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सिख समुदाय के लोगों ने किया प्रदर्शन, कहा- पीवी नरसिम्हा राव को नहीं मिलना चाहिए भारत रत्न

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 28, 2024, 5:03 PM IST

सिख समुदाय के लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस के अध्यक्ष गुरचरण सिंह गब्बर ने कहा कि सिखों के हत्यारे को भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए.

सिख समुदाय के लोगों ने किया प्रदर्शन
सिख समुदाय के लोगों ने किया प्रदर्शन
सिख समुदाय के लोगों ने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न अवार्ड देने की घोषणा को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. यह विरोध प्रदर्शन ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस द्वारा किया गया. इसमें सिख समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए. इस दौरान लोगों के हाथ में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पोस्टर थे. प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि 1984 में हजारों निर्दोष सिखों का कत्लेआम में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गृहमंत्री नरसिम्हा राव की बहुत बड़ी भूमिका थी. केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने में जल्दबाजी की है, यह सिख समुदाय के साथ अन्याय है.

इस संबंध में ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस के अध्यक्ष गुरचरण सिंह गब्बर ने कहा कि वह आज प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा करके दुनिया भर के सिखों को आहत किया है. नवंबर 1984 में हजारों निर्दोष सिखों का कत्लेआम करवाने में नरसिम्हा राव की बहुत बड़ी भूमिका थी. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी और विपक्ष के सभी बड़े नेता बार-बार तत्कालीन गृहमंत्री नरसिम्हा राव से मिलने का टेलीफोन पर वक्त मांगते रहे. किंतु उन्होंने वक्त नहीं दिया.

वहीं, जब नरसिम्हा राव विपक्ष के नेताओं से मिले तो विपक्ष के सभी नेताओं ने उनसे कहा कि स्थितियां बहुत बिगड़ गई है. निर्दोष सिखों का कत्लेआम हो रहा है आप फौज को तुरंत बुलाए. इस पर उन्होंने विपक्ष के नेताओं से कहा कि नहीं-नहीं स्थितियां कंट्रोल में है. सब ठीक है. जबकि उस वक्त तक पांच हजार निर्दोष सिखों की हत्याएं करवा दी गई थी.

हजारों सिख परिवार बुरी तरह जख्मी हुए थे. सैकड़ों गुरद्वारे और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जलाएं गए थे. गुरचरण सिंह गब्बर ने कहा कि सैकड़ों औरतों के साथ हम लोग जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए जाने वाले थे. प्रशासन ने परमिशन नहीं दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में धारा 144 लागू है. हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि जो फैसला लिया है उसे वापस लिया जाए. सिखों के हत्यारे को भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए.

सिख समुदाय के लोगों ने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न अवार्ड देने की घोषणा को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. यह विरोध प्रदर्शन ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस द्वारा किया गया. इसमें सिख समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए. इस दौरान लोगों के हाथ में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पोस्टर थे. प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि 1984 में हजारों निर्दोष सिखों का कत्लेआम में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गृहमंत्री नरसिम्हा राव की बहुत बड़ी भूमिका थी. केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने में जल्दबाजी की है, यह सिख समुदाय के साथ अन्याय है.

इस संबंध में ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस के अध्यक्ष गुरचरण सिंह गब्बर ने कहा कि वह आज प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा करके दुनिया भर के सिखों को आहत किया है. नवंबर 1984 में हजारों निर्दोष सिखों का कत्लेआम करवाने में नरसिम्हा राव की बहुत बड़ी भूमिका थी. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी और विपक्ष के सभी बड़े नेता बार-बार तत्कालीन गृहमंत्री नरसिम्हा राव से मिलने का टेलीफोन पर वक्त मांगते रहे. किंतु उन्होंने वक्त नहीं दिया.

वहीं, जब नरसिम्हा राव विपक्ष के नेताओं से मिले तो विपक्ष के सभी नेताओं ने उनसे कहा कि स्थितियां बहुत बिगड़ गई है. निर्दोष सिखों का कत्लेआम हो रहा है आप फौज को तुरंत बुलाए. इस पर उन्होंने विपक्ष के नेताओं से कहा कि नहीं-नहीं स्थितियां कंट्रोल में है. सब ठीक है. जबकि उस वक्त तक पांच हजार निर्दोष सिखों की हत्याएं करवा दी गई थी.

हजारों सिख परिवार बुरी तरह जख्मी हुए थे. सैकड़ों गुरद्वारे और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जलाएं गए थे. गुरचरण सिंह गब्बर ने कहा कि सैकड़ों औरतों के साथ हम लोग जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए जाने वाले थे. प्रशासन ने परमिशन नहीं दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में धारा 144 लागू है. हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि जो फैसला लिया है उसे वापस लिया जाए. सिखों के हत्यारे को भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए.

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