गयाः बिहार का गयाजी धाम के प्रति विदेशियों की आस्था बढ़ती ही जा जा रही है. पितृपक्ष मेला की समाप्ति हो गयी है लेकिन अभी पिंडदान करने के लिए विदेशियों का आगमन हो रहा है. मोक्ष नगरी विष्णु धाम में कर्मकांड कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार रविवार को 161 विदेशी पिंडदानियों का आगमन गयाजी धाम में हुआ है. रविवार को यह विष्णु धाम को पहुंचे थे और भ्रमण करने के बाद सोमवार को पितरों की मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान किया.
भारतीय परिधानों में दिखी महिलाएंः विदेशी तीर्थयात्री भारतीय संस्कृति के अनुरूप रही परिधानों में हैं. गया में फलगु तट पर पिंडदान का कर्मकांड किया जा रहा है. इन विदेशियों में कई ऐसे हैं जो पितृ दोष के कारण विभिन्न बाधाओं से ग्रसित हैं. हर साल तकरीबन विदेशी तीर्थयात्री पिंडदान करने काफी तादाद में आने लगे हैं. अपने पितरों के मोक्ष की कामना कर रहे हैं.
गयाजी धाम से जुड़ी है आस्थाः पिंडदान करने वाले विदेशी तीर्थयात्रियों ने बताया कि सात समुंदर पार आने से यहां की आस्था महसूस होती है. यही वजह है कि मोक्ष नगरी गयाजी धाम में आकर पिंडदान करने वाले विदेशी पिंडदानियों की संख्या बढ़ने लगी है. पितृ दोष, पितरों को मोक्ष यह सभी तथ्य ऐसे हैं, जिन्हें सात समुद्र पार से आने वाले विदेशी भी मानने लगे हैं. उनकी आस्था विष्णु धाम के प्रति यथा-यथा प्रबल होती जा रही है.
![गयाजी धाम में पिंडदान करते तीर्थयात्री](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-10-2024/bideshi-pinddani_07102024100312_0710f_1728275592_151.jpg)
17 दिशों से आए तीर्थयात्रीः इसबार रविवार को 17 दिशों से तीर्थयात्री पिंडदान करने पहुंचे हैं. ये बीते दिन ही गया जी को पहुंचे थे. सोमवार को फल्गु तीर्थ के देवघाट पर पिंडदान का कर्मकांड कर रहे हैं. बड़ी संख्या में रूस से आए पिंडदानी शामिल हैं. पुरुषों के अलावा काफी संख्या में महिलाएं भी पिंडदान का कर्मकांड कर रही हैं.
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