हरिद्वार: 21 अगस्त को महायोगी पायलट बाबा का मुम्बई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में देहांत हो गया. पायलट बाबा के देहांत के बाद उनकी संपत्ति पर विरासत को लेकर 4 अलग अलग संतों का नाम चल रहा था. विवाद से बचने के लिए जूना अखाड़े ने नया फार्मूला निकलते हुए एक रास्ता निकाला, लेकिन अब भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो पायलट बाबा की षोड़शी पर जूना अखाड़े द्वारा निकाले गए फार्मूले से असंतुष्ट संत नया खुलासा कर सकते हैं. यह असंतुष्ट सन्त अपने आप को पायलट बाबा का दत्तक पुत्र बताने वाले महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज हैं. महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज ने जान का खतरा बताते हुए एसएसपी हरिद्वार सहित मुख्यमंत्री से अपनी सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने पायलट बाबा की मौत के कारणों पर भी गंभीर सवाल खड़े किये हैं. इसके साथ ही उनके द्वारा पायलट बाबा के ट्रस्ट में अचानक से आये ट्रस्टियों की जांच की मांग को लेकर एक पत्र भी पुलिस प्रशासन को भेजा गया है.
पायलट बाबा का दत्तक पुत्र बताने वाले महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज ने बाबा की मौत को लेकर सवाल खड़े किये. इसके बाद जगजीतपुर स्थित आश्रम के पास रहने वाले सुरेश कुमार ने अपनी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया हैय. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कोर्ट के आदेश दिखाते हुए प्रशासन से अपनी कब्जाई हुई जमीन वापस दिलाने की मांग की है.
वहीं, इस मामले पर पायलट बाबा की उत्तराधिकारी केको आइकवा के निजी सचिव महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरी ने कहा पायलट बाबा के कई शिष्य हैं. अगर कहीं कोई विवाद है तो 6 सितंबर को षोडशी संस्कार के बाद बैठकर सुलझाया जाएगा.