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भाजपा विधायक का हाथी पाल रहा वन विभाग; 4 लोगों को कुचल चुका है, हर महीने ले रहा लाखों की खुराक

गोरखपुर का बिगड़ैल हाथी गंगाराम इन दिनों जिले के विनोद वन (Vinod Van mischievous elephant) में है. हाथी के रख-रखाव को लेकर वन विभाग भी परेशान है. हर महीने लाखों रुपये हाथी के रख-रखाव पर खर्च हो रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 3, 2024, 12:30 PM IST

Updated : Feb 3, 2024, 1:01 PM IST

गोरखपुर का बिगड़ैल हाथी गंगाराम.

गोरखपुर : पैरों तले कुचलकर 4 लोगों की जान लेने वाला बिगड़ैल हाथी गंगाराम इन दिनों जिले के विनोद वन में है. उसे देखकर लोग कांपने लगते हैं. एहतियातन वन विभाग ने पर्यटकों के आने पर पाबंदी लगा दी है. अपनी खतरनाक चिंघाड़ से लोगों के रातों की नींद उड़ा देने वाला गंगाराम पिछले एक साल से इस वन में है. उसके खान-पान, महावत की फीस और रख-रखाव पर हर महीने करीब दो से ढाई लाख रुपए खर्च हो रहे हैं. उसकी वजह से पर्यटन भी प्रभावित हो रहा है. यह हाथी किसी भाजपा विधायक का बताया जाता है, हालांकि अभी इसके असली मालिक के बारे में कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आ पाई है.

ईटीवी भारत से बातचीच में डीएफओ विकास यादव ने बताया कि वन विभाग का दायित्व है कि कोई भी जानवर, जो उसकी पकड़ में आए, वह उसके खान-पान की व्यवस्था करें और सुरक्षा दे. गंगाराम के असली मालिक का अभी तक पता नहीं चल पाया है. 13 जनवरी 2020 को हाथी गंगाराम ने अपने महावत शब्बीर को पटक-पटक और कुचलकर मार डाला था. इसके बाद 17 फरवरी 2023 को मोहम्मदपुर माफी गांव में एक पूजा पाठ कार्यक्रम में पहुंचा था. यहां गंगाराम ने दो महिला और एक मासूम बच्चे को कुचलकर उनकी जान ले ली थी. सीएम योगी ने सभी के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि मुहैया कराई थी.

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बाड़ा बनाने के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव : डीएफओ ने बताया कि गंगाराम के वन में आने के बाद पर्यटकों पर पाबंदी लगा दी गई है. इससे पर्यटन और आमदनी दोनों प्रभावित हो रही. इसे पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए शहर के अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर में बाड़ा बनाए जाने के लिए शासन को करीब 17 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव भेजा गया है. यह फिलहाल स्वीकृत नहीं हुआ है. फिलहाल गंगाराम के असली मालिक का पता भले ही नहीं चल पाया हो लेकिन ये चर्चा हमेशा होती रही है कि गंगाराम का मालिक रसूखदार है. इसी वजह से गंगाराम ने जिन लोगों को मारा, वे सभी मामले मैनेज होते चले गए.

जिले में कितने हाथी, इसकी जानकारी नहीं : वन विभाग को इस समय जिले में कितने लोगों के पास लाइसेंसी हाथी हैं, इसकी जानकारी नहीं है. वर्ष 2018 में सर्वे के बाद 10 लोगों के पास 12 हाथी होने की पुष्टि हुई थी. इनमें से किसी के पास लाइसेंस नहीं था. उस समय शासन के निर्देश पर हाथी पालने वालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इसके बावजूद हाथियों को शादी समारोहों आदि में ले जाकर कमाई का सिलसिला चलता रहा.

गंगाराम ने तोड़ दी महावत के हाथ की हड्डी : गंगाराम पिछले एक साल से कुसम्ही जंगल के विनोद वन में वन विभाग की निगरानी में है. इस दौरान भी उसने अपने महावत पर हमला कर दिया था. इससे महावत के हाथ की हड्डी टूट गई थी और उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा था. इस समय गंगाराम पूरे ऐशो-आराम में है. वन विभाग का पूरा फोकस उसी पर है. उसकी देखभाल के लिए महावत भी है. हर महीने उसकी देखभाल पर कुल मिलाकर दो से ढाई लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. वहीं गंगाराम के अलावा फरवरी 2019 में पूर्व मंत्री पप्पू जायसवाल के फार्म हाउस पर, उनके हाथी ने भी एक महावत को पैरों से कुचल डाला था. उनके एक हाथी ने 15 साल पहले भी एक महावत की जान ली थी.

यह भी पढ़ें : बीएचयू में बनेगा डीएनए बैंक, संरक्षित किए जाएंगे 50 हजार से ज्यादा DNA, जानिए क्या होंगे फायदे

गोरखपुर का बिगड़ैल हाथी गंगाराम.

गोरखपुर : पैरों तले कुचलकर 4 लोगों की जान लेने वाला बिगड़ैल हाथी गंगाराम इन दिनों जिले के विनोद वन में है. उसे देखकर लोग कांपने लगते हैं. एहतियातन वन विभाग ने पर्यटकों के आने पर पाबंदी लगा दी है. अपनी खतरनाक चिंघाड़ से लोगों के रातों की नींद उड़ा देने वाला गंगाराम पिछले एक साल से इस वन में है. उसके खान-पान, महावत की फीस और रख-रखाव पर हर महीने करीब दो से ढाई लाख रुपए खर्च हो रहे हैं. उसकी वजह से पर्यटन भी प्रभावित हो रहा है. यह हाथी किसी भाजपा विधायक का बताया जाता है, हालांकि अभी इसके असली मालिक के बारे में कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आ पाई है.

ईटीवी भारत से बातचीच में डीएफओ विकास यादव ने बताया कि वन विभाग का दायित्व है कि कोई भी जानवर, जो उसकी पकड़ में आए, वह उसके खान-पान की व्यवस्था करें और सुरक्षा दे. गंगाराम के असली मालिक का अभी तक पता नहीं चल पाया है. 13 जनवरी 2020 को हाथी गंगाराम ने अपने महावत शब्बीर को पटक-पटक और कुचलकर मार डाला था. इसके बाद 17 फरवरी 2023 को मोहम्मदपुर माफी गांव में एक पूजा पाठ कार्यक्रम में पहुंचा था. यहां गंगाराम ने दो महिला और एक मासूम बच्चे को कुचलकर उनकी जान ले ली थी. सीएम योगी ने सभी के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि मुहैया कराई थी.

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बाड़ा बनाने के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव : डीएफओ ने बताया कि गंगाराम के वन में आने के बाद पर्यटकों पर पाबंदी लगा दी गई है. इससे पर्यटन और आमदनी दोनों प्रभावित हो रही. इसे पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए शहर के अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर में बाड़ा बनाए जाने के लिए शासन को करीब 17 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव भेजा गया है. यह फिलहाल स्वीकृत नहीं हुआ है. फिलहाल गंगाराम के असली मालिक का पता भले ही नहीं चल पाया हो लेकिन ये चर्चा हमेशा होती रही है कि गंगाराम का मालिक रसूखदार है. इसी वजह से गंगाराम ने जिन लोगों को मारा, वे सभी मामले मैनेज होते चले गए.

जिले में कितने हाथी, इसकी जानकारी नहीं : वन विभाग को इस समय जिले में कितने लोगों के पास लाइसेंसी हाथी हैं, इसकी जानकारी नहीं है. वर्ष 2018 में सर्वे के बाद 10 लोगों के पास 12 हाथी होने की पुष्टि हुई थी. इनमें से किसी के पास लाइसेंस नहीं था. उस समय शासन के निर्देश पर हाथी पालने वालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इसके बावजूद हाथियों को शादी समारोहों आदि में ले जाकर कमाई का सिलसिला चलता रहा.

गंगाराम ने तोड़ दी महावत के हाथ की हड्डी : गंगाराम पिछले एक साल से कुसम्ही जंगल के विनोद वन में वन विभाग की निगरानी में है. इस दौरान भी उसने अपने महावत पर हमला कर दिया था. इससे महावत के हाथ की हड्डी टूट गई थी और उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा था. इस समय गंगाराम पूरे ऐशो-आराम में है. वन विभाग का पूरा फोकस उसी पर है. उसकी देखभाल के लिए महावत भी है. हर महीने उसकी देखभाल पर कुल मिलाकर दो से ढाई लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. वहीं गंगाराम के अलावा फरवरी 2019 में पूर्व मंत्री पप्पू जायसवाल के फार्म हाउस पर, उनके हाथी ने भी एक महावत को पैरों से कुचल डाला था. उनके एक हाथी ने 15 साल पहले भी एक महावत की जान ली थी.

यह भी पढ़ें : बीएचयू में बनेगा डीएनए बैंक, संरक्षित किए जाएंगे 50 हजार से ज्यादा DNA, जानिए क्या होंगे फायदे

Last Updated : Feb 3, 2024, 1:01 PM IST
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