रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर व सीमांत ग्राम पंचायत गौंडार के ग्रामीणों व मदमहेश्वर धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों की जिन्दगी एक वर्ष से बिजली के तारों पर अटकी है. शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण ग्रामीण व तीर्थ यात्री एक वर्ष से बिजली के तारों पर निर्भर लकड़ी के अस्थायी पुल से आवाजाही करने के लिए मजबूर हैं. भले ही केन्द्र व प्रदेश सरकार सीमान्त गांवों के चहुंमुखी विकास के लाख दावे कर रही है, मगर एक वर्ष बाद भी शासन-प्रशासन के हुक्मरानों की ओर से गौंडार गांव के ग्रामीणों की सुध न लिये जाने से ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि वोट के समय ही सरकार के नुमाइंदों को सीमान्त गांवों की याद आती है. वोट बटोरने के बाद पांच सालों के लिए नेता इस ओर झांकते भी नहीं हैं. विगत वर्ष 14 अगस्त को मोरखड़ा नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि होने से मधु गंगा में 60 के दशक में बना लोहे का गार्डर पुल नदी में समा गया. जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन के सहयोग से मदमहेश्वर धाम में फंसे पांच सौ से अधिक तीर्थ यात्रियों व ग्रामीणों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर रांसी गांव पहुंचाया गया. कुछ समय व्यतीत होने के बाद लोक निर्माण विभाग व ग्रामीणों के सहयोग से मोरखड़ा नदी पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही शुरू तो हो गयी थी, मगर इस वर्ष 26 जुलाई को फिर मोरखड़ा नदी के उफान में आने के कारण अस्थायी पुल भी नदी के वेग में समा गया. दो अगस्त को लोक निर्माण विभाग व ग्रामीणों के सहयोग से दुबारा मोरखड़ा नदी पर बिजली के खम्बों व लकड़ी के सहयोग से अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही शुरू तो हो गयी थी, मगर अस्थायी पुल का अधिक भार बिजली के तारों व पेड़ों पर होने से ग्रामीण व तीर्थयात्री जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने के लिए विवश हैं. एक वर्ष से अधिक समय बीते जाने के बाद भी मोरखड़ा नदी पर स्थायी पुल का निर्माण न होने से मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है.
गौंडार प्रधान बीर सिंह पंवार ने बताया लोक निर्माण विभाग की ओर से मोरखड़ा नदी पर ट्राली का निर्माण कार्य गतिमान है, मगर ट्राली का निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग दो माह का समय लग सकता है. उनका कहना है कि शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी मोरखड़ा नदी पर स्थायी पुल का निर्माण नहीं हो पाया. युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कर्मवीर कुंवर ने कहा एक तरफ डबल इंजन की सरकारें सीमान्त गांवों के चहुंमुखी विकास का ढिंढोरा पीट रही हैं, वहीं दूसरी तरफ गौंडार गांव के ग्रामीणों की जिन्दगी एक वर्ष से बिजली के तारों पर निर्भर है. डीएम सौरभ गहरवार ने कहा मदमहेश्वर यात्रा को जोड़ने वाले मोरखड़ा नदी पर बनाये जाने वाले स्थाई पुल को लेकर कार्यवाही गतिमान है.