श्रीनगर: पौड़ी में अब चीड़ के पेड़ का बीज लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का कार्य करने जा रहा है. दरअसल अगरोड़ा स्थित ग्राम सभा मरोड़ के पाली गांव का जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने स्थलीय निरीक्षण किया है. इसी बीच डीएम ने चीड़ के बीज से ग्रामीणों के जरिए फ्रूटस प्राप्त किए और परियोजना प्रबंधक रीप को निर्देशित किया कि स्वयं सहायता समूह और वन पंचायत के माध्यम से संग्रहित चीड़ के बीज को 500 रुपये प्रति किलोग्राम में क्रय किया जाए.
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 22 लाख रुपए की धनराशि जारी: जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि चीड़ के बीज से पाइन नट्स फ्रूट्स और पाइन सीड ऑयल तैयार किया जाए, इसके लिए सतपुली के बिलखेत में रीप परियोजना अंतर्गत ज्योति आजीविका स्वयं सहकारिता को इसकी यूनिट स्थापित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 22 लाख रुपए की धनराशि भी जारी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि चीड़ को इस तरह संसाधनों में बदलने से एक ओर स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी और दूसरी ओर कुछ हद तक चीड़ के जंगल पर अंकुश भी लगेगा. साथ ही चीड़ के जंगल में कमी आने से अन्य प्रजातियों को पनपने का अवसर भी मिलेगा. साथ ही बांझ, देवदार, बुरांस और मरु जैसे प्रजातियों के वृक्ष अधिक पनपेंगे. जिससे हरियाली भी अधिक होगी.
साबुन और स्क्रब जैसे उत्पाद होंगे तैयार: लोगों ने जिलाधिकारी की इस पहल का स्वागत किया और प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर यह प्रयास ठीक से हुआ तो आने वाले समय में लोगों को इसका व्यापक लाभ मिलेगा. वहीं, रीप परियोजना प्रबंधक कुलदीप बिष्ट ने कहा कि चीड़ के बीज से पाइन नट्स फ्रूट और पाइन सीड ऑयल प्राप्त करने के बाद सेकेंडरी उत्पादों के रूप में साबुन और स्क्रब जैसे उत्पाद भी तैयार हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस पर और भी रिसर्च की जाएगी. जिससे अन्य उपयोगी उत्पादों को भी तैयार किया जा सके.
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