दुर्ग: दुर्ग रेंज अंतर्गत आने वाले तीन जिलो में ऑपरेशन ईगल के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. एक सप्ताह में पुलिस ने 500 से ज्यादा स्थाई वारंटियों को पकड़ा है. सालों से ये वारंटी अन्य राज्यों, जिसमें मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पंजाब, पश्चिम बंगाल, बिहार में छिपे थे. इस ऑपरेशन के तहत बालोद, बेमेतरा और दुर्ग जिले में वारंटियों को पकड़ा जा रहा है.
मॉडर्न तकनीक से वारंटियों को पकड़ा : दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने खुलासा किया है कि ऑपरेशन ईगल अभियान की सफलता में तकनीक का बहुत उपयोग हुआ. इसमें तकनीक से वारंटियों की धरपकड़ हुई है. पहले वारंटों का वर्गीकरण किया गया, इसमें चेक बांस और मोबाइल से जुड़े अपराधियों के लिए साइंटिफिक तरीका अपनाया गया. साथ ही तीन थाना प्रभारी स्तर के अधिकारियों ने एनालिसिस कर पूरे प्लान को सक्सेस बनाया. पकड़े गए अपराधी मॉडर्न तकनीक अपनाते हुए छिप कर बैठे थे, इसलिए पुलिस ने उन्हे उन्ही के तरीके से पुलिस ने पकड़ा है.
"जिला बालोद, बेमेतरा, दुर्ग के राजपत्रित पुलिस अधिकारियों की देख रेख में 31 मार्च 2024 तक कुल 356 स्थाई वारंटियों की तामिल की गई. इस अभियान में मध्य प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु, पंजाब, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र आदि राज्यों के वारंटियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया है. दुर्ग में सबसे ज्यादा 204 वारंट धारा 138 (एनआईएक्ट) के तहत तामिल हुए हैं. 96 स्थाई वारंट मारपीट से संबंधित हैं. इसके साथ ही चोरी और नकाबजनी के 62 वारंटों की तामिली की गई है. वारंटियों के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा." - रामगोपाल गर्ग, आईजी, दुर्ग रेंज
वारंटियों के खिलाफ एक्शन में दुर्ग रेंज पुलिस : दरअसल, रायपुर पुलिस ऑपरेशन मुस्कान के तहत नाबालिग बच्चों की खोज कर रही है. रायपुर एसएसपी संतोष सिंह इस अभियान को चला रहे हैं. वहीं कोरिया में ऑपरेशन कबाड़ चला था, जिसके तहत चोरी का माल खरीदने वाले के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई थी. अब दुर्ग रेंज पुलिस ने ऑपरेशन ईगल चलाया है. इसके तहत दुर्ग रेंज के तीन जिलों में वारंटियों को पकड़ा जा रहा है.