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लोकतंत्र के सच्चे पुजारी हैं लातेहार के देवबार गांव के लोग, ये कहते हैं 'पहले मतदान फिर कोई काम' - Lok Sabha Election 2024

Unique Voter in Latehar. लातेहार जिले के मनिका प्रखंड अंतर्गत देवबार गांव के ग्रामीण लोकतंत्र के सच्चे पुजारी हैं. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति बहुल इस गांव के लोगों के लिए मतदान सबसे पहला कर्तव्य है. मजदूर वर्ग के होने के बाद भी यहां के ग्रामीण अन्य सारे जरूरी काम को छोड़कर पहले मतदान करते हैं.

Unique Voter in Latehar
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 11, 2024, 6:22 PM IST

देवबार गांव के लोग हैं लोकतंत्र के सच्चे पुजारी (ईटीवी भारत)

लातेहार: देवबार गांव में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 300 है. लगभग 100 घर के इस गांव में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज के लोग निवास करते हैं. जंगलों के बीच स्थित इस गांव में रोजगार के कोई बेहतर साधन उपलब्ध नहीं है. स्थानीय लोगों के पास जमीन की भी कमी है. इस कारण यहां के ग्रामीण रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य में पलायन कर जाते हैं. परंतु जब चुनाव का समय आता है तो इस गांव से पलायन नहीं होता है. यहां के मतदाता मतदान करने के बाद ही काम की तलाश में पलायन करते हैं. इस बार भी चुनाव को लेकर ग्रामीण अपने गांव में ही रुके हुए हैं. सभी ग्रामीण 20 मई को होने वाले मतदान की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

Unique Voter in Latehar
देवबार गांव में ग्रामीण (ईटीवी भारत)
8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है मतदान करने, परंतु उत्साह चरम पर

देवबार गांव के ग्रामीणों को मतदान करने के लिए अपने गांव से 8 किलोमीटर दूर मतदान केंद्र पर जाना पड़ता है. इसके बावजूद यहां के मतदाताओं का मतदान के प्रति उत्साह कम नहीं होता. स्थानीय ग्रामीण उपेंद्र भुइयां ने बताया कि यहां के ग्रामीणों को मतदान करने के लिए 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. यदि गाड़ी मिल गई तो ठीक नहीं तो सभी लोग पैदल ही मतदान करने जाते हैं.

Unique Voter in Latehar
देवबार गांव में ग्रामीण (ईटीवी भारत)

उन्होंने कहा कि गांव के अधिकांश लोग मजदूर वर्ग के हैं, इसलिए काम की तलाश में गांव से पलायन कर जाते हैं. परंतु इस वर्ष चुनाव होने के कारण लोग अपने गांव में ही रुके हुए हैं. मतदान के बाद पलायन होगा. वहीं ग्रामीण एतवा भुइयां और अनिता देवी ने कहा कि गांव के सभी लोग मतदान जरूर करते हैं. पिछले कुछ वर्षों से मतदान केंद्र 8 किलोमीटर दूर नदबेलवा गांव में बनाया जा रहा है. उससे पहले सिंजो में मतदान केंद्र होता था, जो काफी दूर पड़ता था. इसके बावजूद ग्रामीण मतदान जरूर करते थे. चुनाव के कारण ही लोग गांव में रुके हुए हैं, मतदान करने के बाद लोग पलायन करेंगे.

Unique Voter in Latehar
देवबार गांव में स्कूल (ईटीवी भारत)
डीसी भी करती हैं तारीफ

इधर, ग्रामीणों की मतदान के प्रति जागरूकता की तारीफ लातेहार डीसी गरिमा सिंह भी करती हैं. उन्होंने कहा कि इस गांव के रहने वाले मतदाता समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. इनसे सभी लोगों को सीख लेकर मतदान अनिवार्य रूप से करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मतदान सभी मतदाताओं का अधिकार और कर्तव्य दोनों है. इसलिए लोग मतदान अवश्य करें.

लातेहार के देवबार गांव के ग्रामीण समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं. जरूरत इस बात की है कि यहां के ग्रामीणों से अन्य लोग भी सीख ले और मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत करें.

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देवबार गांव के लोग हैं लोकतंत्र के सच्चे पुजारी (ईटीवी भारत)

लातेहार: देवबार गांव में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 300 है. लगभग 100 घर के इस गांव में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज के लोग निवास करते हैं. जंगलों के बीच स्थित इस गांव में रोजगार के कोई बेहतर साधन उपलब्ध नहीं है. स्थानीय लोगों के पास जमीन की भी कमी है. इस कारण यहां के ग्रामीण रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य में पलायन कर जाते हैं. परंतु जब चुनाव का समय आता है तो इस गांव से पलायन नहीं होता है. यहां के मतदाता मतदान करने के बाद ही काम की तलाश में पलायन करते हैं. इस बार भी चुनाव को लेकर ग्रामीण अपने गांव में ही रुके हुए हैं. सभी ग्रामीण 20 मई को होने वाले मतदान की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

Unique Voter in Latehar
देवबार गांव में ग्रामीण (ईटीवी भारत)
8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है मतदान करने, परंतु उत्साह चरम पर

देवबार गांव के ग्रामीणों को मतदान करने के लिए अपने गांव से 8 किलोमीटर दूर मतदान केंद्र पर जाना पड़ता है. इसके बावजूद यहां के मतदाताओं का मतदान के प्रति उत्साह कम नहीं होता. स्थानीय ग्रामीण उपेंद्र भुइयां ने बताया कि यहां के ग्रामीणों को मतदान करने के लिए 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. यदि गाड़ी मिल गई तो ठीक नहीं तो सभी लोग पैदल ही मतदान करने जाते हैं.

Unique Voter in Latehar
देवबार गांव में ग्रामीण (ईटीवी भारत)

उन्होंने कहा कि गांव के अधिकांश लोग मजदूर वर्ग के हैं, इसलिए काम की तलाश में गांव से पलायन कर जाते हैं. परंतु इस वर्ष चुनाव होने के कारण लोग अपने गांव में ही रुके हुए हैं. मतदान के बाद पलायन होगा. वहीं ग्रामीण एतवा भुइयां और अनिता देवी ने कहा कि गांव के सभी लोग मतदान जरूर करते हैं. पिछले कुछ वर्षों से मतदान केंद्र 8 किलोमीटर दूर नदबेलवा गांव में बनाया जा रहा है. उससे पहले सिंजो में मतदान केंद्र होता था, जो काफी दूर पड़ता था. इसके बावजूद ग्रामीण मतदान जरूर करते थे. चुनाव के कारण ही लोग गांव में रुके हुए हैं, मतदान करने के बाद लोग पलायन करेंगे.

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देवबार गांव में स्कूल (ईटीवी भारत)
डीसी भी करती हैं तारीफ

इधर, ग्रामीणों की मतदान के प्रति जागरूकता की तारीफ लातेहार डीसी गरिमा सिंह भी करती हैं. उन्होंने कहा कि इस गांव के रहने वाले मतदाता समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. इनसे सभी लोगों को सीख लेकर मतदान अनिवार्य रूप से करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मतदान सभी मतदाताओं का अधिकार और कर्तव्य दोनों है. इसलिए लोग मतदान अवश्य करें.

लातेहार के देवबार गांव के ग्रामीण समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं. जरूरत इस बात की है कि यहां के ग्रामीणों से अन्य लोग भी सीख ले और मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत करें.

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