस बनना है.

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Last Updated : Jan 25, 2024, 12:21 PM IST
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