नई दिल्ली: राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा 18 जून को आयोजित की गई यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द होने के बाद, अब विश्वविद्यालयों में नेट के स्कोर के आधार पर पीएचडी में दाखिला देने का मामला लटक गया है. एनटीए ने फिर से नेट परीक्षा आयोजित करने के लिए 21 अगस्त से 4 सितंबर का समय तय किया है. इस समय अवधि में परीक्षा होने के बाद, परीक्षा परिणाम घोषित करने में भी समय लगेगा. ऐसे में कई विश्वविद्यालय यूजीसी के नए दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं तो कई विश्वविद्यालय यह कह रहे हैं कि वे नेट परीक्षा आयोजित होने और परीक्षा परिणाम आने तक पीएचडी दाखिले के लिए इंतजार करेंगे और परीक्षा होने के बाद उसके स्कोर के आधार पर ही पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
जेएनयू में अलग परीक्षा कराने पर विचार: वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित कर पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार कर रहा है. हालांकि विश्वविद्यालय ने कहा है कि वे यूजीसी नेट को नहीं छोड़ रहे हैं. दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तरह वे भी पीएचडी के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा कराने पर विचार कर रहे हैं. दूसरी ओर जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने दावा किया है कि विश्वविद्यालय पीएचडी के लिए यूजीसी नेट से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है. जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री डी पंडित ने एक बयान में कहा कि अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है और प्रशासन ने केवल फैकल्टी से सुझाव आमंत्रित किए हैं.
उन्होंने कहा कि यह मान लेना जल्दबाजी होगी कि जेएनयू पीएचडी प्रवेश के लिए यूजीसी नेट स्कोर को खत्म करने जा रहा है. हमने केवल सुझाव लिए हैं, क्योंकि एनटीए को प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में और हमारे परिणाम घोषित करने में कुछ समय लगेगा. इस वजह से पीएचडी दाखिले में देरी हो रही है. हमारे जेआरएफ छात्रों की फेलोशिप भी इसी वजह से अटकी हुई है. फिर भी, पुरानी प्रवेश प्रणाली को लागू करने के लिए कुछ तार्किक मुद्दों पर ध्यान देना होगा और यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है. अभी तक हमने कोई निर्णय नहीं लिया है. भविष्य में अगर हम ऐसा करते हैं तो इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अधिसूचित किया जाएगा. जेएनयूटीए ने एक बयान में कहा कि तीन जुलाई को कुलपति और स्कूलों के डीन की बैठक में पीएचडी प्रवेश के लिए पुराने जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करने की संभावना को खोलने के लिए निर्णय लिए गए.
डीयू और इग्नू करेंगे यूजीसी नेट का इंतजार: वहीं, डीयू के कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि यूजीसी की ओर से अभी तक पीएचडी दाखिले के लिए नेट परीक्षा के अलावा कोई और दिशा-निर्देश नहीं आया है. ऐसे में हम यूजीसी के निर्देश का इंतजार करेंगे. यूजीसी खुद प्रवेश परीक्षा आयोजित करने जैसा कोई दिशा निर्देश नहीं देता है तो हम अगस्त से सितंबर के बीच होने वाली यूजीसी नेट परीक्षा का इंतजार करेंगे और परीक्षा का परिणाम आने के बाद नेट स्कोर के आधार पर ही पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि अभी डीयू में पीजी की दाखिला प्रक्रिया चल रही है, इसलिए पहले से ही व्यस्तता है.
परीक्षा के बाद होगा दाखिला: वहीं इग्नू के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय डिस्टेंस एजुकेशन का विश्वविद्यालय है, जिसके पास पूरी तरह से यूजीसी के निर्देश अनुसार ही चलने की बाध्यता होती है. इसलिए पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया एनटीए द्वारा यूजीसी नेट की परीक्षा आयोजित करने के बाद ही शुरू करेंगे. अभी खुद से पीएचडी की प्रवेश परीक्षा कराने का कोई विचार नहीं है.
खुद की प्रवेश परीक्षा से ही दिया पीएचडी में दाखिला: उधर दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अनु सिंह लाठर ने बताया कि, हमने अपनी इस साल जुलाई-अगस्त सत्र की पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर ली है. हमारे यहां 171 सीटों पर पीएचडी में दाखिले हुए हैं. सभी बच्चे कोर्स वर्क पर भी लग भी गए हैं. इस बार हम जुलाई-अगस्त के सत्र में यूजीसी द्वारा लागू किए गए नेट स्कोर के आधार पर पीएचडी दाखिले के नियम का पालन नहीं कर पाए हैं, क्योंकि यूजीसी का नियम आने से पहले ही हमारे यहां प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई थी. इसलिए हमने मई माह में खुद की प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर उसके आधार पर ही पीएचडी में दाखिले किए हैं.
उन्होंने बताया कि एयूडी में हम साल में दो बार पीएचडी में दाखिला लेते हैं. पहला जुलाई-अगस्त सत्र में और दूसरा दिसंबर-जनवरी में. उन्होंने आगे बताया कि अब हम दिसंबर में जब पीएचडी दाखिले की प्रक्रिया शुरू करेंगे. तब हम देखेंगे कि अगर तब तक यूजीसी नेट की प्रवेश परीक्षा का आयोजन होकर उसका परिणाम आ जाता है, तो नेट स्कोर के आधार पर ही पीएचडी में दाखिले करेंगे. अगर यूजीसी नेट परीक्षा परिणाम में देरी होती है तो फिर से खुद की प्रवेश परीक्षा ही आयोजित कराएंगे.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं: जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पीएचडी में दाखिले यूजीसी नेट के स्कोर के आधार पर होंगे या खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित कराकर होंगे, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. विश्वविद्यालय के पीआरओ अजीम अहमद ने बताया कि इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. सोमवार को इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि, हालांकि अभी तक जामिया ने अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कराकर ही पीएचडी में दाखिले लिए हैं. यूजीसी के नेट के स्कोर के आधार पर पीएचडी में दाखिला देने के नियम को लागू करने के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.
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यूजीसी की ओर से नहीं है सख्ती: वहीं यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदेश कुमार ने कहा कि, यूजीसी पीएचडी रेगुलेशन 2022 में यह स्पष्ट है कि नेट स्कोर के आधार पर ही विश्वविद्यालयों को पीएचडी कोर्स में दाखिला देना चाहिए. लेकिन, इसको लेकर अभी तक यूजीसी की ओर से सख्ती नहीं की गई है. इसलिए कुछ विश्वविद्यालय खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहे थे. साथ ही यूजीसी की ओर से यूजीसी नेट के स्कोर से पीएचडी में दाखिला देने के नियम को इसी साल अप्रैल में अधिसूचित किया गया है. इसलिए अब इस साल से अधिकांश विश्वविद्यालय इस नियम को अपना रहे हैं. जो इस साल नहीं अपना पा रहे हैं वे अगले साल से इसमें शामिल हो जाएंगे.
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