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ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को देने के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

Petition against Ews to general category : ईडब्ल्यूएस का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Petition against Ews to general category
ईडब्ल्यूएस का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को देने के खिलाफ याचिका
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 18, 2024, 7:06 AM IST

Updated : Feb 18, 2024, 7:19 AM IST

जबलपुर. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. जबलपुर हाईकोर्ट में ईडब्ल्यूएस (EWS) का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एन्ड सोशल जस्टिस नामक संस्था की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि गरीब सभी वर्ग जातियों में होते है, लेकिन ईडब्ल्यूएस का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को ही दिया गया है, जो कि अनुचित है.

ओबीसी, एससी-एसटी इस लाभ से वंचित

याचिका में भारत सरकार द्वारा जारी ईडब्ल्यूएस पॉलिसी को संविधान के अनुच्छेद 15 (6), 16 (6) के तहत असंगत बताया गया है, जिसे कटघरे में रखा गया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह और विनायक शाह ने पक्ष रखा. जिन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 17 जनवरी 2019 की संवैधानिकता को पांच आधारों पर चुनौती दी गई है. दायर मामले में कहा गया है कि ईडब्ल्यूएस नीति में ओबीसी, एससी-एसटी को इस लाभ से वंचित किया जाना अनुच्छेद-14 के विरुद्ध है.

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स्पेशल रिजर्वेशन को बताया असंवैधानिक

इतना ही नहीं आवेदकों की ओर से कहा गया कि सुको के फैसले में भी भारत सरकार की 17 जनवरी 2019 की नीति का परीक्षण नहीं किया गया है. इतना ही नहीं ईडब्ल्यूएस आरक्षण स्पेशल रिजर्वेशन है, जिसे वर्टिकल लागू किया जाना असंवैधानिक है. सरकार की उक्त नीति गरीबों में जातीय आधार पर भेदभाव करने वाली है. आवेदकों की ओर से कहा गया कि 103वे संविधान के संशोधन में प्रत्येक वर्ग के गरीबों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। प्रारंभिक सुनवाई पश्चात न्यायालय ने भारत सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।

जबलपुर. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. जबलपुर हाईकोर्ट में ईडब्ल्यूएस (EWS) का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एन्ड सोशल जस्टिस नामक संस्था की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि गरीब सभी वर्ग जातियों में होते है, लेकिन ईडब्ल्यूएस का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को ही दिया गया है, जो कि अनुचित है.

ओबीसी, एससी-एसटी इस लाभ से वंचित

याचिका में भारत सरकार द्वारा जारी ईडब्ल्यूएस पॉलिसी को संविधान के अनुच्छेद 15 (6), 16 (6) के तहत असंगत बताया गया है, जिसे कटघरे में रखा गया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह और विनायक शाह ने पक्ष रखा. जिन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 17 जनवरी 2019 की संवैधानिकता को पांच आधारों पर चुनौती दी गई है. दायर मामले में कहा गया है कि ईडब्ल्यूएस नीति में ओबीसी, एससी-एसटी को इस लाभ से वंचित किया जाना अनुच्छेद-14 के विरुद्ध है.

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इतना ही नहीं आवेदकों की ओर से कहा गया कि सुको के फैसले में भी भारत सरकार की 17 जनवरी 2019 की नीति का परीक्षण नहीं किया गया है. इतना ही नहीं ईडब्ल्यूएस आरक्षण स्पेशल रिजर्वेशन है, जिसे वर्टिकल लागू किया जाना असंवैधानिक है. सरकार की उक्त नीति गरीबों में जातीय आधार पर भेदभाव करने वाली है. आवेदकों की ओर से कहा गया कि 103वे संविधान के संशोधन में प्रत्येक वर्ग के गरीबों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। प्रारंभिक सुनवाई पश्चात न्यायालय ने भारत सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।

Last Updated : Feb 18, 2024, 7:19 AM IST
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