टिहरी/रुद्रपुर/चमोली/रुद्रप्रयाग/नैनीताल/कोटद्वार: हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2024) मनाया जाता है. यह दिन वीर जवानों के 'ऑपरेशन विजय' की शौर्यगाथा को बताता है. आज कारगिल दिवस के मौके पर देश के साथ ही प्रदेश में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देकर उनकी शहादत को याद किया जा रहा है.
बता दें कि भारत में हर साल 26 जुलाई के दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस दिन यानी 16 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध जीता था. भारत पाक कारगिल युद्ध करीब 60 दिनों तक चला था. जिसका अंत 26 जुलाई को हुआ, जिसमें भारत विजयी हुआ. इस कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के 527 सैनिक शहीद हुए. जिसमें उत्तराखंड के 75 जवानों ने भी शहादत की थी. वहीं, कारगिल युद्ध में 453 आम नागरिकों ने भी अपनी जान गंवाई थी.
टिहरी में कारगिल शहीद सैनिकों के परिवार को किया गया सम्मानित: कारगिल विजय दिवस के मौके टिहरी के बौराड़ी में शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया गया. पूर्व सैनिक कृष्ण ममगाईं ने कहा कि थल सेना, वायुसेना और जल सेना देश की लाइफ लाइन है. अगर देश की लाइफ लाइन खत्म हो गई तो फिर देश में कुछ नहीं बचता है. इसलिए देश की लाइफ लाइन से कोई छेड़खानी नहीं होनी चाहिए. इनको मजबूत करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए.
रुद्रपुर पुलिस लाइन में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि: कारगिल विजय दिवस के मौके पर रुद्रपुर पुलिस लाइन में शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया गया. इस दौरान विभिन्न स्कूलों में देश देशभक्ति से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसके अलावा युवाओं में देशभक्ति की अलख जगाने के लिए क्रॉस कंट्री का आयोजन किया गया. वहीं, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए उधम सिंह नगर जिले के हवलदार पदम राम और राइफलमैन अमित नेगी को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी.
चमोली के 11 जवानों ने कारगिल युद्ध में दी थी शहादत: शौर्य और पराक्रम का उत्सव 'कारगिल विजय दिवस' चमोली जिले में हर्षोल्लास से मनाया गया. इस दौरान शहीद नायक कृपाल सिंह की धर्मपत्नी विमला देवी और डीएम हिमांशु खुराना समेत जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (रि) सुबोध शुक्ल समेत तमाम अधिकारियों ने कारगिल शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए. जबकि, पुलिस और एनसीसी कैडेट ने शहीदों को सलामी दी. कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 जवानों में चमोली जिले के 11 जवान भी शामिल थे.
वहीं, डीएम खुराना ने कारगिल शहीद नायक कृपाल सिंह की पत्नी विमला देवी, शहीद राइफलमैन सतीश चंद्र के पिता महेशानंद, शहीद नायक दिलबर सिंह की भाभी संगीता देवी, शहीद हवलदार रणजीत सिंह के बेटे वीरेंद्र सिंह, शहीद राइफल मैन अमित नेगी के चाचा बलवंत सिंह, शहीद नायक आनंद सिंह के भाई खुशाल सिंह को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया. इसके अलावा वीर नारियों और उनके परिजन शांति राणा, कुसुम लता, शकुंतला देवी, कमला देवी, पार्वती देवी, जयंती देवी, कमला देवी, सरिता देवी और सुलोचना देवी को भी शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया.
रुद्रप्रयाग में 6 ग्रेनेडियर्स के आर्मी प्रांगण में मनाया गया शौर्य दिवस: रुद्रप्रयाग में 6 ग्रेनेडियर्स के आर्मी प्रांगण में वीर शहीद नायक सुनील दत्त कांडपाल के भाई दीर्घायु प्रसाद, राइफलमैन शहीद भगवान सिंह के परिजन और नायक शहीद गोविंद सिंह की पत्नी उमा देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी.
वहीं, विभिन्न विद्यालयों में आयोजित निबंध और क्विज प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया. क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर जीजीआईसी कक्षा 11 की छात्रा गुंजन नौटियाल रही. द्वितीय स्थान पर प्राची भट्ट और तीसरे स्थान पर अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज के कक्षा 7 के मानव रहे. निबंध प्रतियोगिता में दीपिका बुटोला और रवीना प्रथम स्थान पर रहे. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल यूएस रावत ने कारगिल युद्ध में रुद्रप्रयाग के 3 जांबाज सैनिक कारगिल युद्ध में देश की रक्षा के लिए शहीद हुए थे.
नैनीताल वासियों के दिलों में जिंदा है मेजर राजेश अधिकारी: भले ही आज कारगिल युद्ध को 25 साल पूरे हो गए हों, लेकिन आज भी उस युद्ध की यादें देश वासियों के सीने में ज्यों की त्यों बसी हुई है. आज भी लोग साल 1999 के उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं. इस युद्ध में नैनीताल के शहीद मेजर राजेश अधिकारी भी शहीद हुए थे.
कोटद्वार में शहीद भारत सिंह रावत की बेटी ने पिता को किया याद: कोटद्वार विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कारगिल युद्ध में शहीदों को याद किया. इस मौके पर जिला सैनिक कल्याण ने 38 अमर वीर सपूतों के परिजनों और वीर नारियों को सम्मानित किया. कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सेना में शहीद सम्मान राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दी गई है. वहीं, अमर शहीद भारत सिंह रावत की बेटी नैना अपने पिता को याद कर भावुक हुए. उन्होंने बताया कि साल 1999 में उनकी उम्र कम थी. ऐसे में धुंधली सी याद है कि उनके पिता को तिरंगे लिपटा देख पूरा गांव रोया था.
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