प्रयागराज: महाकुंभ मेले का मुख्य आकर्षण शाही स्नान और पेशवाई होता है. इन्हीं अवसरों पर अखाड़ों की तरफ से उनके वैभव और शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है. शनिवार को प्रयागराज में पंच दशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से पेशवाई छावनी प्रवेश शोभा यात्रा निकाली गयी. जूना अखाड़े की इस शोभा यात्रा पेशवाई में नागाओं के बाद सबसे आगे आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज चल रहे थे. उनके पीछे अखाड़े के महामंडलेश्वर पदाधिकारी और दूसरे साधु सन्यासी शामिल थे.
जब सड़क पर आचार्य महामंडलेश्वर की सवारी गुजर रही थी. तब कुछ लोग शीश झुकाकर प्रणाम कर आशीष मांग रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ आचार्य महामंडलेश्वर का तीर्थ पुरोहितों की तरफ से विशेष पूजा अर्चना की गयी. इस दौरान कीडगंज इलाके में उनके आरती उतारने के साथ ही माला फूल और अंगवस्त्र देकर उनका स्वागत सम्मान भी किया गया. जूना अखाड़े से निकली पेशवाई साधु संतों नागाओं ने मेला क्षेत्र में प्रवेश किया. ढोल नगाड़ों की धुन और गाजे बाजे के साथ घोड़े और रथ पर सवार होकर राजसी अंदाज में शनिवार को उनकी यात्रा निकली.
इस पेशवाई यात्रा के दौरान रास्ते भर जयकारों के साथ माहौल भक्ति मय बन गया था. पेशवाई यात्रा के दौरान सड़क किनारे संतो का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ साधुओं को प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद मांगने के लिए खड़ी थी. चांदी के सिंहासन पर सवार महामंडलेश्वर संत महात्मा लगातार भक्तों का अभिवादन स्वीकार करते हुए उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं. यात्रा में सबसे आगे अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज चल रहे थे और उन्होंने भक्तों पर पुष्प वर्षा कर उन्हें आशीर्वाद दिया.
छावनी प्रवेश का चलन पुरातन काल से है : महाकुंभ मेले में छावनी प्रवेश शोभा यात्रा पेशवाई के दौरान ईटीवी भारत से श्री पंच दस नाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने बातचीत की. उन्होंने कहा, कि पेशवाई का पुरातन नाम छावनी प्रवेश ही रहा है. क्योंकि मेला क्षेत्र में जिस स्थान पर साधु संत जाकर शिविर में रहते हैं, उसका नाम छावनी ही है. हम लोग उसी छावनी में रहने के लिए जा रहे हैं, तो उसे छावनी प्रवेश कहा जाता है. मेला क्षेत्र में जो शिविर बन रहा है. जहां उनके अखाड़े के देवता स्थापित होते हैं. उन्हें पूजा पाठ करना है. उन्हें अपने भक्तों को शिक्षा दीक्षा देनी है. सभी प्रकार की पूजा करनी है.उसी स्थान पर पहुंचने के लिए उनका अखाड़ा मेला क्षेत्र के उसी शिविर में प्रवेश करने जा रहे हैं. इस यात्रा का प्राचीन नाम छावनी में प्रवेश ही है.
महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा, कि इस कारण पेशवाई का नाम नहीं बदला गया है. बल्कि मूल पुरातन नाम लिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, कि इस छावनी प्रवेश यात्रा पेशवाई में उनके अखाड़े से जुड़े मठ मंदिर मढ़ी से जुड़े हुए देश भर के साधु संत शामिल हैं. उन्होंने कहाकि छावनी प्रवेश यात्रा के जरिये मेला में पहुंचने के बाद सबसे पहले वह संगम की पूजा आरती करेंगे. उसके बाद मेला क्षेत्र में बने शिविर में पहुंचेंगे. जहां पर धर्म ध्वजा के साथ देवता की पूजा कर आज से ही वहां पर पूजा पाठ करने का क्रम शुरू कर दिया जाएगा. जो महाकुंभ के दौरान तक अनवरत चलता रहेगा.
प्रधानमंत्री के अंदर है गुणों का संगम: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यो की सराहना की. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा कुंभ के आयोजन को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद एक बड़े संत हैं, सत्पुरुष हैं. उनके दिव्य संकल्प से यहां पर महाकुंभ की दिव्य छठा देखने को मिल रही है. इसी तरह से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कहा कि उनके अंदर गुणों का संगम है.
आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सच्चे शासक हैं, कुशल प्रशासक हैं. एक अद्भुत उपासक हैं. पीएम मोदी की वजह से सनातन धर्म का सूर्य पूरी दुनिया को सनातन धर्म के प्रकाश से प्रकाशमान कर रहा है. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलाने पर ही पूरी दुनिया से सनातन धर्म को मानने वाले लोग महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वाले हैं. महाकुंभ के दौरान में देश भर के साधु संत और सनातन धर्म को मानने वाले लोग आएंगे. महाकुंभ में राष्ट्र की एकता अखंडता और संप्रभुता को मजबूत बनाने के लिए तमाम प्रकार के आयोजन किये जायेंगे.
महाकुंभ मेला और गंगा को स्वच्छ बनाने की अपील : जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानन्द गिरी महाराज ने ईटीवी भारत के जरिये महाकुंभ मेला में आने वाले करोड़ो श्रद्धालुओं से मां गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए नदी के अंदर किसी प्रकार की गंदगी न फैलाने की अपील की है. साथ ही महाकुंभ मेला क्षेत्र को स्वच्छ बनाने और पूरे मेला एरिया में प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की भी अपील की है. उन्होंने कहा, कि सनातन धर्म को मानने वालों को चाहिए कि गंगा में किसी प्रकार की गंदगी ना फैलाएं. इसके साथ मेला क्षेत्र में प्लास्टिक का प्रयोग किसी भी तरह से न करें. जिससे कि स्वच्छ और सुरक्षित महाकुंभ का आयोजन हो सके. इस कुंभ मेला क्षेत्र में आने वाले हर व्यक्ति को यहां की पवित्रता और मर्यादा का ध्यान रखते हुए यहां आना चाहिए.
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