नई दिल्ली: आज देशभर में रावण दहन के साथ रामलीलाओं में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. कल नवमी के दिन राजधानी की रामलीलाओं में भी भीड़ दिखाई दी. दरसअल, नवमी के साथ मां दुर्गा के भक्तों के उपवास संपन्न हुए. इसके बाद दिल्ली की जनता रामलीलाओं के फूड कोर्ट पहुंची और चटपटे व्यंजनों के जमकर लुत्फ उठाए. लालकिले पर आयोजित नव श्री धार्मिक रामलीला देखने पहुंचे लोगों ने चांदनी चौक के लज़ीज़ व्यंजनों का आनंद लिया.
नव श्री धार्मिक लीला कमिटी में फूड कोट का आयोजन : लीला के निर्माण मंत्री अशोक मित्तल ने बताया कि नव श्री धार्मिक लीला कमिटी लाल किले के सामने 1958 से निरन्तर रामलीला मंचन करा रही है. कमिटी का प्रयास होता है कि अच्छे मंचन के साथ साथ लोगों को स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना खिलाया जाए. इसके लिए रामलीला मैदान में वातानुकूलित फ़ूड कोर्ट तैयार किया जाता है. जिसको अवध बाजार का नाम दिया जाता है. यहां विशेष रूप से पुरानी दिल्ली और चांदनी चौक के परम्परगत व्यंजनों को परोसा जाता है. रामनवमी के दिन भारी संख्या में लोगों लज़ीज़ जायकों का लुफ्त उठाने पहुंचे.
भरत मिलाप के साथ राम लीला का मंचन खत्म : 14 अक्टूबर को भरत मिलाप के साथ लीला का मंचन खत्म हो जायेगा. उस दिन सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है. लोगों को लगता है अब एक साल बाद ही ऐसा मौका मिलेगा जब चांदनी चौक के मशहूर व्यंजन खाने का लुफ्त उठा पाएंगे. साथ ही नव श्री धार्मिक रामलीला में लगने वाले फ़ूड कोर्ट मुख्य विशेषता यह है कि यहां जितने भी केटर्स हैं सभी को कमिटी द्वारा देसी घी और मसाले दिए जाते हैं. जो बिलकुल ताज़े होते हैं. कमिटी का मानना है कि लीला देखने आने वाले लोगों का विशेष ध्यान रखा जाए.
देसी व्यंजनों की वैराइटी फूड कोट में मौजूद : लीला के महामंत्री जगमोहन गोटेवाला ने बताया कि रामलीला में खान पान के स्टॉल काफी पहले से लगते आ रहे है. 1958-60 को बात है, तब भी शहर के जाने-माने खोमचे ग्राउंड में लगते थे। उस दौर में रामलीलाएं जल्दी शुरू ही जाती थी. लोग शाम को जल्दी आकर बैठ जाते थे. देर रात तक मंचन देखते थे. फिर भूख लगने पर रामलीला में ही खाना खा कर जाते थे. लेकिन अब समय बदल गया है. कई लोग रामलीला में केवल लज़ीज़ खाना खाने और झूले झूलने ही आते हैं. लीला के प्रचार मंत्री राहुल शर्मा ने बताया कि कुंभकरण को भी चांदनी चौक की चाट पकौड़ी की सुगंध से जगाया गया. कोशिश है कि बच्चे देशी व्यंजन को जाने और समझे. पिज्जा, बर्गर से दूर रहे.
13 अक्टूबर को मेले में भारी भीड़ जुटने की संभावना : बता दें कि शुक्रवार, 11 अक्टूबर को लाल किला मैदान पर आयोजित होने वाली तीन प्रमुख रामलीलाओं में भारी भीड़ मौजद थी. इसके चलते कई लोगों को अपने संबंधियों को ढूंढने में भी काफी दिक्कत हुई. साथ ही झूलों पर नंबर आने में भी घंटों का समय लग रहा है. बहरहाल, 13 अक्टूबर के दिन भरत मिलाप के बाद रामलीलाओं का दौर इस वर्ष ले लिए ख़त्म हो जायेगा.
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