कानपुर: आपने अक्सर ही सुना होगा कि कभी किसी नामचीन या प्रख्यात नेता, अभिनेता के खिलाफ छोटे-छोटे शहरों में वाद और याचिकाएं दायर होती हैं. मगर, कानपुर में शुक्रवार देर शाम एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक पांच साल के छात्र ने स्कूल के पास शराब ठेका खुलने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है.
इस पर हाईकोर्ट ने आबकारी विभाग से जवाब मांगा है. बच्चे की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता का तर्क है कि स्कूल खुलने के बाद शराब ठेके का जो लाइसेंस रिन्यू हुआ, वह अवैध है. इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि जब स्कूल खुल गया था तो कैसे विभाग ने लाइसेंस रिन्यू कर दिया. 23 फरवरी को हाईकोर्ट में हुई इस मामले की सुनवाई के बाद अगली तिथि 13 मार्च तय कर दी गई है. वहीं, पूरे शहर में इस मामले की चर्चा जोरों पर है.
पीआईएल दाखिल करने वाला ये बालक अथर्व है जो आजाद नगर स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में एलकेजी का छात्र है. रतन सदन आजाद नगर निवासी पांच साल के अथर्व दीक्षित ने अपने अधिवक्ता पिता प्रसून दीक्षित के जरिए हाईकोर्ट में दाखिल पीआईएल में आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव, एक्साइज कमिश्नर लखनऊ, डीएम (लाइसेंसिंग अथॉरिटी) कानपुर नगर, आबकारी अधिकारी कानपुर और शराब ठेका संचालक ज्ञानेंद्र कुमार को पार्टी बनाया है.
आईजीआरएस में दर्ज हुई थी शिकायत, आबकारी विभाग ने लगा दिया जवाब: मामले में अथर्व के पिता अधिवक्ता प्रसून दीक्षित ने आईजीआरएस पोर्टल पर भी स्कूल के बगल में शराब ठेका होने की शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि, तब इस मामले में आबकारी विभाग के अफसरों ने जवाब लगाया कि स्कूल से 20-30 मीटर की दूरी पर ठेका है. साथ ही कहा कि ठेका 30 साल पहले से है, जबकि स्कूल की स्थापना साल 2019 में हुई है.
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