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रायपुर में पेट कार्निवल, फैशन शो में शामिल हुए डॉगी, स्ट्रीट डॉग अडॉप्ट करने की पहल - स्ट्रीट डॉग अडॉप्ट करने की गई पहल

Pet Carnival In Raipur राजधानी रायपुर के अंबुजा मॉल में रविवार को पेट कार्निवल का आयोजन. इस कार्निवल में पेट्स का फैशन शो भी रखा गया था, जिसे लेकर शहर के पेट लवर्स उत्साहित दिखे. कार्निवल में स्ट्रीट डॉग को लेकर लोगों लोगों को जागरूक किया गया. Raipur Dog Fashion Show

Pet Carnival In Raipur
रायपुर में पेट कार्निवल
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 19, 2024, 7:44 AM IST

Updated : Feb 20, 2024, 10:31 AM IST

पेट कार्निवल के फैशन शो में शामिल हुए डॉगी

रायपुर: राजधानी रायपुर के अंबुजा मॉल में डॉग लवर्स के लिए पेट कार्निवल का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम स्ट्रे कीपर्स एनिमल वेलफेयर फाउंडेशन और अंबुजा मॉल ने मिलकर आयोजित किया था, जिसमें कई पेट लवर्स पहुंचे. इस कार्यक्रम में स्ट्रीट डॉग को भी लाया गया , जिन्हें यहां अडॉप्ट करने के लिए व्यवस्था की गई. इस कार्यक्रम में पेट डॉग और स्ट्रीट डॉग का फैशन शो भी रखा गया था, जिसमें पेट लवर्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

पेट कार्निवल में डॉ लवर्स का जमावड़ा

स्ट्रीट डॉग को भी मिली जगह: पेट कार्निवल को लेकर पेट लवर्स उत्साहित दिखे. पेट लवर्स का मानना है कि इस तरह के आयोजन रायपुर में कम ही होते हैं. यदि ऐसे ज्यादा आयोजन होंगे तो इससे पेट लवर्स को फायदा मिलेगा. आयोजकों का मानना है कि पेट के साथ स्ट्रीट डॉग को भी बेहतर वातावरण, अच्छा परिवार और खाने-पीने, रहने को मिलना चाहिए. यही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है.

पेट कार्निवल में 'बिनी' भी पहुंची: इस पेट कार्निवल शामिल होने 2 साल 7 माह की पेट 'बिनी' भी पहुंची थी. इसके ओनर ने इसे बहुत ही अच्छे तरीके से तैयार कर रखा था. बालों की चोटी से लेकर कपड़े पहनाकर इसे पेट कार्निवल में लाया गया. पेट लवर्स शशांक सिसोदिया ने बताया कि 'बिनी' को घर का ही फूड दिया जाता है. इसे नमक और शक्कर नहीं देते हैं, ताकि उसके बाल ना झड़े. इसे हाइजीनिक फूड दिया जाता है. उन्होंने बताया कि उसका एक बच्चे से ज्यादा केयर करना पड़ता है.

पेट कार्निवल में आकर अच्छा लग रहा है. रायपुर में इस तरह के और भी कार्यक्रम होने चाहिए, जिससे पेट्स पेरेंट्स उसमें भाग ले सकें. रायपुर में बड़ी संख्या में पेट पेरेंट्स हैं, जो इसमें शामिल होना चाहते हैं. यदि इस तरह के आयोजन होते रहेंगे तो लोगों को मौका मिलेगा और वो अपने पेट्स का टैलेंट दिखा सकेंगे. लोगों को स्ट्रीट डॉग्स अडॉप्ट करना चाहिए. आज कल लोग उनके साथ कई बार छेड़खानी करते हैं, जिससे वे परेशान होते हैं. यदि आप उसको अडॉप्ट कर सकते हैं, तो अच्छी बात होगी." - शशांक सिसोदिया, पेट लवर्स

स्ट्रीट डॉग को अडॉप्ट करने की पहल: वेदिका वर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में रामनगर से रेस्क्यू करके एक डॉग लाया गया. यदि कोई अच्छी फैमिली मिल जाती है और वह इसे अडॉप्ट कर लेती है, तो यह अच्छा होगा. यही हमारा मकसद भी है कि स्ट्रीट डॉग को घर मिले. किस डॉग को घर में रखना है और नहीं, वह लोगों का व्यक्तिगत विचार हैं, लेकिन इन पेट का जो हक है, वह इन्हें मिलना चाहिए. जैसे आपके डॉग हैं, वैसे ही यह भी डॉग हैं. यह भी उतने ही लविंग होते हैं. यह भी उतना ही हमें अटेंशन देते हैं.

यह पेट कार्निवल अंबुजा मॉल और उनके फाउंडेशन ने साथ मिलकर आयेजित किया है. यहां देशी पप्पीज के साथ पेट पेरेंट्स अपने पेट को लेकर रैंप वॉक करेंगे. यह पूरा इवेंट डॉग लवर से ज्यादा एनिमल लवर के लिए है. ताकि उनको एनिमल और ह्यूमन के बीच का जो गैप है, उसे फील कराया जा सके. आज का ये फैशन शो अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है. इसमें पेट के साथ देसी पप्पीज भी शामिल किए गए हैं. - डॉ अवंतिका ठाकुर, को-फाउंडर, स्ट्रे कीपर्स एनिमल वेलफेयर फाउंडेशन

आपके पेट और स्ट्रीट डॉग में नहीं है कोई अंतर: इस कार्यक्रम में एडॉप्शन कैंप भी रखा गया था. देसी पप्पीज को लेकर लोगों की सोच है कि यह गली के आवारा डॉग हैं, इनको घर पर रखना चाहिए या नहीं. उनको हम जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. उनको बताना चाहते हैं कि यह गली के डॉग को भी घर और प्यार की जरूरत है. हमारा मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इन स्ट्रीट डॉग को अडॉप्ट करें. स्ट्रीट डॉग के लिए रोड पर रहना इतना इजी नहीं होता. कभी वे गाड़ी के नीचे आ जाते हैं, कभी बीमार हो जाते हैं, कभी उन्हें ठीक से खाना नहीं मिलता है. आज इस कार्यक्रम में वे लोग भी आ रहे हैं, जिन्होंने देसी डॉग को अडॉप्ट किया हुआ है. इससे पता चल सकेगा कि आपके पेट और स्ट्रीट डॉग में कोई अंतर नहीं है.

आसान है डॉग अडॉप्ट करने की प्रक्रिया: डॉग अडॉप्ट की प्रक्रिया इतना मुश्किल नहीं है. जिन्हें पेट अडॉप्ट करना है, उनकी काउंसलिंग की जाएगी. कुछ जानकारी ली जाएगी, उनसे बातचीत की जाती है. यह कुछ दिन का कमिटमेंट नहीं है, बल्कि 10 से 15 साल का कमिटमेंट होता है. ऐसे में सामने वाला जब तैयार होता है, उसके बाद अडॉप्ट फॉर्म फिल किया जाता है. इसके बाद आप पेट अडाप्ट कर सकेंगे.

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पेट कार्निवल के फैशन शो में शामिल हुए डॉगी

रायपुर: राजधानी रायपुर के अंबुजा मॉल में डॉग लवर्स के लिए पेट कार्निवल का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम स्ट्रे कीपर्स एनिमल वेलफेयर फाउंडेशन और अंबुजा मॉल ने मिलकर आयोजित किया था, जिसमें कई पेट लवर्स पहुंचे. इस कार्यक्रम में स्ट्रीट डॉग को भी लाया गया , जिन्हें यहां अडॉप्ट करने के लिए व्यवस्था की गई. इस कार्यक्रम में पेट डॉग और स्ट्रीट डॉग का फैशन शो भी रखा गया था, जिसमें पेट लवर्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

पेट कार्निवल में डॉ लवर्स का जमावड़ा

स्ट्रीट डॉग को भी मिली जगह: पेट कार्निवल को लेकर पेट लवर्स उत्साहित दिखे. पेट लवर्स का मानना है कि इस तरह के आयोजन रायपुर में कम ही होते हैं. यदि ऐसे ज्यादा आयोजन होंगे तो इससे पेट लवर्स को फायदा मिलेगा. आयोजकों का मानना है कि पेट के साथ स्ट्रीट डॉग को भी बेहतर वातावरण, अच्छा परिवार और खाने-पीने, रहने को मिलना चाहिए. यही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है.

पेट कार्निवल में 'बिनी' भी पहुंची: इस पेट कार्निवल शामिल होने 2 साल 7 माह की पेट 'बिनी' भी पहुंची थी. इसके ओनर ने इसे बहुत ही अच्छे तरीके से तैयार कर रखा था. बालों की चोटी से लेकर कपड़े पहनाकर इसे पेट कार्निवल में लाया गया. पेट लवर्स शशांक सिसोदिया ने बताया कि 'बिनी' को घर का ही फूड दिया जाता है. इसे नमक और शक्कर नहीं देते हैं, ताकि उसके बाल ना झड़े. इसे हाइजीनिक फूड दिया जाता है. उन्होंने बताया कि उसका एक बच्चे से ज्यादा केयर करना पड़ता है.

पेट कार्निवल में आकर अच्छा लग रहा है. रायपुर में इस तरह के और भी कार्यक्रम होने चाहिए, जिससे पेट्स पेरेंट्स उसमें भाग ले सकें. रायपुर में बड़ी संख्या में पेट पेरेंट्स हैं, जो इसमें शामिल होना चाहते हैं. यदि इस तरह के आयोजन होते रहेंगे तो लोगों को मौका मिलेगा और वो अपने पेट्स का टैलेंट दिखा सकेंगे. लोगों को स्ट्रीट डॉग्स अडॉप्ट करना चाहिए. आज कल लोग उनके साथ कई बार छेड़खानी करते हैं, जिससे वे परेशान होते हैं. यदि आप उसको अडॉप्ट कर सकते हैं, तो अच्छी बात होगी." - शशांक सिसोदिया, पेट लवर्स

स्ट्रीट डॉग को अडॉप्ट करने की पहल: वेदिका वर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में रामनगर से रेस्क्यू करके एक डॉग लाया गया. यदि कोई अच्छी फैमिली मिल जाती है और वह इसे अडॉप्ट कर लेती है, तो यह अच्छा होगा. यही हमारा मकसद भी है कि स्ट्रीट डॉग को घर मिले. किस डॉग को घर में रखना है और नहीं, वह लोगों का व्यक्तिगत विचार हैं, लेकिन इन पेट का जो हक है, वह इन्हें मिलना चाहिए. जैसे आपके डॉग हैं, वैसे ही यह भी डॉग हैं. यह भी उतने ही लविंग होते हैं. यह भी उतना ही हमें अटेंशन देते हैं.

यह पेट कार्निवल अंबुजा मॉल और उनके फाउंडेशन ने साथ मिलकर आयेजित किया है. यहां देशी पप्पीज के साथ पेट पेरेंट्स अपने पेट को लेकर रैंप वॉक करेंगे. यह पूरा इवेंट डॉग लवर से ज्यादा एनिमल लवर के लिए है. ताकि उनको एनिमल और ह्यूमन के बीच का जो गैप है, उसे फील कराया जा सके. आज का ये फैशन शो अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है. इसमें पेट के साथ देसी पप्पीज भी शामिल किए गए हैं. - डॉ अवंतिका ठाकुर, को-फाउंडर, स्ट्रे कीपर्स एनिमल वेलफेयर फाउंडेशन

आपके पेट और स्ट्रीट डॉग में नहीं है कोई अंतर: इस कार्यक्रम में एडॉप्शन कैंप भी रखा गया था. देसी पप्पीज को लेकर लोगों की सोच है कि यह गली के आवारा डॉग हैं, इनको घर पर रखना चाहिए या नहीं. उनको हम जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. उनको बताना चाहते हैं कि यह गली के डॉग को भी घर और प्यार की जरूरत है. हमारा मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इन स्ट्रीट डॉग को अडॉप्ट करें. स्ट्रीट डॉग के लिए रोड पर रहना इतना इजी नहीं होता. कभी वे गाड़ी के नीचे आ जाते हैं, कभी बीमार हो जाते हैं, कभी उन्हें ठीक से खाना नहीं मिलता है. आज इस कार्यक्रम में वे लोग भी आ रहे हैं, जिन्होंने देसी डॉग को अडॉप्ट किया हुआ है. इससे पता चल सकेगा कि आपके पेट और स्ट्रीट डॉग में कोई अंतर नहीं है.

आसान है डॉग अडॉप्ट करने की प्रक्रिया: डॉग अडॉप्ट की प्रक्रिया इतना मुश्किल नहीं है. जिन्हें पेट अडॉप्ट करना है, उनकी काउंसलिंग की जाएगी. कुछ जानकारी ली जाएगी, उनसे बातचीत की जाती है. यह कुछ दिन का कमिटमेंट नहीं है, बल्कि 10 से 15 साल का कमिटमेंट होता है. ऐसे में सामने वाला जब तैयार होता है, उसके बाद अडॉप्ट फॉर्म फिल किया जाता है. इसके बाद आप पेट अडाप्ट कर सकेंगे.

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Last Updated : Feb 20, 2024, 10:31 AM IST
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